मंगलवार, 6 जनवरी 2015

म्हारी धरती

मारवाड है म्हारी धरती
मारवाड है म्हारो देस
इण म्हारी धरती माते
सब रा रंग रंगीला वेस
जाती सब री अलग भले ही
पर एक है खान पान
मेहमान आवे घर में जद
लागे आयो कोई भगवान
कोई अटे गुर्जर है
तो कोई है देवासी
पूछो जणे जवाब देवे
म्हे हाँ मारवाड वासी
लापसी रो स्वाद अलग है
तो खाटो लागे भारी
राबङी अटारी जान है
केर सांगरी री रंगत न्यारी
हल्दी रो तो जवाब कोनी
आतो है दवाई
साग वणे घर में जद
शाबासी पावे लुगाई
मारवाड री बात मत पूछो
मारवाड री होड कोनी
आवे अटे एक बार
वो भूल जावे सबोनी
एडो म्हारो मारवाड है
ओ है म्हारो देसहर कोई रो स्वागत है
एक बार पधारो म्हारे देस
"जय जय मारवाङ"
"जय जय राजस्थान"

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