सोमवार, 29 जून 2015

विवाह मा ध्योन राकवा री वातो...........

विवाह मा ध्योन राकवा री वातो.................
1. जोने जाओ जरे कपडा ढंग रा पेरना, नीसा-नीसा पेंट पेरेन गनातो ने jockey री अंडर वियर नी वतावनी..
2. सवरी मा विदराजा हाते एक जना ने आवा रु के तो गनातो ती बहस नी करनी डेरे पु जाणू..
3. डेरे जावा रु कियो पुटी बारे उबा उबा माये जावा री तरकीब नी होजनी मोडिया थोन कामयाब वेवा नी दिए..
4. ओपरी जोन रे हाते वरे कोई जोन आयोडी वे तो बीजा विदराजा री खोमियो नी काडनी..
5. बैठक मा बेटा वो जरे आकोदाडू मोबाइल री खटपट नी करनी..
6. विदराजा रे रातरा मोड़ा फेरा वेतो थोड़ी वेला अलार्म लागावेन पु हुनु, 2 वजियो हुदी जगवा हारू candy crush रा लेवल पार नी करना..
7. मोबाइल री फालतू बेट्री लो नी करनी फोन बंद पडियो पुटी आकरु पड़ी डेरा मा आधी रातरा चार्जर होजता फरेयो..
8. विदराजा रे नेनको हालो जिमवा भेलो बिए तो डुसा-डुस कवा नी देना..
9. खावान जतरू भावे वतरु थाली मा लेणु पसे नी भावे जरे गुलाब-झोबू ने बीजा दरी रे हेटे नी घालना..
10. विदराजा रे पाडे बेनू वेतो गनातो ने केन एक पलंग वरे पो मंगावनो, एक पलंग माते दस जना बेन पलंग नी तोड्नो..
11. एक हकायो एनी टाइम विदराजा रे पाडे रेणू भुआ रे घरे बेन रे घरे मलवा जाणु वे तो पसे पु जाणु अबार जोने आयोडा हो.
12. बैठक मा विदराजा ने सेन या विटी जो भी दिए बेग मा पी घालनी वटे बैठक मा "1 तोला री है 2 तोला री है फोरकी है "करवा नी बेनू..
13. बैठक पटियों पुटी गनातो रा मोर थापोड़ना धन्यवाद देनो साफो ने रूपया गुजिया मा घालेन टपु टपु रवोने नी वेणु..
14. जोन पासी रवोने वे जरे रास्ता मा मोमोई बीजा वे तो बीडी पी सडावनी थोडू अमल पाड़े रकनु..
15. फेरा फरियो पुटी सवरी निसा उतरे जरे विदराजा ने तेडनो वे तो पेला ओपरी बोडी पी देकनी जोश जोश मा होडा गोडा करवा नी जानू, विदराजा ने लेन हेरी मा लोबा वेइयो तो वेवोणों हँसी............। बिजु कोई नी; मे तो थोरे भला हारू कियो हु

रविवार, 28 जून 2015

राजस्थानी कहानियां और किस्से


एक बै एक ताऊ नै घर मै हैडपम्प लगा राख्या था ' अर एक पिलूरा पाल राख्या था !
उड़ै बहू/छोरी पाणी भरण आया करती!
एक बहू नई-नई आयी थी ' अर नई बहुवां नै नये-नये सूट बदलणे का शौक होवै सै !
ताऊ था असल नकल ठोकण आला !
जब भी वा बहू पाणी लेण आती ' ताऊ पिलूरे के बहाणे बहू पै नकल मारता...
रै पिलूरे आज तै जमा लाल होरया सै..
रै पिलूरे आज तै सारा ही लीला होरया सै
रै पिलूरे आज तै तू काला पड़रया सै
कई दिना मै बहू कै समझ मै आया अक यो बूढ़ा तो तनै कह सै..
अर उस नै आपणै खसम नै कह दी कि वो बूढ़ा न्यू न्यू नकल मार सै !
वो छोरा सुण कै बूढ़े धोरे आया अर बोल्या..
ताऊ तनै बहुवां कानी बात मारता शरम कोन्या आवै...थारी उमर रह री सै इण
बातां की !
ताऊ बोल्या :-
भाई ' मै तै इस पिलूरे नै कहया करता
अर जै बहू फरक मान गी तो टाल
कर दांग्या !
आगले दिन वा बहू फेर पाणी लेण आयी
ताऊ बोल्या :-
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रै पिलूरे इसी-इसी बात के घरां बतावण
की होया करै...!!

झंडू बेचारे की मां मरगी ! उसका बापू कई साल पहल्या ही मर-ग्या था !
ईब झंडू कै घर मै कुल दो प्राणी रह गे
वो खुद अर उसकी बहू !
झंडू सारा दिन माड़ा सा मन बणा कै
बैठया रहता !
उणकै घरां एक कुत्ती आया करती !
एक दिन झंडू अपणी बहू तै बोल्या :-
देख भागवान न्यू कहया करै अक मरे पाछे आदमी की जूणी बदल ज्या सै
के बेरा मारी मां या कुत्ती बणगी हो
देख ' इकी खुब सेवा करया कर !
फेर झंडू की बहू उस कुत्ती की आच्छी सेवा करण लाग-गी !
उसनै रोटी खुवाती ' कदै लस्सी पिलाती !
एक दिन के होया के उस कुत्ती गेल्यां लाग कै एक कुत्ता भी घरां आ-ग्या !
झंडू की बहू घूंघट काढ़ कै घर का काम करण लाग री थी !
झंडू नै देख्या अक कोए बड़ा आदमी भी कोन्या दिखता अड़ै ..तै फिर या घूंघट किस तै काढ राखी सै..?
झंडू उसतै बोल्या :-
भागवान यो घूंघट किस तै काढ राखी सै..?
उसकी बहू बोली :-
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देख बाहर ' तेरी मां गेल्या तेरा बापू
भी आ रहया सै...!!

रदलू दूसरे शहर मै काम करया करता !
साल भर पाछे वै गाम आया !
सांझ नै उसकी बहू भरतो बूझण लागी अक आज कुणसा साग बणाऊं..?
रदलू बोल्या :-
आलू एंड गोभी रांद ले !
इतणा कह कै बाहर गाम मै घूमण
निकल-ग्या !
भरतो सोच मै पड़-ग्यी...के घरां आलू भी सै अर गोभी भी सै...पर यो एंड
के होया !
भरतो अपणी पड़ोसण धोरे बूझण गई !
पड़ोसण नै भी कोनी बेरा था अक यो
एंड के हो सै !
उसने सोची अक ना बताई तो भरतो आगे बेजती हो ज्या-गी !
पड़ोसण बोली :-
एंड तो गोबर हो सै !
बस फेर के था ' भरतो नै घरां आ कै गोबर का छौंक लगा कै साग बणा दिया!
रोटी खाते टेम रदलू बोल्या :-
आज तो सब्जी चरचरी लाग री सै !
भरतो बोली :-
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एंड किमै घणा पड़ग्या होगा...!!!

एक काला भसडं गाड्डे लुहार अर उसकी लुहारी बस मे सफर करै थे !
बस मै भीड़ थी ' वे दोन्यू न्यारे-न्यारे
बैठ-गे !
रास्ते मे कई टिकट चैकर बस मै चढ़ गे!
लुहारी नै एक टिकट चैकर को दोन्यू
टिकट दिखा दी !
टिकट चैकर बोल्या :-
दुसरी सवारी कुण सी सै ' उसकी शकल
दिखा !
लुहारी रूका मार कै बोली :-
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ओ लुहार ' एक बै खड़ा होइये
तनै देखण आले आरे सै...!!

भाई ' एक बै चार मौलड़ घणी दारू पी कै ' रात कै बारह बजे पाच्छे बड़े गाम
मै आ कै !
सारे कती धुत हो रे थे !
एक घर धोरे आकै रूका मारण लाग गे..
रणबीर ' ओ रणबीर ' रणबीर रै !
रोला सुण कै छात पर तै एक लुगाई
बोल पड़ी...
क्यूं रोला करो सो ' अड़े कोन्या रणबीर
वो तो दुसरे गाम गया सै !
न्यू सुण कै उन मौलड़ म्हा तै
एक बोल्या :-
तू कुण सै फिर..?
वा बोली :-
मै रणबीर की बहू सूं और कुण सूं !
इतना सुणना था के उन म्हा तै
एक बोल्या :-
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ठीक सै ' एक बै तलै आ-ज्या अर आपणे नै पिछाण ले-ज्या ..
हम भी जाके सोवां फिर..

शनिवार, 27 जून 2015

भयानक घटना

उदयपुर की भयानक घटना,
जिसे सुन कर इंसान की रूह काँप जाती है ।
मगर उन जालिमों के हाथ ना काँपें सुबह 7:00 बजे 
दिनांक : 16 जून  २०१५

उदयपुर में मात्र ३ साल का मासूम बच्चा जो अभी सही तरह बोल नहीं सकता था ........
तीन लोगों ने उसे घेर लिया. लोग भी कौन ?

उसके अपने

एक बाप,
दूसरी उसकी माँ और
तीसरा उसका सगा चाचा.

पहले मीठी मीठी बातों से उसे बहकाया,
फुसलाया,
फिर आँगन के
बीचों बीच
उसे दबोच लिया

वह हाथ जोड़ता रहा ,
रोता रहा.
उसकी चीखों से आसमान लजा गया,
मगर उसके सगे माँ बाप और चाचा ने उसकी एक ना सुनी और,
उसे जबर्दस्ती.......
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...
...
...
तैयार कर स्कूल भेज दिया गया

बेचारा .......

गौर से पढ़ने के लिये शुक्रिया
है ना हटके

गुरुवार, 25 जून 2015

भेरूG

दुनिया का नेटवर्क भले ही  3G /4G से चलता हो,




गाँव मे तो आज भी  "भेरूG" से ही चलता है !

मंगलवार, 23 जून 2015

आव मेह बस आव

गजब हुय गयौ गांव में, सूखा कुबा अर वाव।

पणिहारी झुरै थने, आव मेह बस आव॥

कुणरै आगै रोणु रौवाँ...

कुणरै आगै रोणु रौवाँ...
~~~~~~~~~~~~~~~~
इस्कूलां में टीचर कोनी, क्लासां में फर्नीचर कोनी
कुणरै आगै रोणु रौवाँ, आफिस में आफिसर कोनी !
गया कम्पोटर छुट्टी माथै, नर्स डाक्टर दोन्यू साथै
रोगी भोगी राम भरोसे, इस्पताल में बिस्तर कोनी !
रेलम पेल रेल में होरी , टिकटा मिलनी दोरी होरी
आरक्षण की इस्टेसन पर, तेरो मेरो नंबर कोनी !
बण्या पावना बिजली पाणी, रोजिनैरी राम कहानी
बिल भरता जावो मांगे ज्यूँ , कोई काम रा मीटर कोनी !
कर्जे में डूब्यो किरसाणी, कद आवेली बिरखा पाणी
गई साल बेल्या बेच्या हा, अबकी बिरियाँ ओ घर कोनी !
काल गाँव में चोरी होगी, पुलिस आवणी दोरी होगी
थाणै में उल्टा धमकावै आँ बापाँनै कीं डर कोनी !
आतंकी नित तुरल मचावै, नेता गीता ज्ञान सुणावै
कुर्सी का कीड़ा है सगळा कोई बात की सद्दर कोनी !
'भावुक' तो भोलो है भाई, जे बोलै तो राम दुवाई
तू बोलै तो बोल भलांई, बाकि कां में सुरतर कोनी !
-गौरीशंकर बल्दुआ 'भावुक'
छापर , राजस्थान

इंतजार चौमासा रो

इंतजार चौमासा रो
बिरखा बरसी सांतरी,
मुरधर जागी आस ।
कोठा भरसी धान रा,
डांगर चरसी घास ।।
हाळी हळड़ा सांभिया,
साथै साम्भ्या बीज ।
खेतां ढाणी घालसी ,
स्यावड़ गई पसीज ।।
ऊंचै धोरै बाजरी,
ढळवोँ बीजूं ग्वार ।
बिच्च बिच्च तूंपूं टींढसी,
मतीरा मिश्रीदार ।।
ऊंचै धोरै टापरी,
साथै रैसी नार ।
दिनड़ै करां हळोतियो,
रातां बातां त्यार ।।
काचर काकड़ कीमती,
मतीरा मजेदार ।
मोठ मोवणा म्होबला,
धान धमाकैदार।।
आभै गाजी बादळी,
मुरधर नाच्या मोर ।
जीया जूण खिलखिली,
देख घटा घनघोर ।।
आभै चमकी बीजळी,
मनड़ै जाग्यो मोह ।
बादळ राजा बरससी,
मिटसी पिया बिछोह ।।
छमछम बरसै बादळी,
धम धम नाचै मोर ।
धरती माथै रूंखड़ा,
घालै घूमर जोर ।।
बादळ ऐड़ा ओसरया,
मुरधर करियो वास ।
धरती आली सांतरी,
करसां पूरी आस ।।
डेडर जीभां खोल दी,
भरिया देख तळाब ।
कोयल वाणी सांचरी,
मुरधर उमड़ी आब।।

सोमवार, 22 जून 2015

3 गंजी + 3 गंजी

मारवाड़ में आधार कार्ड बन रहे थे तो एक लुगाई से अधिकारी ने पुछा की तुमारे घरवाले का नाम क्या है ........
..
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लुगाई बोली हमारे उनका नाम नहीं लेते...
.....
अधिकारी::::::कोई हिंट तो दो:::::::::

लुगाई (3 गंजी + 3 गंजी)
......

अधिकारी बोला क्या ....
......??

तभी बाजु में बुड्ढा बोला
...........
साब "छगनजी"

रविवार, 21 जून 2015

ले नाच मारी बिनणी

नरेन्द्र मोदी -
अब इन राजस्थान वालो ने तो हद कर दी यार
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मुझे एक पत्र लिखा जिसमें कहा  कि बढ़ती हुई लोकप्रियता को महत्व देते हुए  'वन्दे मातरम 'के स्थान पर
'ले नाच मारी बिनणी भंडारा मे D.J बाजे नाच  .."

गाने को रास्ट्रगीत घोषित करो


गन्ना रो रस

हम तो निकले थे तलाशे ऐ इश्क में
अपनी तनहाईयों से लड़ कर

मगर
:
:
:
:
:
:
:
:
:
तावङो घणो थो तो गन्ना रो रस पिर पाछा आग्या ......#

कालियो लूण...

एक लडकी गन्ने के ठेले पर रस पीते टाईम
इम्प्रैशन झाड़ते हुए बोली....
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दादा प्लीज गिव मी कालियो लूण... !

उन्धी-सुईं

संता - कतली के चाँदी का वर्ग क्यो लगाते है       Chinese - Wrong Qus.       

American - No comments  

Japanese - don't know             

व्यास जी -
अरे उन्धी-सुईं रो ठा पड़ जावे
ई वास्ते लगावे।

शनिवार, 20 जून 2015

गुरुवार, 18 जून 2015

दियाया भचीड़

"मारवाड़ी" भच्चीड़
एक बार एक महाराष्ट्र का गुरूजी की नोकरी राजस्थान में लग गई
राजस्थान में रहते हुऐ गुरूजी को कई साल हो गये
और गुरूजी को मारवाड़ी भाषा का काफी ज्ञान हो गया
और बे टाबरां ने केंवता की मने पूरी मारवाड़ी आवे है
बच्चा बोल्या गुरूजी मारवाड़ी तो पूरी म्हाने भी कोनी आवे थे कठेऊ सीख गया
बे बोल्या मने तो पूरी आवे है थे कीं पूछ सको हो

एक दिन गुरूजी सुबह सुबह बन में जायकर आया
टूंटी पर हाथ धोवा की टींगर बोल्या

गुरूजी दियाया भचीड़

गुरूजी सोच्यो बन में जाणे ने भचीड़ ही केवे है

हाँ भाई दियायो भचीड़
बात आई गई हूगी

दोपारां बोर्डिडिंग मेस में खीर बनाई
एक कानी गुरूजी दूसरी कानी छोरा बैठा जीमण ने

गुरूजी बोल्या भाई खीर की खुसबू तो घणी सांतरी आवे है लागे है खीर जोरदार बनी है

छोरा बोल्या पछ देखो काई हो गुरूजी
दयो भचीड़

गुरूजी सोच्यो खीर खाने ने भी भचीड़ ही केवे है शायद

शाम को मैदान में रस्सा कसी को खेल चाल रियो हो
गुरूजी एक छोर रस्से को पकङकर उभा हा

बठीनू छोरा आया और बोल्या कई करो गुरूजी
गुरूजी--भाई रस्सा खेंच प्रतियोगिता चालू है

छोरा--पछे देखो कांई हो गुरूजी
दयो भचीड़

गुरूजी रस्से ने परे फेंकन बोल्या
भचीड़ भचीड़ भचीड़ ओ कांई है भचीड़
सुबह से एक ही बात भचीड़
छोरा बोल्या गुरूजी म्हे पेली ही आपने कियो की

मारवाड़ी आदमी ने कोई कोनी समझ सके तो
आ तो मारवाड़ी भाषा है
गुरूजी बेहोश

रविवार, 14 जून 2015

10 वी का परीक्षा परिणाम

30 साल पहले जब 10 वी का परीक्षा परिणाम आता था समाचार पत्र में  1St division.का कोलम छोटा  2nd division. का कोलम उससे थोडा बड़ा  3rd division.का व् सप्लीमेंट्री का कोलम बड़े होते थे लेकिन आज बिलकुल उससे एकदम विपरीत है

टेस्टी है भासा..

मैगी की घटना के बाद 5 जोधपुरी मिर्ची बड़े कोलकाता टेस्ट के लिए भेजे.
वहाँ पार्सल मिलने के कुछ देर बाद ही रिपोर्ट आई.
रिपोर्ट मे लिखा आया.
रिजल्ट : टेस्टी है भासा..और भेजो

शनिवार, 13 जून 2015

दो डोकरा


दो डोकरा बाहर रिस्तेदारी मे गया तो पहला आदमी जिस भी जगह
बैठता दूसरा आदमी उसकी जगह साफ कर देता। ऐसा पांच दस
बार हुआ तब जाके एक और डोकरे ने पूछा कि तू खुद की जगह
की बजाय इसकी जगा क्यो साफ कर रिया है
तो उस आदमी ने बोला कि
कय करू भाइ
यो डोकरो धोती म्हारी पेर के आयो है

बुधवार, 10 जून 2015

चालो नानेरा चाला

दूसरे राज्यो के लोग छुटियाँ में कुल्लू,मनाली,मसूरी,नैनीताल,शिमला,ओर ना जाने कहाँ कहाँ घूमने जाते ह्---
और अपने तो बस last और first हथियार--
"चालो नानेरा चालां

चढ़ नहीं रही आजकल

Maggi के पीछे पड़े हैं सारे
कोई दारू के samples भी check kare......
साली चढ़ नहीं रही आजकल

आरी जारी

अर्ज किया है कि.......................................
तेरी अदाओ पे में वारी  वारी
तेरी अदाओ पे मै वारी वारी
क्या तुम्हारे उधर बारिश आरी?
हमारे इधर तो आरी जारी आरी जारी ।

मंगलवार, 9 जून 2015

मर क्यू री

मेडम: सूर्य के पास कौन सा ग्रह है?  हरयाणवी छात्र: एक मिनिट बता रिया हूँ
मेडम: जल्दी बताओ!!!
हरयाणवी छात्र: बता रिया हूँ, मर क्यू री है!
मेडम: शाबाश बैठ जाओ!!!.

शनिवार, 6 जून 2015

यदि मेट्रो जोधपुर मे शुरू होती है

यदि मेट्रो जोधपुर मे शुरू होती हे
तो चेतावनी सुचना इस प्रकार होगी ...

1) धकलो टेशन सोजतीया गेट आवेला,
आडो जीवना हाथ कनी खुलेला, हावल
ऊतरजो सा,
हेठे आगिया तो थाणो कादो निकल जावेला ।
2. टेशन माथे पीली पट्टी रे
लारे ऊबा रईजो,
गेलाइया मत करजो सा ।
3. मेट्रो रो पहलो डब्बो लुगाइयो रो है,
आदमीया लोग डोपा हुवेजु घुस जो मती,
एडो करियो तो पछे होटा पडेला ।
4) मेट्रो मे लुगाया ओर बुढा माईता ने
पहली बैठवा दीजो सा ।
5) मेट्रो मे आवो तो स्मार्ट कार्ड काम मे लिजो,
चार पईसा थाणा ही बचेला ।
6) ओर हेन्गाऊ जरूरी बात..मिराज ओर
गुटखो खाने अटी वटी मत
पिचकारीया मारजो.

थाणा काकोसा केमरा मे हेंग देखे है ।

शुक्रवार, 5 जून 2015

जोधपूर हिला देंगे

मैगी तक तो ठीक है पर किसी ने गलती से कचोरी या मिर्ची बड़े पर रोक लगाई तो पूरा जोधपूर हिला देंगे ������ ।।

आओ जोधपुर की सैर करे

आओ जोधपुर की सैर करें

जोधपुर अजब है !
जोधपुर ग़ज़ब है !!
अच्छा चलिए : आप कैसे पता करेंगें कि आप जोधपुर के किस कोने में हैं  ???

1) दो आदमी लड़ रहे हैं,
एक आदमी आता है,
उन्हें देखता है
और
चला जाता है... सरदारपुरा   है.

2) दो आदमी लड़ रहे हैं,
एक आदमी आता है, उन्हें समझाने की कोशिश करता है, फलस्वरुप दोनों लड़ना छोड़ कर समझाने वाले को मारने लग जाते हैं...
ये  बी जे ऐस एरीया है.

3) दो आदमी लड़ रहे हैं,
एक आदमी अपने घर से आवाज़ देता है :
"मेरे घर के आगे मत लड़ो, कहीं और जाओ"....शास्त्री नगर  है.

4) दो आदमी लड़ रहे हैं, पूरी भीड़ देखने के लिये इकट्ठी हो जाये
और
एक आदमी चाय की दुकान लगा दे....
तो ये धान मण्डी है.

5) दो आदमी लड़ रहे हैं, दोनों मोबाइल से कॉल कर
दोस्तों को बुलाते हैं,
थोड़ी देर में 50 आदमी लडने लगते हैं...
ये बम्बा, बकरा मंङी  है.

6) दो आदमी लड़ रहे हैं,
एक आदमी ढेर सारी बीयर ले आता है,
तीनों एक साथ बीयर पीते हुए एक-दूसरे को गाली देते हैं...!
ये सूरसागर है.

7) दो आदमी लड़ रहे हैं,
दो आदमी और आते हैं,
वो आपस में बहस करने लगते हैं कि कौन सही है कौन गलत, देखते देखते भीड़ जमा हो जाती है,
पूरी भीड़ बहस करती है, लड़ने वाले दोनों खिसक लेते हैं....!
ये तापी बावङी है.

8) दो आदमी लड़ रहे हैं,
एक आदमी आता है,
गन निकालता है
और
ढिचकांव...
और सब शान्त हो जाता है..! यानि कि
आप कबीर नगर कोलोनी पहुँच गए...!

ओर अगर..
  दो आदमी लड़ रहे हैं, उन दोनो कि लडाइ मे तिसरा मार कर चला जाए तो फिर यह समझ लीजिए आप उम्मेद चौक पहोच गये है
उम्मेद चौक में आपका स्वागत है !!!

गुरुवार, 4 जून 2015

लाईट आग्यी लाईट आग्यी

मास्टर जी:- बच्चों दुनिया मे सबसे ज्यादा बार खुशीयाँ कहाँ मनाई जाती है।
भैरजीलाल:- गुरूदेव सबसे ज्यादा बार खुशीयाँ राजस्थान में मनाई जाती है।
मास्टर जी:- बताओ कैसे भला ।
भैरजीलाल:- जी यहाँ हर 2-3 घँटे बाद लोग खुशी से झूम के बोलते है की "लाईट आग्यी लाईट आग्यी"

मंगलवार, 2 जून 2015

जाणो कठै है ???

मार्टिन_लूथर_किंग ने कहा था...
अगर तुम # उड़ नहीं सकते तो,
# दौड़ो !
अगर तुम # दौड़ नहीं सकते तो,
# चलो !
अगर तुम # चल नहीं सकते तो,
# रेंगो !
पर # आगे बढ़ते रहो !
.
मारवाड़ी:-
या तो ठीक है लूथरा जी, पण जाणो कठै
है ???

सोमवार, 1 जून 2015

राजस्थानी शब्द


राजस्थानी शब्द

वीरा              भाई
भावज            भाभी
भंवर             बड़ा लड़का
भवरी            बड़ी लड़की
छोरा-छोरी     लड़का-लड़की
डांगरा            पशु
ढोर              भेड़बकरी
बींद              पती/दुल्हा
बींदणी          बहू/दुल्हन
लालजी         देवर
लाडो            बेटी
लाडलो          प्रिये
गीगलो/टाबर    बच्चा
लाडी             सोतन
गेलड़             दूसरे विवाह में स्त्री के साथ जाने वाला बच्चा
बावनो         लम्बाई में छोटा पुरुष
बावनी           लम्बाई में छोटी महिला
घनेड़ो-घनेड़ी  भानजा-भनजी
भूड़ोजी         फूफाजी
धणी-लुगाई    पती-पत्नी
भरतार          पती
कलेवो          नाश्ता
गिवार           अनपढ
बेगा बेगा       जल्दी जल्दी
बेसवार         मसाला
जिनावर        जीव जंतु
सिरख          रजाई
गूदड़ा           छोटा बेड/गद्दा
पथरना         छोटा बेड
हरजस         भजन
पतड़ो          पंचांग
मीती            तीथी
बाखल          लान
तीपड़           तीसरा माला
शाल            सामने का बड़ा कमरा
तखडीओ      तराजू
पसेरी/धडी      5 kg
मण              40 kg
सेर               1kg
धुण              20 kg
बेड़ियो          मसाला रखने का बॉक्स
घडूची          पानी का मटका रखने की वास्तु
ओरा            कोने का कमरा
परिंडा          पानी रखने की जगह
खेळ            पशुओ के पानी पिने का स्थान
कोटड़ी        बोक्स रुम
मालिया        छत पर कमरा
गुम्हारिया      तलघर
कब्जो           ब्लाउज
मूण             मिट्टी का बड़ा घड़ा
मटकी          मिट्टी का घड़ा
ठाटो            कागज गला कर अनाज
                    रखने का बर्तन
गूणीया         चाय/दूध/पानी रखने का
                     छोटा बर्तन  तड़काउ        भोर
उन्द्दालो        गर्मी का मौसम
सियालो        सर्दी का मौसम
चौमासो        बारिश का मौसम
पालर पाणी    पीने का बारिश का
                   पानी
बाकल पाणी   पीने का नल का पानी
दिसा जाना     पायखाना जाना
रमणन           खेलने
तिस (लगना)    प्यास (लगना)
गिट्ना              खाना
ठिकाणा          पता (Address)
किना उडाणा   पतंग उड़ाना
ख्वासजी         नाई
अगूण             पूर्व
आथूंण            पश्चिम
कांजर            बनजारा
झरोखो           खिड़की/विंडोज
बाजोट           लकड़ी की बड़ी चौकी
मांढणो         लिखना
कुलियों       मिट्टी का छोटा बर्तन
मायरो         भात
मुदो           तिलक (विवाह में वर का)
मेल            विवाहिक प्रीतिभोज
मुकलाओ      गोणा/ बालविवाह उपरांत  पहली बार पीहर से पत्नी को घर लाना

बटेऊ           मेहमान
पावना         जवाई
सुतली         रस्सी
ठूंगा              लिफ़ाफ़ा
पूँगा/मुशल        बेवकूफ़
लूण            नमक
कंदों           प्याज
खूंटी          वस्तु/वस्त्र लटकाने का स्थान
कासंन       बर्तन
जापो          बच्चा पैदा होना
ओबरो       अनाज रखने का स्थान
खाट/माचो    बड़ी चारपाई
खटुलो          छोटू चारपाई
घुचरियो     कुत्ते का बच्चा
मुहमांखी     मधु मक्खी
भिलड         घोडा मक्खी
लूकटी         लोमड़ी
गदडो          सियार
खुसड़ा        जूते चप्पल
बरिंडा         बरामदा
आंगी           स्त्री की चोली
कांचली         स्त्री की कुर्ती
झालरों          गले में पहने की माला
गंजी/बंडी        बनियान
झबलो/झूबलो   पवजात बच्चे का वस्त्र
मांडि         कलब (वस्त्रो में दी जाने वाली)
आंक           अक्षर
तागड़ी       स्त्रिओ के कमर पर पहने का आभूषण
झुतरा        बाल
मोड़ों          साधू
पूरियों        जानवरों के भोजन का स्थान
चूंण          आटा
राखूंडो      बर्तन साफ करने का स्थान
सांकली      सरकंडा
होद           पानी रखने की भुमि गत टंकी
उस्तरा        रेजर/दाढ़ी करने का औजार
नीरो             पशुओ का चारा
चोबारा          ऊपर का कमरा
टोळडो          ऊँट का बच्चा
उन्दरो            चूहा
किलकीटारि    गिलहरी
पिडो            बैठने की रस्सी/ऊन की चौकी

बातां रुळगी भाषा लारै -ओम पुरोहित कागद

बातां रुळगी भाषा लारै

              ओम पुरोहित कागद

राजस्थानी संस्कृति रा ठरका निराळा। संस्कृति पण कांण राख्यां। कांण रैवै राख्यां। हाल घड़ी बडेरां कांण राख राखी है। पण कीं अरथां में मोळी पड़ती लखावै। सरूआत आंगणै सूं। आंगणै सूं सबद खूट रैया है। काको, मामो, मासो, फूंफो, कुलफी आळै भेळो अंकल। मामी, मासी, भूआ, काकी, नरसां भेळी अंटी बणगी। देखतां-देखतां ई आपणी संस्कृति खुर रेई है। ढाबै कुण? मोट्यार तो अंग्रेजी रा कुरला करै। सो कीं भूल'र माइकल जै सन रा नातेदार बणन ढूक्या है।
बात नातां-रिस्तां री। नातेदार बै जका आपरी पांचवीं पीढी सूं पैली फंटग्या। पण भाईपो कायम। रिस्तेदार बो जकै सूं आपरो खून रो रिस्तो। यानी चौथी पीढी सूं लेय'र आप तांई। गिनायत कैवै खुद रै गोत नै टाळ आप री जात रै दूजै लोगां नै। जिण सूं आपरा ब्याव-संबंध ढूक सकै। कड़ूंम्बो कैवै दादै रै परिवार नै। लाणो-बाणो हुवै खुद रो परिवार। गनो होवै संबंध। जियां म्हारी छोरी रो गनो व्यासां रै ढूक्यो है। तो ओ होयो गनो। छोरै अर छोरी रै सासरै आळा होया सग्गा। ऐ बातां अब कुण जाणै?
आजकाळै कीं रिस्ता-नाता तो इलाजू कळा जीमगी। कूख मौत होवण सूं काका-काकी, बाबो-बडिया, भाई-भौजाई, मासो-मासी, फूंफो-भूआ, नणद-नणदोई, जेठ-जेठाणी, देवर-देराणी, काकी सासू, बडिया सासू, भूआ सासू, मासी सासू, मामी सासू जै़डा सबद आंगण में लाधणा दौ'रा होग्या। जद ऐ नामी रिस्तेदार, नातेदार अर गिनायतिया ई नीं लाधसी तो टाबरियां री ओळ कठै।
भेळप अर ऐ कठ राजस्थान्या री आण। पण अब तो ब्याव रै तुरता-फुरती न्यारा होवण री भावना। कुण जाणै कै देवर रो छोरो देरुतो, छोरी देरुती, जेठ रो बेटो जेठूतो, बेटी जेठूती, नणद रा बेटा-बेटी नाणदो अर नाणदी, काकै अर भूआ रा बेटा-बेटी, भतीजा-भतीजी, आजकाळै एक छोरै रो चलण। छोरी तो होवण ई नीं देवै। एक छोरै रै एक छोरो। बाकी रिस्तां रै लागै मोरो। आ होयगी भावना। घणकरै दिनां में टाबर पूछसी- 'पापा ये भूआ और फूंफा या होता है? मासा-मासी किसे कहते हैं?' ना साळा-साळी रैसी, ना मासा-मासी अर ना मामा-मामी। काका-काकी, भूआ-फूंफा अर बाबा-बडिया सोध्यां ई नीं लाधैला
दूसरो ब्याव करणियो दूजबर, किणी रै बिना ब्याव बैठणो, चू़डी पैरणो बजै। इण नै नातो कैवै। नातै जावण आळी लुगाई नै नातायत। नातै गयोड़ी लुगाई रै लारै आयोडै टाबर नै गेलड़ कैवै। जद रिस्ता-नाता, गन्ना, अर कड़ूम्बै रो ग्यान नीं तो संस्कारां रो ध्यान कठै। बडै रै पगाणै बैठणो, सिराणै नीं। भेळा जीमतां टाबर पछै जीमणो सरू करै पण चळू पैली करै। बडेरो आदमी जीमणो पैली सरू करै पण चळू छेकड़ में करै। सवारी माथै लुगाई लारलै आसण बैठै। आगलै पासै बैन, भौजाई, मा, दादी, काकी, बडिया, भूआ आद बैठै। अब पण ऐ बातां तो भाषा रै लारै ई रुळगी। मायड़ भाषा नै मानता मिलै तो पाछी बावड़ै। अब बांचो रिस्ता जाणण री दोय आड्यां-

(१)
पीपळी रै चोर बंध्यो, देख पणियारी रोई। 
काईं थारै सग्गो लागै, काईं लागै थारै सोई।।
नीं म्हारै सग्गो लागै, नीं लागै म्हारै सोई।
ईं रै बाप रो बैन्दोई, म्हारै लागतो नणदोई।। (बेटो)
(२)
जांतोड़ा रै जांतोड़ा, थारै कड़ियां लाल लपेटी।
आ आगलै आसण बैठी, थारै बैन है का बेटी।।
नीं म्हारै आ बैन है, नीं है आ म्हारी बेटी।
ईं री सासू अर म्हारी सासू, है आपस में मा-बेटी।। (बेटै री बू)

थार थळी से कागद जी की पोस्ट