मंगलवार, 28 जुलाई 2015

लिखता तो रोवै कलम, कठै गयो कलाम।

लिखता तो रोवै कलम, कठै गयो कलाम।
आखर संग कागद करै, आँसू भरया सलाम।।

नेह समेत करू नमन मानो मिसाइल मैन
शब्दा री श्रद्धांजलि टपकन लाग्या                      सीधो सरल सुभाव रो एहडो नर नह और
करूँ विदा कलाम जी छलकी नैना कौर
धरम जात सूं उपरे मानव मोटो एक
आज छोड़ चाल्यो अबे नर घणो ओ                    भारत माता भाल ने कियो ऊंचो कलाम
फेरु पाछो आवज्ये सादर करूँ सलाम

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