सोमवार, 24 अगस्त 2015

कंचन वरणी कामणी  चढ चौबारैे चाप

कंचन वरणी कामणी  चढ चौबारैे चाप
मतो करे कूदो मनां परा कटैला पाप
परा कटेला पाप जीवां मु्कत हो जासी
आसी ईसर आप जीव बैकुंठ ले जासी
आतम रूप अधार  परमातम पहचाण व्है
सिरै न जीवण सार  विरथा ही बरबाद व्है

कुंडलिया छंद             

कुंडलिया छंद                        
      मनमौजी  इक सोडषी, मन मैं करत विचार।
नेह बिना नह निभत है, बिरथ सकल संसार।।
बिरथ सकल संसार, जगत पिव बिन सब सूनो,
नेह नवल संसार में, शेंषही सब जूनो।।
पिव बिन जगत असार, धरम पौथी  सब खौजी।
जीवन अब बेकार, मरण  तत्पर मनमौजी ।।

फ़ानी दुनिया ये , हैं अरमान भी अधूरे

फ़ानी दुनिया ये , हैं अरमान भी अधूरे
बेगाने हो गए वे ,  जो अपने थे पूरे
तो ! क्यों जीऊं, और किसके लिए बताओ !
टूटने को साज सांसों का, सुर हुए बेसुरे ।।
मायूस अंदाज में छत पर बैठी सुंदरी की मनोदशा कुछ यूं हो सकती है हुकम ।

लिख्यो न जावे लाड़की थारे ऊपर

लिख्यो न जावे लाड़की थारे ऊपर आज
मरने खातर मोकळी चढ़ी जायने छाज
चढ़ी जायने छाज प्राण रो मोह घनेरो
आंख्या दिसे आज रूप सरदार बने रो
कुदू तो टूट जाय बचे न कोई हाड़की
मन में रही घबराय चढ़ी छत लाड़की

पावणा

एक पावणा पेली बार सासरे गिया।
वोने बोलने री घनी आदत ही।
और उरी सासु भी गजब बोलाकड़ी ही।
बातों करते करते शाम तक सासु तो थक गई।
तो बोली
सासु__पावणा सासरे आयोड़ा हो सासरे में घणो नहीं बोलनो चईजे।
पावणा__ तो थे सासुमा कई नानाने आयोडा हो कई?

रविवार, 23 अगस्त 2015

बावला हो गया के

Confidence. पांच जाटों को एक बाइक पर देखकर ट्रैफिक पुलिस ने रुकने का इशारा किया ।
एक जाट चलती बाइक से बोला :- बावला हो गया के तू कित बैठेगा भाई?

कुचरनी

मेरी  गिनती शरीफो मे की जाती है...

*Terms & conditon
अगर कोई पहले कुचरनी न करे तो..!!

खंकोला

Five  star मे होटल पहुचते ही ek bhaasa का आश्चर्यजनक जवाब

वेटर:;: सर क्या खाओगे





Bhaasa ने कहा

सबसे पहले तो मे
"खंकोला"  खाऊंगा!

Marwari thitholi


टीचर:थारी हाज़री घणी कम है।
तू एग्जाम में नी बई सके....
.
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.
.
भूरा:कई वात नी।आपने अतरो घमंड कोनी।आपड़े तो
उबा उबा एग्जाम दई दान्गा ।
क्लास टेस्ट 2015
विधार्थी नाम - धापूड़ी
विषय - हिंदी

प्रशन - कुत्ते का पर्यायवाची
उत्तर - टेगडो

प्रशन - शिक्षा किसे कहते हे?
उत्तर - एक फेड के नीचे ढेर सारा छोरा छोरी ने मारसाब पढावे उने शिक्षा केवे ।

प्रशन - भेस का पर्यायवाची
उत्तर - ढान्डी , पाडी

प्रशन - पर्यावरण किसे कहते हे
उत्तर - जब भी में हमारे आंगने में से उप्पर देखती हु मुझे धोला-धोला दीखता हे उसे ही पर्यावरण कहते हे

प्रशन - पशुपालन किसे कहते है
उत्तर - हमारे घर में 4 गाये हे हम उसके पोठे साफ करते है
गोबर के छाने थेप्ते हे इसे ही पशुपालन कहते है ।

प्रशन- खाना बनाते समय किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर - चुल्हे पर खाना बनाते समय बलिता हिसाब से देना चाहिय , रोटी बलने लगे तो  अन्गीरे बाहर निकाल लेने चाहिए खाटे को हिलाते रहना चाहिए
ताकि वह बले नही आदि ।

शुक्रवार, 21 अगस्त 2015

घूंघट

एक बार एक ताई फिलम देखन चली गई
फिलम देख के जब वापस आई तो एक छोरे ने पूछा-
री ताई पिक्चर देख आई के..?

ताई बोली - रे छोरे के बताऊँ तन्ने....
छोरा बोल्ला- के बात होगी ताई...?

ताई बोल्ली- बात के होणी....
जद मै फिलम देखण लगी तो फिलम मे मेरे जेठ जीसा एक मरद था...

छोरा- फेर के होया तो....?

ताई:- फेर के होणा था, सारी फिलम मे घूंघट काढ़ के बैठी री.....

मारवाड़ी समझाइश

दूध दही ने चाय चाटगी, फूट चाटगी भायाँ ने

इंटरनेट डाक ने चरगी, भैंस्या चरगी गायाँ ने

टेलीफून मोबाईल चरग्या, नरसां चरगी दायाँ ने

देखो मर्दों फैसन फटको, चरग्यो लोग लुगायाँ ने

साड़ी ने सल्वारां खागी , पतलून खायगी धोती न

धर्मशाल ने होटल खागी, सैलून खायगी नायां न

ऑफिस ने कम्प्यूटर खाग्या, 'मागी' चावल चून खायगी

कुवे भांग पड़ी है सगळे, सब ने पछुवा पून खायगी

राग रागनी फिल्मा खागी, 'सीडी' खागी गाणे ने

टेलीविज़न सबने खाग्यो, गाणे ओर बजाणे ने

गोबर खाद यूरिया खागी, गैस खायगी छाणे ने

पुरसगारा ने बेटर खाग्या, 'बफ्फे' खागी खाणे ने

चिलम तमाखू हुक्को खागी, जरदो खाग्यो बीड़ी ने

बच्या खुच्यां ने पुड़िया खाग्या, खाग्या साद फकीरी ने

गोरमिंट चोआनी खागी, हाथी खाग्यो कीड़ी ने

राजनीती घर घर ने खागी, भीड़ी खाग्यो भीड़ी ने

हिंदी ने अंग्रेजी खागी, भरग्या भ्रस्ट ठिकाणे में

नदी नीर ने कचरो खाग्यो, रेत गई रेठाणे में

धरती ने धिंगान्या खाग्या, पुलिस खायरी थाणे में

दिल्ली में झाड़ू सी फिरगी, सार नहीं समझाणे में

ढाणी ने सेठाणी खागी, सहर खायग्यो गांवां ने

मंहगाई सगळां ने खागी, देख्या सुण्या न घावां ने

अहंकार अपणायत खागी, बेटा खाग्या माँ बाप ने

भावुक बन कविताई खागी, 'राज ' थारा भावां ने
-

मारवाड़ी समझाइश

बुधवार, 19 अगस्त 2015

मारवाङी गाँवा री हिँन्दी

मारवाङी गाँवा री
हिँन्दी

1. आँटी मुझे चाय मत
घालना
मेरे पास पहले ही घणी है

2. यार पता नहीँ कल
किसी
ने
मेरी टाट मेँ भाटा मार
दिया
3. आप सभी ऊभे क्यूँ हो
हेठा
बैठ जाओ
.
.4 मेने आपको बहुत दया पण आप लादया ही नही
5 जल्दी चलो मुझे मोड़ा हो रहा है
6 आप सीधा जाना एकदम नाक की डांडी पर फिर डावडा हाथ कण मुड़ के थोड़ा  डोडा हो जाणा
7 मेरा बस्ता बिस्के मायन पड्या है

म्हार हिवडा का हार

धापुडी द्वारा अपने मोट्यार को लिखा गया कागद: --

म्हार हिवडा का हार,

म्हारा सोलहा सिंगार,

म्हारी पप्पूडी का पापा…

थारी चौडी-चौडी राफा.!

हे प्राणनाथ जी,

गोपिया का नाथ जी,

म्हार रूप का दास जी,

त्रिलोकी का नाथ जी…

थाको कोजो घणों साथ जी…..!

हे म्हारी जलती ज्योत,

करवा चौथ,

धान का बोरा,

उन्डोडा औरा…

थाका एक दर्जन छोरी और छोरा..!

भोमिया का स्वामी,

म्हारी जामी सा थाकी,

सत्यानाशी,

कुल विनाशी,

कालिया की मासी,

चरणा की दासी,

थार प्राणा की प्यासी,

थाकी पाताल फोड लाडली,

धापुडी का पगा लागणा मानज्यों…

और हो सक तो आखा-तीज पर घरा पधारज्यों…।।

आगे समाचार एक बाचज्यों कि–

सुसरो जी ने हिडकीयों कुत्तों खायगों…

और चौथियों चौथी मैं चौथी बार फेल आयगों.!

सुसरो जी तो हिडक्यो होर मरग्या…

पण मरता मरता सासू जी न हिडक्या करग्या…..!

सासू जी मरा मौत, कु-मौत, कुत्त की मौत और

सासू जी न मरता देख म्हारो भी मरणा सू मन फाटग्यों है…

जीतियों नाई काल स्वर्ग सिधारगों और

बीको तियो पंडत गरूड्यों करायग्यों है.।

गीतूडी के करमडा में है ना
जुआ पडगी है…

और सीतूडी क काना की एक बाली गमगी है…..!

थाकी काणती काकी काल

छाछ खातर घरा आर लडगी…

और म्हारी बडकी सेठानी

घीनाणी सु पानी ल्याती पडगी…..!

भुवाजी रोजीना ही गुन्द का लाडू खावै…

और नानूडा की लुगाई में

मंगलवार की मंगलवार पीतर जी आवै…।।

पपीयों,गीगो,लाल्यों और

राजिया की लुगाई चलती री,

पण थे तो जाणो ही हो

राम के आगे किको बस चाल है…

और होणी न कुण टाल है…..!

हे म्हारा बारहा टाबरा का बाप…

थानै लागै शीतला माता को श्राप..!

थे आदमी हो या हरजाई…

थे मनै अठै ऐकली छोडगा थान शरम कोनी आई.!

थे आ पूरी पलटन म्हारै वास्तै छोडगा…

एक इंजन मैं बारह डब्बा जोडगा..।

इ बार सर्दी अणहोती पडे है,

ई वास्तै टाबर घणा रोव है…

दो चार दिना सु भूखा ही सोव है…!

थाकि माय न

अब भी थोडी घणी शरम बाकी होव तो

पाछा कदै ही मत आइज्यों…

पर पाँच हजार रूपिया हाथु हाथ भिजाज्यो..