रविवार, 9 अगस्त 2015

गणित मे प्यार के दो शब्द

एक बार एक गणित के अध्यापक से उसकी पत्नी ने गणित मे प्यार के दो शब्द कहने को कहा, पति ने पूरी कविता लिख दी :                      म्हारी गुणनखण्ड सी नार, कालजो मत बाले,            
थन समझाऊँ बार हजार, कालजो मत बाले----------------
1. दशमलव सी आँख्या थारी, 
न्यून कोण सा कान,      
त्रिभुज जेडो नाक,           नाक री नथनी ने त्रिज्या जाण,
कालजो मत बाले----------------
2. वक्र रेखा सी पलका थारी,
सरल भिन्न सा दाँत,
समषट्भुज सा मुंडा पे,     
थारे मांख्या की बारात,     
कालजो मत बाल---------------  3.रेखाखण्ड सरीखी टांगा, 
बेलन जेडा हाथ,           
मंझला कोष्ठक सा होंठा पर टप-टप पड रही लार,   
कालजो मत बाले-----------------     4.आयत जेडी पूरी काया,  
जाणे ना हानि लाभ,          
तु ल. स. प. मुं म. स. प.,    
चुप कर घन घनाभ,                       कालजो मत बाले----------------- 5.थारा म्हारा गुणा स्युं.           यो फुटया म्हारा भाग |     
आरोही -अवरोही हो गयो, 
मुंडे  आ गिया झाग |   
कालजो मत बाले ----------------
म्हारी गुणनखण्ड सी नार कालजो मत बाले ----------------
थन समझाऊँ बार हजार         कालजो मत बाले ----------------।

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