सोमवार, 18 मई 2015

रोवे काँई गेला

अपना admin अपनी गर्ल्फ्रेंड को लेकर साइकिल से जा रहा था.
कि अचानक गिर गया.
और रोने लगा
.
.
उसकी गर्ल्फ्रेंड बोली
.
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-"उठ- उठ देख किती कीड़ीया मरगी
रोवे काँई गेला"

एक ताऊ


एक बार एक ताऊ पैदल आपणे गांव जावै था...
रास्ते में उसके जूते..पाँ में काटण लाग गये.....
ताऊ नै...जूतियां आपणी लाठी पै टांग
ली.....
गांम के एक सुंडू जैसे नै मजाक करण की सुझी....
बोल्या... ताऊ, परांठे बहुत दूर टांग राखे
सै.....
ताऊ भी कम ना था....ताऊ बोल्या.....
भाई खाण- पीण की चीज़ किते भी टांग
ल्यो....
सुसरे कुत्ते की निगाह..उड़ै चली जा है...।।

रविवार, 17 मई 2015

सरकारी अस्पताल, के क्वार्टर में रहने वाले डाक्टर की लगभग रोज की व्यथा

सरकारी अस्पताल, के क्वार्टर में रहने वाले डाक्टर की लगभग रोज की व्यथा :(कोई समझे तो)
(आपबीती पर आधारित):

मरीज आकर कहता है- डाक्टर साब मेरे खून की जांच करा दो ।
डाक्टर : क्यों?
मरीज : कोई खिया क थारे खून की खराबी है जिस्यूं थारे हाथ पैर दूखे है ।
,,,,,डाक्टर बहस से बचने के लिये दो तीन जांचे लिख देता है।

,,,,,जांच के बाद :
मरीज : क्या खराबी आयी है?
डाक्टर : कुछ नहीं ।नोर्मल है।
मरीज : मेरे खांसी भी बार-बार हो जाती है।
डाक्टर : अभी है क्या?
मरीज : नहीं, अभी तो नहीं है।
डाक्टर : ठीकहै मैं दवा लिख देता हूं।
मरीज : नहीं साहब एक्स -रो तो करा के देखो ।
,,,,डाक्टर बहस से बचने के लिये X-ray लिख देता है।

After x-ray....
मरीज : क्या गड़बड़ है?
डाक्टर : कुछ नहीं है, मैं दवाई लिख देता हूं।
मरीज : दवाइयां तो कितनी ही ले ली । आप तो इंजेक्शन लिख दो।
,,,,(डाक्टर बेचारा चकरा जाता है,सोचता है कहां फंस गया यार,क्यों डाॅक्टर बना,,,,अपने आपको कोसता है।)
डाक्टर : भैया , इंजेक्शन सिर्फ इमरजेंसी में लगता है,मैं अभी दवा लिख देता हूं। (ऐसा कहकर डाक्टर दवा लिखने लग जाता है।)
(मरीजों की लाइन भी लगी हुई है।)
डाक्टर दवा लिख कर मरीज को दे देता है।

मरीज : (पर्ची को गौर से देखते हुये) :"  इसमें भूखे पेट के कैपसूल लिख्या के? वो भी लिखो!
एक दर्द की ट्यूब मालिश की लिख दीज्यो।
और हां,  आखां में डालने की दवाई भी।
कभी कभार खांसी भी हो जावे मने,  तो पीने की दवाई लिख देओ,,,,, दो लिखज्यो, छोटी बहोत आवे शीशी॥ "
(डाक्टर अपना सारी पढाई भूलकर  यह सब लिखने लग जाता है।)
(मरीज परची लेकर जाने के लिये मुड़ता है, डाक्टर लंबी सांस लेकर next मरीज की तरफ देखता है।)

अचानक पहले वाला मरीज मुड़ता है । डाक्टर घबराता है।(मरीज घूरकर देखकर हंसते हुये) : अजी, बीपी नापना तो आप भूल ही गिया॥
डाक्टर भावशून्य होकर बीपी नापने लगता है।

(अस्पताल ओपीडी बन्द होने के बाद डाक्टर थका मांदा घर आता है। थोड़ी देर बैठता है।)

लेटते ही दरवाजे पर जोर से खट खट होती है,,,दरवाजा खोलते ही एक व्यक्ति अंदर आ जाता है॥
व्यक्ति : (एक कागज पकड़ा कर) :इस पर साइन कर दो ।
डाक्टर देखकर कहता है: भैया यह आय प्रमाणपत्र है,इस पर मैं साइन नहीं कर सकता,  मैं तो आपको जानता भी नहीं।
व्यक्ति अपना फोन पकड़ा कर कहता है : लो बात करो। (किसी नेता /पत्रकार से बात कराता है।)

दस मिनट की बहस के बाद व्यक्ति भनभनाते हुए चला जाता है।

किसी तरह रात को खाना खाकर 11 बजे डाक्टर सो जाता है।

साढ़े ग्यारह  बजे पुलिस वाले एक शराबी को मेडिकल मुआयने के लिये ले आते हैं। नशे में वह डाक्टर को भी गालियाँ निकालता है। डाक्टर चुपचाप अपना काम करता है।
उससे फ्री होकर लगभग 12 बजे डाक्टर सो जाता है।

लगभग डेड बजे रात को डिलिवरी वाले जगाते हैं :पेट दुख रहा है साहब। (पेट दुखने से ही तो बच्चा होगा यार ...)

डाक्टर को 2 बजे फिर नींद आ जाती है।
लगभग 3 बजे रात को एक एक्सीडैन्ट केस आता है। डाक्टर उठकर उनका इलाज करता है, एक को रेफर करता है।परिजन चिल्लाते हैं :गाडी मंगवाओ।
डाक्टर चार बजे सुबह फ्री होकर सोने की कोशिश करता है।

सुबह 5:30 बजे नल आताहै। पानी भरने उठता है। 6 बजे फिर थोड़ा सोने की असफल कोशिश करता है।
सुबह नहाने जाते समय एक और इमरजेंसी केस आ जाता है। उससे फ्री होने में थोड़ा वक्त लग जाता है।

ओपीडी टाइम होने वाला है।

किसी तरह नहा धोकर, शेव कर, बिना चाय नाश्ता किये ही अस्पताल जाता है ..., लेकिन 5-10 मिनट लेट हो जाता है। अस्पताल में 8-10 मरीज पहले से ही बैठे हैं।
डाक्टर अपने कमरे में घुसते समय एक मरीज की फुसफुसाहट सुनता है : "अरे टाइम तो हो गया 10 मिनट पहले ही ....,लेकिन कामचोर हैं साले! "
डाक्टर कुर्सी पर बैठते हुये सिर पकड़कर सोचता है ..." यह दूनिया  डाॅक्टरों के लायक नहीं, नीम हकीमों के ही लायक है। "

ल्यो मजो मारवाड़ी चुटकुलों को

ल्यो मजो मारवाड़ी चुटकुलों को

धणी - आज सजधज के कठे जा री से ?
लुगाई - आत्महत्या करणे जा री सुं !
धणी - तो इत्तो मेकअप क्यूँ करयो है ?
लुगाई - काल
अख़बार म्हें म्हारो फोटू भी तो छपसी ;~)

मारवाड़ी की पत्नी :
म्हने लागे म्हारी छोरी को अफेयर चालु है ।
पति : वो क्यूँ ?
पत्नी : "पॉकेट मनी" कोनी माँगे आजकल ।
पति : हे भगवान,,
इं को मतलब लड़को मारवाड़ी कोनी !

एक मारवाड़ी को एक्सीडेंट हो ग्यो..
डाक्टर बोल्यो - टांकों लगाणो पड़ेगो
मारवाड़ी - कित्तो पीसो लागेगो ?
डाक्टर - 2000 रिपया लागसी..
मारवाड़ी- अरे भाया..
टाँकों लगाणों है,, एंब्रोईडरी कोणी करवाणी !

.......मारवाडी ......
छोरो - आई लव यू
छोरी - चूप रे गेलसप्पा ,,
एक लेपड मेलियो नी तो सीधो जोधपुर पुगेला..
छोरो - थोडो धीरे मार जे,, नागौर मे थोडो काम हैं ।

एक मारवाडी भगवान सु अरज करे..

हे मारा छतीस करोड देवी देवता
मारे ज्यादा कइ कोनी छावे
बस आप सब मने एक -एक रुपया री
मदद कर दो महारो जीवन सफल हो जाए ~

Dedicated to All MARWADI

Dedicated to All MARWADI .
5 दोस्त थे
उनमें से १ MARWADI था
बाक़ी ४ में
१ हिन्दू
१ मुस्लिम
१ ईसाई
१ सिख
चारों MARWADI जाती पर जोक
मार रहे थे
और हंस रहे थे
MARWADI दोस्त चुपचाप
सुनता रहा
अगले दिन उसने चारों को
एक एक रूपये के सिक्के देकर
कहा
ये सिक्के किसी ऐसे
भिखारी को दे देना
जो MARWADI हो
६ महीने बाद वो लोग वापस
आये
और
उन्होंने उस MARWADI दोस्त
को
वही चारों सिक्के वापस किये
और बोले कि
१२० करोड़ की भारत
की आबादी में से हमको १
भी MARWADI भिखारी नहीं मिला
दिमाग़
मेहनत
लगन
ईमानदारी
और सच्चाई
यही है MARWADI की शान
गर्व से कहिये
Jai marwadi

दोस्ती करो marwadiसे और
जियो जिन्दगी ठाठ से

marwadi की यारी और शेर
की सवारी कोई बच्चो का खेल
नही

Marwadi की बोली बन्दुक
की गोली हमेशा पावर फुल
होती है

यदि तुम सही मे marwadi
को चाहते हो तो इस sms को हर
marwadi के मोबाइल तक
पहुचा दो ॥

Marwadi ro dil, Naram icecream
jeso,
Marwadi ri jabaan, Meethi jalebi
jesi,
marwadi ro gusso, Garam fulka
jeso,
Marwadi ro sath, Chatpato achar
jeso,
Marwadi ro confidence, Kadak
papad jeso,
Marwadi ro swabhav, Milansar
dahibada jeso.
MORAL:
marwadi re saath rho to bhukha
koni maro....

शनिवार, 16 मई 2015

ल्यो मजो मारवाड़ी चुटकुलों को

ल्यो मजो मारवाड़ी चुटकुलों को

धणी - आज सजधज के कठे जा री से ?
लुगाई - आत्महत्या करणे जा री सुं !
धणी - तो इत्तो मेकअप क्यूँ करयो है ?
लुगाई - काल
अख़बार म्हें म्हारो फोटू भी तो छपसी ;~)

मारवाड़ी की पत्नी :
म्हने लागे म्हारी छोरी को अफेयर चालु है ।
पति : वो क्यूँ ?
पत्नी : "पॉकेट मनी" कोनी माँगे आजकल ।
पति : हे भगवान,,
इं को मतलब लड़को मारवाड़ी कोनी !

एक मारवाड़ी को एक्सीडेंट हो ग्यो..
डाक्टर बोल्यो - टांकों लगाणो पड़ेगो
मारवाड़ी - कित्तो पीसो लागेगो ?
डाक्टर - 2000 रिपया लागसी..
मारवाड़ी- अरे भाया..
टाँकों लगाणों है,, एंब्रोईडरी कोणी करवाणी !

.......मारवाडी ......
छोरो - आई लव यू
छोरी - चूप रे गेलसप्पा ,,
एक लेपड मेलियो नी तो सीधो जोधपुर पुगेला..
छोरो - थोडो धीरे मार जे,, नागौर मे थोडो काम हैं ।

एक मारवाडी भगवान सु अरज करे..

हे मारा छतीस करोड देवी देवता
मारे ज्यादा कइ कोनी छावे
बस आप सब मने एक -एक रुपया री
मदद कर दो महारो जीवन सफल हो जाए ~

राजस्थानियों की एक आदत

राजस्थानियों की एक आदत है:-











कोई सो रहा होता है तो , उसको जगाकर कहेंगे:- '' हैं र, सुत्यो ह के !!!!''
����

ल्यो मजो मारवाड़ी चुटकुलों को

ल्यो मजो मारवाड़ी चुटकुलों को

धणी - आज सजधज के कठे जा री से ?
लुगाई - आत्महत्या करणे जा री सुं !
धणी - तो इत्तो मेकअप क्यूँ करयो है ?
लुगाई - काल
अख़बार म्हें म्हारो फोटू भी तो छपसी ;~)

मारवाड़ी की पत्नी :
म्हने लागे म्हारी छोरी को अफेयर चालु है ।
पति : वो क्यूँ ?
पत्नी : "पॉकेट मनी" कोनी माँगे आजकल ।
पति : हे भगवान,,
इं को मतलब लड़को मारवाड़ी कोनी !

एक मारवाड़ी को एक्सीडेंट हो ग्यो..
डाक्टर बोल्यो - टांकों लगाणो पड़ेगो
मारवाड़ी - कित्तो पीसो लागेगो ?
डाक्टर - 2000 रिपया लागसी..
मारवाड़ी- अरे भाया..
टाँकों लगाणों है,, एंब्रोईडरी कोणी करवाणी !

.......मारवाडी ......
छोरो - आई लव यू
छोरी - चूप रे गेलसप्पा ,,
एक लेपड मेलियो नी तो सीधो जोधपुर पुगेला..
छोरो - थोडो धीरे मार जे,, नागौर मे थोडो काम हैं ।

एक मारवाडी भगवान सु अरज करे..

हे मारा छतीस करोड देवी देवता
मारे ज्यादा कइ कोनी छावे
बस आप सब मने एक -एक रुपया री
मदद कर दो महारो जीवन सफल हो जाए ~

ल्यो मजो मारवाड़ी चुटकुलों को

ल्यो मजो मारवाड़ी चुटकुलों को

धणी - आज सजधज के कठे जा री से ?
लुगाई - आत्महत्या करणे जा री सुं !
धणी - तो इत्तो मेकअप क्यूँ करयो है ?
लुगाई - काल
अख़बार म्हें म्हारो फोटू भी तो छपसी ;~)

मारवाड़ी की पत्नी :
म्हने लागे म्हारी छोरी को अफेयर चालु है ।
पति : वो क्यूँ ?
पत्नी : "पॉकेट मनी" कोनी माँगे आजकल ।
पति : हे भगवान,,
इं को मतलब लड़को मारवाड़ी कोनी !

एक मारवाड़ी को एक्सीडेंट हो ग्यो..
डाक्टर बोल्यो - टांकों लगाणो पड़ेगो
मारवाड़ी - कित्तो पीसो लागेगो ?
डाक्टर - 2000 रिपया लागसी..
मारवाड़ी- अरे भाया..
टाँकों लगाणों है,, एंब्रोईडरी कोणी करवाणी !

.......मारवाडी ......
छोरो - आई लव यू
छोरी - चूप रे गेलसप्पा ,,
एक लेपड मेलियो नी तो सीधो जोधपुर पुगेला..
छोरो - थोडो धीरे मार जे,, नागौर मे थोडो काम हैं ।

एक मारवाडी भगवान सु अरज करे..

हे मारा छतीस करोड देवी देवता
मारे ज्यादा कइ कोनी छावे
बस आप सब मने एक -एक रुपया री
मदद कर दो महारो जीवन सफल हो जाए ~

माथो फोड़ देणो

किसी ने मुझसे पूछा तू किसी से डरता क्यों नही हे आखिर तेरे पीछे किसका हाथ है तो मेने भी बड़े प्यार से कहा मेरे पीछे मेरे परिवार का हाथ है जो कहते है
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भाटो लेर आगला कौ माथो फोड़ देणो पर मार खार नही आणो ।।।

शोले मारवाडी.........

शोले मारवाडी.........

गब्बर;;       ए हाथ मने देदे ठाकुर...

ठाकुर:         कोनी देवुं मारी बाई हाका करे

सांभा :   ओ झुठ बोले सरदार इकी बाई तो नोनोणे गीओड़ी  है !

राजपूतों में प्राचीन परम्पराएँ

1) अगर आप के पिता जी /दादोसा बिराज रहे है तो कोई भी शादी ,फंक्शन, मंदिर इतिआदि में आप के कभी भी लम्बा तिलक और चावल नहीं लगेगा, सिर्फ एक छोटी टीकी लगेगी !

2) पहले के वक़्त वक़्त राजपूत समाज में अमल का उपयोग इस लिए ज्यादा होता था क्योकि अमल खाने से खून मोटा हो जाता था, जिस से लड़ाई की समय मेंहदी घाव लगने पर खून कार रिसाव नहीं के बराबर होता था, और मल-मूत्र रुक जाता था जयमल मेड़तिया ने अकबर से लड़ाई के पूर्व सभी राजपूत सिरदारो को अमल पान करवाया ने

3) पहले कोई भी राजपूत बिना पगड़ी के घोड़े पर नही बैठते थे

4) सौराष्ट्र (काठियावाड़) और कच्छ में आज भी गिरासदार राजपूत घराने में अगर बेटे की शादी हो तो बारात नहीं जाती, उसकी जगह लड़केवालों की तरफ से घर के वडील (फुवासा, बनेविसा, मामासा) एक तलवार के साथ 3 या 5 की संख्या में लड़की के घर जाते हे जिसे "वेळ” या ‘खांडू" कहते है. लड़कीवाले उस तलवार के साथ विधि करके बेटीको विदा करते है. मंगल फेरे लड़के के घर लिए जाते है.

5) आज भी कही घरो में तलवार को मयान से निकालने नहीं देते, क्योकि तलवार को परंपरा है की अगर वो मयान से बाहर आई तो यहाँ तो उनके खून लगेगा, यहाँ लोहे पर बजेगी, इसलिए आज भी कभी अगर तलवार मयान से निकलते भी है तो उसको लोहे पर बजा कर ही फिर से मयान में डालते है !

6) राजपूत परम्परा के मुताबिक पिता का पहना हुआ साफा , आप नहीं पहन सकते

7) पैर में कड़ा-लंगर, हाथी पर तोरण, नांगारा निशान, ठिकाने का मोनो ये सब जागीरी का हिस्सा थे, हर कोई जागीरदार नहीं कर सकता था, स्टेट की तरफ से इनायत होते थे..!!

8) पहले सारे बड़े ताजमी ठिकानो में ठिकानेदारों को विवाह से पूर्व स्टेट महाराजा से अनुमति लेनी पढ़ती थी

9) हर राज दरबार के, ठिकाने के, यहाँ गोत्र उप्प गोत्र के इष्ट देवता होते थे, जो की ज्यादतर कृष्ण या विष्णु के अनेक रूप में से होते थे, और उनके नाम से ही गाँववाले या नाते-रिश्तेदार दुसरो को पुकारते है करते थे, जैसे की जय रघुनाथ जी की , जय चारभुजाजी की

10) मल गोलना, चिलम, हुक्का यहाँ दारू की मनवार, मकसद होता था, भाई,बंधू, भाईपे,रिश्तेदार को एक जाजम पर लाना !!मनवार का अनादर नहीं करना चाहिए, अगर आप नहीं भी पीते है तो भी मनवार के हाथ लगाके या हाथ में ले कर सर पर लगाके वापस दे दे, पीना जरुरी नहीं है , पर ना -नुकुर कर उसका अनादर न करे

11) जब सिर पर साफा बंधा होता है तोह तिलक करते समय पीछे हाथ नही रखा जाता

12) दुल्हे की बन्दोली में घोडा या हाथी हो सकता है पर तोरण पर नहीं, क्योकि घोडा भी नर है, और वो भी आप के साथ तोरण लगा रहा होता है, इस्सलिये हमेशा तोरण पर घोड़ी या हथनी होती है !!

13) एक ठिकाने का एक ही ठाकुर,राव,रावत हो सकता था, जो गद्दी पर बैठा है, बाकि के भाई,काका ये टाइटल तभी लगा सकते थे जब की उनको ठिकाने की तरफ से अलग से जागीरी मिली हो,और वो उस के जागीरदार हो, अगर वो उसी ठिकाने /राज में रह रहे हो, तो उनके लिए "महाराज" का टाइटल होता था!

14) आज भी त्योहारों पर ढोल बजने के नट,नगरसी या ढोली आते है उन्हें बैठने के लिए उचित आसान (जाजम) दिए जाते है उनके ढोल में देवी का वास होता है और ऐसे आदर के लिए किया जाता है

15) राजपूत जनाना में राजपूत महिलाये नाच गान के बाद ढोली जी और ढोलन की तरफ जुक कर प्रणाम करती है

16) नजराने के भी अलग अलग नियम थे, अगर आप छोटे ठिकानेदार हो तो महाराजा साब या महाराणा साब आप के हाथ से उठा लेते थे, पर अगर आप उमराव या सिरायती ठिकानेदार हो तो महाराजा साब या महाराणा साब आप का हाथ अपने हाथ पर उल्टा करके, अपना हाथ नीचे रख कर नजराना लेते थे !!

17) कोर्ट में अगर आप छोटे ठिकानेदार हो तो महाराजा साब या महाराणा साब आप के आने पर खड़े नहीं होते थे, पर अगर आप उमराव या सिरायती ठिकानेदार हो तो महाराजा साब या महाराणा साब आप के आने और आप के जाने पर दोनों वक्त उनको खड़ा होना पड़ता है'

18) सिर्फ राठोरो के पास "कमध्वज" का टाइटल है, इसका मतलब है, सर काटने के बाद भी लड़ने वाला !

19) राजपूतो में ठाकुर पदवी के इस्तेमाल के बारे में में कुछ बाते :यदि आपके दादोसा हुकम बिराज रहे है तो वो ही ठाकुर पदवी का प्रयोग कर सकते है, आपके दाता हुकम कुंवर का और आप भंवर का प्रयोग कर्रेंगे और आपके बना (चौथी पीढ़ी) के लिए तंवर का प्रयोग होगा.

20) एक ठिकाने में तीन से चार पाकसाला (रसोई) हो सकती थी, ठाकुरसाब, ठुकरानी के लिए विशेष पाकसाला होती थी, एक पाकसाला मरदाना में होती थी, जिस में मास इतीआदि बनते थे, जनाना में सात्विक भोजन की पाकसाला होती थी, विद्वाओ के लिए अलग भोजन बनता था, ठिकाने के कर्मचारी नौकरों के लिए अलग से पाकशाला होती थी, एक पाकशाला मेहमानों के लिए होती थी,

गुरुवार, 14 मई 2015

Rajasthan खास क्यों हैं...???

Rajasthan खास क्यों हैं...???
जैसा हिंदी फिल्मों में
दिखाया जाता है..मेरा rajasthan
वैसा नहीं...!

हिंदी सिनेमा जगत में
rajasthan
को माफिया लोगो का अड्डा गुंडा राज
दिखा कर... rajasthan
की ऐसी छवि लोगों ने
बना दिया..!!

जैसे rajasthan में लड़की रोड पर
नहीं निकल सकती...एक शरीफ
इन्सान...
यहाँ नहीं रह सकता...!!

rajasthani हर बात में
गाली का इस्तेमाल
करता हैं...!??
लेकिन सच तो सच है....???

1. हमारे राज्य में बलात्कार के
मामले 1/10 है दिल्ली के
मुकाबले...
जबकि आबादी दिल्ली से कई
गुनी अधिक...!!

2. दंगो में जितने लोग गुजरात
में मारे गए हैं उसके 1/15
भी rajasthan
में नहीं..!!
3. murder Rate 1/2 है
मुंबई से... कही कम ही..!!

4. हमें बेबकूफ
समझा जाता है...तो दोस्त
हमारा rajasthan अकेले इतने
IAS देश को
देता है जितना केरला, आन्ध्र-
प्रदेश, तमिलनाडु और गुजरात
मिलकर भी नहीं दे पातें...!!

5. PO सबसे ज्यादा rajasthan से
है...!!
6. IIT में अकेले rajasthani इतने हैं
की महाराष्ट्र और गुजरात
मिलाने से
भी बराबरी नहीं कर सकते.

7. rajasthan अकेला ऐसा राज्य
है जहाँ किसान आत्म-
हत्या नहीं करतें
न ही कर्ज तले दबे हैं...!!

8. आज भी rajasthan में सबसे
ज्यादा संयुक्त परिवार है...!!

9. हम एक रिक्शा चलाने
वालों को भी आप कह कर
बुलाते हैं...!!

" मैं rajasthani हूँ " और rajasthan से
ज्यादा महफूज अपने आप के
कहीं नहीं पाता... हमारे
लोगों ने
कभी किसी राज्य के
लोगों का विरोध
नहीं किया... किसी सम्प्रदाय
को दबाया नहीं....
यहाँ संस्कार बसतें है...!!.
.
मुझे नाज है मैं rajasthan से हूँ
rajasthan मेरे रगों में
बसता है...!!!