गुरुवार, 22 जनवरी 2015

कठै गया बे गाँव आपणा

कठै गया बे गाँव आपणा
            कठै गयी बे रीत ।
कठै गयी बा ,मिलनसारिता,
             गयो जमानो बीत ।
दुःख दर्द की टेम घडी में
        काम आपस मै आता ।
मिनख सूं मिनख जुड्या रहता,
       जियां जनम जनम नाता ।
तीज -त्योंहार पर गाया जाता ,
              कठै गया बे गीत ।
कठै गयी बा ,मिलनसारिता,
             गयो जमानो बीत ।
गुवाड़- आंगन बैठ्या करता,
     सुख-दुःख की बतियाता।
बैठ एक थाली में सगळा ,
         बाँट-चुंट कर खाता ।
महफ़िल में मनवारां करता ,
           कठै गया बे मीत ।
कठै गयी बा ,मिलनसारिता,
          गयो जमानो बीत ।।
कम पीसो हो सुख ज्यादा हो,
        उण जीवन रा सार मै।
छल -कपट,धोखाधड़ी,
        कोनी होती व्यवहार मै।
परदेश में पाती लिखता ,
          कठै गयी बा प्रीत ।
कठै गयी बा ,मिलनसारिता,
           गयो जमानो बीत ।।

बुधवार, 21 जनवरी 2015

Kesari balam Aavo      padharo mhare des

www.saleunlimited.blogspot.in

आँखों के दरमियान मैं
गुलिस्तां दिखाता हुँ,
आना कभी मेरे देश मैं आपको राजस्थान दिखाता हुँ|
खेजड़ी के साखो पर लटके फूलो की कीमत बताता हुँ,
मै साम्भर की झील से देखना कैसे नमक उठाता हुँ|
मै शेखावाटी के रंगो से
पनपी चित्रकला दिखाता हुँ,
महाराणा प्रताप के शौर्य
की गाथा सुनाता हुँ|
पद्मावती और हाड़ी रानी का जोहर बताता हुँ,
पग गुँघरु बाँध मीरा का मनोहर दिखाता हुँ|
सोने सी माटी मे पानी का अरमान बताता हुँ,
आना कभी मेरे देश मै आपको राजस्थान दिखाता हुँ|
हिरन की पुतली मे चाँद के दर्शन कराता हुँ, चंदरबरदाई के
शब्दों की वयाख्या सुनाता हुँ|
⛲मीठी बोली, मीठे पानी मे जोधपुर की सैर करता हुँ,
कोटा, बूंदी, बीकानेर और हाड़ोती की मै मल्हार गाता हुँ|
पुष्कर तीरथ कर के मै चिश्ती को चाद्दर चढ़ाता हुँ, जयपुर के हवामहल मै,
गीत मोहबत के गाता हुँ|
जीतेgiइस धरती पर स्वर्ग का मैं वरदान दिखाता हुँ,
आना कभी मेरे देश मै आपको राजस्थान दिखाता हुँ||
कोठिया दिखाता हुँ, राज
हवेली दिखाता हुँ,
नज़्ज़रे ठहर न जाए कही
मै आपको कुम्भलगढ़ दिखाताहुँ|
घूंघट में जीती मर्यादा और गंगानगर का मतलब समझाता हुँ,
तनोट माता के मंदिर से मै विश्वशांति की बात सुनाता हुँ|
राजिया के दोहो से लेके, जाम्भोजी के उसूल पढ़ाता हुँ,
होठो पे मुस्कान लिए, मुछो पे ताव देते जागीरदारों की परिभाषा
बताता हुँ|
सिक्खो की बस्ती मे, पूजा के बाद अज़ान सुनाता हुँ,
आना कभी मेरेदेश मै आपको राजस्थान दिखाता हुँ||  
जय जय राजस्थान

☆ जागीरदार अनोप सिंह (ठि. थोब)

सोमवार, 19 जनवरी 2015

राजस्थानी बातां

    
     पुराणां समै री बात है , राजस्थान री धोरा धरती में ऊनाळै रै दिनां में  दो सहेलियां कांकङ (वनक्षेत्र) में लकङियां लावण ने गई ।
  रस्ते में व्है देखियौ के दो हीरण मरियोङा पङिया हा अर उणां रै बीच में एक खाडा में थोङो सो"क
पाणी भरीयौ हौ । जद एक सहैली कह्यौ ----
खङ्यौ नी दीखै पारधी ,
लग्यौ नी दीखै बाण ।
म्है थने पूछूं ऐ सखी ,
किण विध तजिया प्राण ।।
( है सखी , अटे कोई शिकारी नजर नी आय रियौ है अर इणां रै बाण भी नी लागोङो है तो ऐ हीरण किकर मरिया ? )
     तो दुजोङी सहैली उण ने उत्तर दियौ --
जळ थोङो नेह घणो ,
लग्या प्रीत रा बाण ।
तूं -पी  तूं-पी  कैवतां ,
दोनूं तजिया प्राण ।।
( इण सुनसान रोही में  दोनूं हीरण तिरस्या हा , पाणी इतरौ ही हौ के एक हीरण  री तिरस(प्यास ) मिट सके , पण दोयां में सनेह  इतरो हौ के उणां मांय सूं कोई  एक पीवणीं नी चावतो । इण खातर दोइ एक -दूजा री मनवार करता करता प्राण तज दिया ।)
    राजस्थान री धोरां धरती रै जानवरां  में इतरो नेह अर हेत  है ,  तो अटा रै मिनखां रै नेह  रो उनमान नी लगां सकां ।

शुक्रवार, 16 जनवरी 2015

Makar sankranti- 14 नहीं 15 को है मकर संक्रांति

14 नहीं 15 को है मकर संक्रांति, 83 साल बाद बनेगा समसप्तक योग
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कई शुभ संयोगों के साथ तीन वर्ष के बाद मकर संक्रांति इस बार 15 जनवरी को है। इसके पूर्व 2012 में भी मकर संक्रांति 15 जनवरी को थी। ज्योतिषियों के अनुसार 14 जनवरी की शाम 7.27 बजे से सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगा, लेकिन शाम 5.58 बजे ही सूर्य अस्त हो जाएगा। संक्रांति चूंकि सूर्य का पर्व है, इसलिए सूर्य के साक्षी नहीं होने से यह 15 जनवरी को मनेगी। स्नान, दान-पुण्य के लिए भी 15 जनवरी को उदय काल में संक्रांति सर्वश्रेष्ठ रहेगी।

         समसप्तक

ग्रहों का एक-दूसरे से सातवीं राशि में होना समसप्तक योग कहलाता है। मकर संक्रांति पर मकर राशि में सूर्य के साथ बुध व शुक्र है। इन तीनों ग्रहों से सातवीं राशि में गुरु है। इस प्रकार समसप्तक योग बन रहा है। मकर राशि में सूर्य, शुक्र और बुध का संयोग देश-दुनिया के लिए लाभकारी रहेगा। इस योग में बाजार से खरीदी करना भी शुभ है। इस योग के प्रभाव से तिलहन व अनाज के दाम में वृद्धि संभव है।

==इसलिए संक्रांति कभी 14, कभी 15 जनवरी को -----

पृथ्वी की गति प्रतिवर्ष पीछे और सूर्य का संक्रमण आगे बढ़ता है। इसके कारण संक्रांति कभी एक दिन आगे तो कभी पीछे आती है। हालांकि लीप ईयर में पृथ्वी और सूर्य दोनों वापस उसी स्थिति में जाते हैं।
♨️
मकर संक्रान्ति का ऐतिहासिक महत्व
ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान भास्कर अपने पुत्र शनि से मिलने स्वयं उसके घर जाते हैं। चूँकि शनिदेव मकर राशि के स्वामी हैं, अत: इस दिन को मकरसंक्रान्ति के नाम से जाना जाता है। महाभारत काल में भीष्म पितामह ने अपनी देह त्यागने के लिये मकर संक्रान्ति का ही चयन किया था। मकर संक्रान्ति के दिन ही गंगाजी भगीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होती हुई सागर में जाकर मिली थीं

मकर संक्रान्ति हिन्दुओं का प्रमुख पर्व है। मकर संक्रान्ति पूरे भारत और नेपाल में किसी न किसी रूप में मनाया जाता है। पौष मास में जब सूर्य मकर राशि पर आता है तभी इस पर्व को मनाया जाता है। यह त्योहार जनवरी माह के चौदहवें या पन्द्रहवें दिन ही पड़ता है क्योंकि इसी दिन सूर्य धनु राशि को छोड़ मकर राशि में प्रवेश करता है। मकर संक्रान्ति के दिन से ही सूर्य की उत्तरायण गति भी प्रारम्भ होती है। इसलिये इस पर्व को कहीं-कहीं उत्तरायणी भी कहते हैं। तमिलनाडु में इसे पोंगल नामक उत्सव के रूप में मनाते हैं जबकि कर्नाटक, केरल तथा आंध्र प्रदेश में इसे केवल संक्रांति ही कहते हैं।

शुभ संयोगों के साथ इस इस वर्ष 14 जनवरी की शाम 7.27 बजे से सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगा तीन वर्ष के बाद मकर संक्रांति इस बार 15 जनवरीको है -स्नान, दान-पुण्य के लिए भी 15 जनवरी सर्वश्रेष्ठ
याद रहे - पृथ्वी की गति प्रतिवर्ष पीछे और सूर्य का संक्रमण आगे बढ़ता है। इसके कारण संक्रांति कभी एक दिन आगे तो कभी पीछे आती है.

पं.संजय जोशी
(बेटा पोता श्री महेश जी श्री गजानंद जी जोशी)
90,अमर नगर पाल रोड़ जोधपुर राजस्थान

मंगलवार, 13 जनवरी 2015

कविता - आपको राजस्थान दिखाता हूँ

आँखों के दरमियान मैं गुलिस्तां दिखाता हुँ,
आना कभी मेरे देश मैं आपको राजस्थान दिखाता हुँ|
खेजड़ी के साखो पर लटके फूलो की कीमत बताता हुँ,
मै साम्भर की झील से देखना कैसे नमक उठाता हुँ|
मै शेखावाटी के रंगो से पनपी चित्रकला दिखाता हुँ,
महाराणा प्रताप के शौर्य की गाथा सुनाता हुँ|
पद्मावती और हाड़ी रानी का जोहर बताता हुँ,
पग गुँघरु बाँध मीरा का मनोहर दिखाता हुँ|
सोने सी माटी मे पानी का अरमान बताता हुँ,
आना कभी मेरे देश मै आपको राजस्थान दिखाता हुँ|
हिरन की पुतली मे चाँद के दर्शन कराता हुँ,
चंदरबरदाई के शब्दों की वयाख्या सुनाता हुँ|
मीठी बोली, मीठे पानी मे जोधपुर की सैर करता हुँ,
कोटा, बूंदी, बीकानेर और हाड़ोती की मै मल्हार गाता हुँ|
पुष्कर तीरथ कर के मै भगवान् को माला चढ़ाता हुँ,
जयपुर के हवामहल मै, गीत मोहबत के गाता हुँ|
जीते सी इस धरती पर स्वर्ग का मैं वरदान दिखाता हुँ,
आना कभी मेरे देश मै आपको राजस्थान दिखाता हुँ||
कोठिया दिखाता हुँ, राज हवेली दिखाता हुँ,
नज़्ज़रे ठहर न जाए कही मै आपको कुम्भलगढ़ दिखाता हुँ|
घूंघट में जीती मर्यादा और गंगानगर का मतलब समझाता हुँ,
तनोट माता के मंदिर से मै विश्व शांति की बात सुनाता हुँ|
राजिया के दोहो से लेके, जाम्भोजी के उसूल पढ़ाता हुँ,
होठो पे मुस्कान लिए, मुछो पे ताव देते राजपूत की परिभाषा बताता हुँ|
सिक्खो की बस्ती मे, पूजा के बाद अज़ान सुनाता हुँ,
आना कभी मेरे देश मै आपको राजस्थान दिखाता हुँ||

शनिवार, 10 जनवरी 2015

दारूरा दुरगण (दूहा)



पिण्ड झड़े , रोबा पडे़ , पड़िया सड़े पेंषाब ।
जीब अड़े पग लडथडे़, साजन छोड़ शराब ।। १ ।।
कॉण रहे नह कायदो, अॅाण रहे नह आब।
(जे) राण बाण नित रेवणो,(तो) साथी छोड शराब
11 २ 11
जमी साख जाति रहे ,ख्याति हुवे खराब ।
मुख न्याति रा मोड़ले ,साथी छोड़ शराब 11 ३ 11
परणी निरखे पीवने , दॉत आंगली दाब।
भॉत भॉत मंाख्यंा भमे, साजन छोड़ शराब 11 ४ 11
आमद सू करणो इधक , खरचो घणो खराब ।
सदपुरखॉ री सीखहे, साथी छोड़ शराब 11 ५ 11
सरदा घटे शरीर री , करे न गुरदा काम।
परदा हट जावे परा, आसव छोड़ अलाम 11 ६ 11
कहे सन्त अर ग्रंथ सब , निष्चय धरम निचोड़ ।
जे सुख चावे जीवणो, (तो) छाक पीवणो छोड़ 11 ७
11
मोनो अरजी रे मनां , मत कर झोड़ झकाळ।
छाक पीवणी छोड़दे, बोतल रो मुॅहबाळ 11 ८ 11
चंवरी जद कंवरी चढी, खूब बणाया ख्वाब ।
ख्वाब मिळगया खाक मे, पीपी छाक शराब 11 ९
11
घर मांेही तोटो घणों, रांधण मिळेन राब।
बिलखे टाबर बापड़ा , साजन छोड़ शराब ।। १0 ।।
दारू में दुरगण घणा , लेसमात्र नह लाब ।
जग में परतख जोयलो , साथी छोड़ शराब ।। ११ ।।
––----------------------------------
एक गांव में एक बार जनगणना
वाला आया बे घर घर जाकर
सब जना न परिवार वाला का नाम पूछ रया ।एक घर गया बी घर में अकेली लुगाई ही बिन पुछयो थार पति को नाम
बा शरमाई और सोच कर बोली 3 गंजी और 3 गंजी कती  हुवे है।
बो जनगणा वालो बोल्यो छगंजी
बा बोली औ ही नाम है।लिखल्यो


शुक्रवार, 9 जनवरी 2015

नवै बरस में

नवै बरस में थांरै आंगण, हँसता रैवै बाळ-गोपाळ |
नवै बरस में थांरै आंगण, आवै खुशियां भरिया थाळ||
नवै बरस में पिरथी सरसै, नदियाँ मांहीं खळकै खाळ|
नवै बरस में मेघ घटावां, काळायण बरसै नखराळ ||
नवै बरस में सुरंगा सपना, टाबर आंख्यां आखरमाळ |
नवै बरस में थांरै हिंवड़ै, रंग चाव रा भरै उछाळ ||
नवै बरस में रचै मांडणां, जोबन नाचै नौ नौ ताळ |
नवै बरस में थांरै मुखड़ै, खुशियाँ, रागां, गीत’र गाळ ||
नवै बरस में हरियल रैवै, खींप,फोगड़ा,लौंणा जाळ |
नवै बरस में ओरण उमगै, पळका पाड़ै सरवर पाळ ||
नवै बरस में मुळकै मुरधर, रचै रोहिड़ा खेजड़ डाळ |
नवै बरस में पिछम धरा री, करनला करै रखवाळ ||

ठण्ड पड़े है जोर की

ठण्ड पड़े है जोर की,
      पतली लागै सौड़ ।।⛄
चाय पकौड़ी मुंफली,
      इण सर्दी रो तोड़ ।।
डांफर चाले भूंडकी ,
   चोवण् लाग्या नाक ।।
काम्बल  राखां ओढणे ,
     सिगड़ी तापा हाथ ।।
काया धूजे ठाठरे,
    मुँडो छोड़े भाप ।
दिनुगे पेली चावड़ी,
    न्हाणो धोणो पाप ।।
गूदड़ माथे गूदडा ,
    ओढ्यां राखो आप ।
ताता चेपो गुलगुला,
     चा चेपो अणमाप् ।।
 सीयलॉ री खम्मा-घणी सा 

मंगलवार, 6 जनवरी 2015

म्हारी धरती

मारवाड है म्हारी धरती
मारवाड है म्हारो देस
इण म्हारी धरती माते
सब रा रंग रंगीला वेस
जाती सब री अलग भले ही
पर एक है खान पान
मेहमान आवे घर में जद
लागे आयो कोई भगवान
कोई अटे गुर्जर है
तो कोई है देवासी
पूछो जणे जवाब देवे
म्हे हाँ मारवाड वासी
लापसी रो स्वाद अलग है
तो खाटो लागे भारी
राबङी अटारी जान है
केर सांगरी री रंगत न्यारी
हल्दी रो तो जवाब कोनी
आतो है दवाई
साग वणे घर में जद
शाबासी पावे लुगाई
मारवाड री बात मत पूछो
मारवाड री होड कोनी
आवे अटे एक बार
वो भूल जावे सबोनी
एडो म्हारो मारवाड है
ओ है म्हारो देसहर कोई रो स्वागत है
एक बार पधारो म्हारे देस
"जय जय मारवाङ"
"जय जय राजस्थान"

सोमवार, 5 जनवरी 2015

Marwari doha

इते इला आकाश, इते सिस सुरज उगे ।
इते नीर पवन्न, पाप पुन इते ज पूगै ॥
भूयंग जिते धर भार, अगन जित धृतता उठै ।
इते नखतर सत अंस, विरखा रुत बादळ वूठै ॥
जल गंग मेर सामंद जिते, जिते वेद हणवंत जत ।
कव भोम कहै करनल कला, सत एतां ऊपर सगत ॥
  ( कविवर श्री भोमजी बीठू  //मोरारदान गढवी )
दारु री दपटां उडे,
खपट खाजरु खास ।
मनमाफीक देसी मुरग,
आ एडमीन सूं आस ।
सूरज ऊगौ सांतरौ,कूकड मेली राळ।
धण संभाळै कांचळी,  पिव मूंछां रा बाळ ॥
"सरदी रा सुझाव"
"सरद वायरे छेड दी , रंग जमाती राग  ।
काया छूटी कंपकंपी, जाङो गयो है जाग  ।
जाङो गयो है जाग, आग सूॅ तपलो आ कर ।
खाओ दूध खजूर जळेबी फीणी जा कर ।
कहे "गिरधर"कविराय कि हल्दी रो है थोरो ।
दोय पैक लो पीव , जीव हो जावे सोरो ।।"
         गिरधारी दान रामपुरिया

Marwari thitholi

अरे मामा आज आपणा गाँव  वालो ATM बंद क्यों पडयो है ??
कांई बताउ भाणेज  ,
थारी मामी बोली कि आज ATM  सु पिश्या मुं  निकालू ..
अरे आ तो अच्छी बात है न मामा ..
काई अच्छी बात भाणेज  ,,,
बो ATM  बोल्यो ---
”ENTER YOUR PIN”,
तो आ बावली अपना माथा री पिन ATM में फसा दि !!

मजा को के बैरों भायलो

मजों कुणसी बात पर आव ||
मजा को के बैरों भायलों कि कुणसी बात
पर आज्याव...
रेल मैं सोण का,
पाँच रूपिया खोण का,
दारूं पीकर रोण का,
मजा ही न्यारा है...
बालू कै टीबा पर भागण का,
ब्यावली रात मैं जागण का,
कातिक मैं जाडों लागण का,
मजा ही न्यारा है...!
भरी दुपहरी मैं ज्यै
काली घटा छाज्याव...
मजा को के बेरों भायलों कि कुणसी बात
पर आज्याव...।।
मंत्री कै गैल यारी का,
कंगले को मोटर-लारी का,
और आधी छुट्टी सारी का,
मजा ही न्यारा है...!
खेत मैं रोटी खाण का,
जोहड जाकर न्हाणे का,
नाना बालक नै खिलाण का,
मजा ही न्यारा है...!
यात्रा हो दूर की और दूर
की सवारी पाज्याव...
मजा को के बेरो भायलों कि कुणसी बात
पर आज्याव...।।
गर्मिया मैं आम का,
फागण की शाम का,
मीठी-मीठी जुकाम का, मजा कै बताऊँ
थान...!
जाडे मैं रजाई का,
गांव कै जमाई का,
बूढे की सगाई का, मजा के बताऊँ थान...!
झगडे कै माय ज्यै थानेदार टूटकर
पडज्याव...
मजा को के बेरो भायलों कि कुणसी बात
पर आज्याव...।।
मौका पर कही गई बात का,
माँ को बालक की लात का,
मेंह मैं टपकती छात का, मजा के बताऊँ
थान...!
खाट पर सै पडण का,
सुत्या सुत्या डरण का,
तडकै पाणी भरण का, मजा के बताऊँ
थान...!
मजा मजा मैं गांजों पीणिया एक सेर
का लाड्डू खाज्याव...
मजा को के बेरो भायलों कि कुणसी बात
पर आज्याव...।।
ठंड मैं अकडण का,
भाग कर गाडी पकडण का,
कुण्डी मैं आंगळ रगडण का, मजा तो लेकर
देखों...!
झाडी सै बोरिया तोडण का,
चौकान मैं खीचडी रोडण का,
बढेडा कनखा न काटण का, मजा तो लेकर
देखों...!
घोडी पर बैठ्यों बींद ज्यै घोडी चिमकण
सै पडज्याव...
मजा को के बेरो भायलों कि कुणसी बात
पर आज्याव......!!!!!!"

जोधपुर वालां रो

जब आँख खुले तो धरती
जोधपुर की हो !
जब आँख बंद हो तो यादे
जोधपुर  की हो !
मै मर भी जाऊ तो गम नहीं
लेकिन मरते वक्त
मिटटी जोधपुर की हो !!
जोधपुर वाला रो दिल----
नरम आइसक्रीम जेसो !!!
जोधपुर वाला री जुबान----
मीठी जलेबी जेसी !
जोधपुर वाला रो गुस्सो----
गरम फूलको जैसो !
जोधपुर वाला रो साथ----
चटपटा आचार जैसो !
जोधपुर वाला रो होसलो----
कड़क खाखरा जैसो !
जोधपुर वाला रो स्वभाव----
मिलनसार दाल-धोकली जैसो !
( केने को मतलब यो के
जोधपुर वाला के साथ रहो
तो भूखा कोणी मरो )
पधारो म्हारे मारवाड की
धरती जोधपुर शहर !

Marwari Knowledge of Names of various parts inside a house

Marwari Knowledge of the day - Names of various parts inside a house
Architecture of a house in western Rajasthan is very interesting. There are different rooms and areas, specifically designed of various different purposes. These are not in only few rich people's houses, but it's common in all old houses. Following are the marwari names of various parts of a house along with the purpose they are used for -
चोकी (chauki) - a small sitting place outside the house, with a height of around 2-3 ft. made for people to sit and take rest.
नाल (naal) - stairs
शाल (shaal) - first place after entering the house, it's like a half open structure, with lots of windows.
बरहाली (barhali) - The space in front of the rooms.
देवलखनो (devalkhano) - Drawing room, where guests sit.
चॊक ( chok) - space, which is usually in the middle of house and doesn't have a roof.
कोठी (kothi) - A room
कोठरी - a relatively small room
ओरो - a room inside a room, it has the only one entrance and that is from another room
पडपीतो (padpeeto) - Room, inside a ओरो, i.e. last room in the two rooms chain, it has only one entrance and that is from another room, it has no windows. generally used for keep valuable stuff.
डिलोन (dillon) - A large hall, it generally has a large bed and is used mainly by the oldest people in the house.
डागलो (daaglo) - first terrace of the house
मालियो (maaliyo) - a room at the first terrace of the house.
मेढी (medhi) - a room at the top of stairs to the terrace, it's a small space usually used to keep beds etc.
तिपड(tipad) - top most terrace of the house, it's a small terrace, generally without stairs.
कोठोरियो (kothariyo) - a space on the side of terrace, where curd, milk etc. are kept at night
गुन्जार (gunjar) - basement, generally it's situated at the front or the backside of house
भखारी (bhkhari) - a very small space, which is dark and used to keep unused stuff, it's generally situated under the stairs
तिलभवरो (tilbhavro) - a space inside the floor of basement, usually hidden, it's used to store valuables, grains etc.
पलिंडो - a space where drinking water is kept, it's generally outside the kitchen and near the stairs to the terrace.
तारथ (taarth) - toilet room
नावनघर (nawanghar) - bathroom
बाडो (bhado)- garden/open space

शनिवार, 27 दिसंबर 2014

जोधपुर वालां रो

जब आँख खुले तो धरती
जोधपुर की हो !

जब आँख बंद हो तो यादे
जोधपुर  की हो !

मै मर भी जाऊ तो गम नहीं
लेकिन मरते वक्त
मिटटी जोधपुर की हो !!

जोधपुर वाला रो दिल----
नरम आइसक्रीम जेसो !!!

जोधपुर वाला री जुबान----
मीठी जलेबी जेसी !

जोधपुर वाला रो गुस्सो----
गरम फूलको जैसो !

जोधपुर वाला रो साथ----
चटपटा आचार जैसो !

जोधपुर वाला रो होसलो----
कड़क खाखरा जैसो !

जोधपुर वाला रो स्वभाव----
मिलनसार दाल-धोकली जैसो !

( केने को मतलब यो के
जोधपुर वाला के साथ रहो
तो भूखा कोणी मरो )
पधारो म्हारे मारवाड की
धरती जोधपुर शहर !

मंगलवार, 9 दिसंबर 2014

धापुडी द्वारा अपने मोट्यार को लिखा गया कागद

||धापुडी द्वारा अपने मोट्यार को लिखा गया कागद||
म्हार हिवडा का हार,
म्हारा सोलहा सिंगार,
म्हारी पप्पूडी का पापा...
थारी चौडी-चौडी राफा....!
हे प़ाणनाथ जी,
गोपिया का नाथ जी,
म्हार रूप का दास जी,
त्रिलोकी का नाथ जी...
थाको कोजो घणों साथ जी.....!
हे म्हारी जलती ज्योत,
करवा चौथ,
धान का बोरा,
उन्डोडा औरा...
थाक एक दर्जन छोरी और छोरा.....!
भोमिया का स्वामी,
म्हारी जामी सा थाकी,
सत्यानाशी,
कुल विनाशी,
कालिया की मासी,
चरणा की दासी,
थार प़ाणा की प्यासी,
थाकी पाताल फोड लाडली,
धापुडी का पगा लागणा मानज्यों...
और हो सक तो आखा-तीज पर घरा पधारज्यों.....।।
आगे समाचार एक बाचज्यों कि--सुसरो जी न हिडकायों कुत्तों खायगों...
और चौथियों चौथी मैं चौथी बार फेल आयगों.....!
सुसरो जी तो हिडक्या और मरग्या...
पण मरता मरता सासू जी न हिडक्या करग्या.....!
सासू जी मरा मौत, कु-मौत, कुत्त की मौत और सासू जी न मरता देख म्हारो भी मरणा स मन फाटग्यों है...
जीतियों नाई काल स्वर्ग सिधारगों और बीको तियो पंडत गरूड्यों करायग्यों है......।।
गीतूडी क करमडा मैं है ना जुआ पडगी है...
और सीतूडी क काना की एक बाली गमगी है.....!
थाकी काणती काकी काल छाछ खातर घरा आर लडगी...
और म्हारी बडकी सेठानी घीनाणी सु पानी ल्याती पडगी.....!
भुवाजी रोजीना ही गुद का लाडू खाव...
और नानूडा की लुगाई मैं मंगलवार की मंगलवार पीतर जी आव.....।।
पपीयों,गीगो,लाल्यों और राजिया की लुगाई चलती री, पण थे तो जाणो ही हो राम क आग किको बस चाल है...
और होणी न कुण टाल है.....!
हे म्हारा बारहा टाबरा का बाप...
थान लाग शीतला माता को श्राप.....!
थे आदमी हो या हरजाई...
थे मनै अठै ऐकली छोडगा थान शरम कोनी आई.....!
थे आ पूरी पलटन म्हारै वास्तै छोडगा...
एक इंजन मैं बारह डब्बा जोडगा.....।।
इ बार सर्दी अणहोती पड,ई वास्तै टाबर घणा रोव है...
दो चार दिना सु भूखा ही सोव है.....!
थाक माय न अब भी थोडी घणी शरम बाकी होव तो पाछा कदै ही मत आइज्यों...
पर पाँच हजार रूपिया हाथु हाथ भिजायज्यों.....।।
मै तो रोजीना की काय सै तंग आकर सूख कर सागरी होगी...
हाथ का पाटला आगल्या मैं ही कोनी आव और भूख लाग नही.....!
काल दिन थोडी भूख लागी जणा सवा-सेर आटा को सीरो कर खायो जणा थोडी आँख लागी...
जिको तीजे दिन दोपहारा 3-बजे जागी.....!
और जागी काई पडोसन ओळमों देबा न जगा दी...
कहयों थारो "गोविन्दो" म्हारी मटकी फोड दी.....!
हे प़ाण नाथ अब थे ही बताओ मैं कठै जाऊँ सारा दिन उन्दा-उन्दा वहम आव...
कमरा सू दरवाजा तक आऊँ डाकिये न देख दरवाजो बंद करदयूँ, काई ठा थाक आवण का समाचार नही आज्याव.....।।।
थाक प्राणा की प्यासी...धापूडी।
😜😜😜😜😜😜😜😜😜😜

बुधवार, 3 दिसंबर 2014

Jodhpuri chutakala

एक बार ट्रेन में Jaipur
वाले, jodpur वाले, bikaner
वाले और ajmer
वालो में चर्चा होने लगी..................................
सबसे ज्यादा रईस कौन है?
सभी का यही जवाब था"....
साबित करके बताओ कि
सबसे ज्यादा
रईस कौन है?
Jaipur वाले ने खूब सोचकर
जेब से 50 का नोट निकाला
और उसकी सिगरेट बना कर
माचिस जलाई और पीने लगा...
Ajmer वाले ने आव देखा न
ताव झट से जेब से
500 का नोट निकाला और
उसकी सिगरेट बना कर
माचिस जलाई और पीने लगा...
Bikaner वाले को इसमें अपनी तौहीन नज़र आई.....उसने जेब
से 1000 का नोट निकाला
सिगरेट बनाई और जला कर
उसे पीने लगा बोला "भीया
अपन से बड़ा रईस कौन हो
सकता है इण्डिया में"
सब अब....
Jodhpur वाले की तरफ देखने
लगे..
Jodhpur  वाले ने ब्रीफकेस खोला चेकबुक निकाली और
एक चेक भरा 5 लाख रुपये,
उस चेक की सिगरेट बनाई
और माचिस जला कर
उसे पीने लगा बोला
"भाई सबसे बड़ा रईस वो
जो बिना नुक्सान किये मज़े ले!!"
शिक्षा -: सब कुछ करने का
लेकिन jodhpur वालों से पंगा
नहीं लेने का....

Jodhpur is fabulous

जोधपुर EXCLUSIVE... Part - 1
1-दो ब्रेड के बीच में मिर्ची बड़ा दबा के खाना यहाँ का खास ब्रेकफास्ट माना जाता है.
2-मिठाई की दूकान पर खड़े-खड़े आधा किलो गुलाब जामुन खाते हुए जोधपुर में सहज ही किसी को देखा जा सकता है.
...
3-गर्मी से बचाव के लिए चूने में नील मिला कर घर को पोतने का रिवाज़ सिर्फ और सिर्फ जोधपुर में ही है.
4-बैंत मार गणगौर जैसा त्योंहार सिर्फ जोधपुर में मनाया जाता है,जिसमे पूरी रात सड़कों पर महिलाओं का राज़ चलता है.
5-दाल-बाटी-चूरमा के लिए जोधपुर में कहा जाता है....दाल हँसती हुई,चूरमा रोता हुआ ओर्बती खिल-खिल होनी चाहिए.मतलब-दाल चटपटी-मसालेदार,चूरमा ढेर सारे घी वाला और बाटी सिक के तिडकी हुई होनी चाहिए.
6-पानी की सप्लाई शुरू होते ही घर का आँगन धोने का रिवाज़ जोधपुर में ही है.
7-हरेक गली के नुक्कड़ पर पात्र की खुली कुण्डी जोधपुर में लगभग हर जगह मिल जायेगी,जहाँ घर का बचा-खुचा भोजन गायों को डाला जाता है.
8-किसी भी काम को सीधे मना करने की आदत किसी भी "जोधपुरी" की नहीं होती.बहाने बना के टाल देंगे,मगर सीधे मना नहीं करेंगे.इस शैली के लिए यहाँ एक खास शब्द है..."गोली देना"...
9-यहाँ फास्ट फ़ूड के नाम पर पिज्जा-बर्गर से ज्यादा मिर्ची बड़ा और प्याज की कचौरी ज्यादा पसंद की जाता है.यहाँ कहा जाता है कि जोधपुर में अखबारों से भी ज्यादा मिर्ची बड़े के बिक्री होती है.
10-सड़क पर लगे जाम में फँसने के बजाय जोधपुरी लोग पतली गालियों से निकल जाना पसंद करते हैं.
11-"घंटाघर"...जोधपुर में एक ऐसी जगह है जहाँ ,जन्म लेने वाले बच्चे के सामान से ले कर अंतिम संस्कार तक का सामान मिल जाता है.
12-जोधपुर के ऑटो रिक्शा अपनी विशेष साज-सज्जा के लिए दुनिया भर में मशहूर है.
13-"के.पी."...यानि खांचा पोलिटिक्स की ट्रिक खास जोधपुरी अंदाज़ है,जिसमे भीड़ से किसी भी आदमी को सबके सामने चुप चाप अलग कोने में ले जा कर सिर्फ इतना पुछा जाता है..कैसे हो आप?
इससे उस आदमी का महत्व उस भीड़ में बढ़ा दिया जाता है..
14-जोधपुरीयंस का खास जुमला है-"कांई सा" और "किकर"..इसका अर्थ है-कैसे हैं आप और इन दिनों क्या चल रहा है.
15 -"चैपी राखो"..इस शब्द कजोध्पुर में मतलब है-जो काम कर रहे हो,उसमे जुटे रहो.
16 - मिर्ची बड़ा,मावे की कचौरी और मेहरानगढ़ पर हर जोधपुर वासी को गर्व है.
17-जोधपुर में मिठाइयों की क्वालिटी उसमे डाली जाने वाली चीजों से नहीं आंकी जाती बल्कि इस से आंकी जाती है कि उनमे देसी घी कितना डाला गया है.
18-यहाँ की परंपरा में गालियों को घी की नालियाँ कहा जाता है.तभी तो यहाँ का बशीन्दा गाली देने पर भी नाराज़ नहीं होता,क्यों कि गाली भी इतने मीठे तरीके से दी जाती है,उसका असर ना के बराबर हो जाता है.
19-जोधपुर में रोजाना ६ हज़ार किलो बेसन सिर्फ मिर्ची बड़े बनाने में खर्च होता है.
20-"संध्या काल में शुभ - शुभ बोलना चाहिए " इसीलिए यहाँ शाम होते ही लोग बड़े से बड़ा पान मुहँ में दबा लेतें है , जिससे केवल ॐ की ध्वनि ही उच्चारित हो सके...are you jodhpurian ... proud of these quality.......GGK.......

मंगलवार, 18 नवंबर 2014

मै फस ग्यो बुफे खाणा में

मै रपट लिखास्यु थाणा मे
मै फंस ग्यो बुफे खाणा मे
मने बात समज मी नी आवे
गाजर टमाटर गोभी काचा खावे
हाथ मे प्लेट लेने लैण लगावे
काऊन्टर सु काऊन्टर पर जावे
ज्यु मगतो फिरे दाणा ने
मै फस ग्यो बुफे खाणा मे ।
बाजोट पोतीया जिमण थाल
ईण सगलो रो पड ग्यो काल
ऊबा ऊबा ही खाई रिया माल
देश री गधेडी पुरब री चाल
पेला जेडो मिठास कटे भाणा मे
मै फस ग्यो बुफे खाणा मे ।
एक हाथ मे प्लेट लिरावो
साग मिठाई भैलाई खावौ
भीड मे लोगो रा धक्का खावो
घुमता फिरता भोजन पावो
ज्यु बलद फिरे घोणा मे
मै फस ग्यो बुफे खाणा मे ।
सगला व्यंजन लावना दोरा
ले भी आवो तो संभालना दोरा
भीड भाड ती बचावणा दोरा
ढुल जावेला रुखालना दोरा
मै डाफाचुक हो गयो जोधाणा मे
मै फंस ग्यो बुफे खाणा मे ।
आर्केस्टाृ वाला नाचे गावे
बिन्द बिन्दणी हँसता जावे
घर वाला लिफावा लिरावे
सगलो रो ध्यान है गाणा मे
मै फस ग्यो बुफे खाणा मे
बुढा बढेरा किकर खावे
सामे बिन्द बिन्दनी सगला रे सामे हाथ मिलावे
विकलांगो ने कुण जिमावे
टाबर टिबर भुखा ही जावे
कोई बेठा ने कोई ऊबा ही खावे
ईण लोगो ने कुण समजावे
देखा देखी होड लगावे
सब लागा है आणा जाणा मे
मै फस ग्यो बुफे खाणा मे ।

मारवाड़ी कविता

पील ,मीठी पीमस्यां
खोखा, सांगर, बेर |
मरु धरा सु जूझता
खींप झोझरू कैर ||
जूझ जूझ इण माटी में
बन ग्या कई झुंझार ।
सिर निचे दे सोवता
बिन खोल्यां तरवार ॥
ऊँचा रावला कोटड़याँ
सिरदारां की पोळ |
बैठ्या सामां गरजता
मिनखां की रमझोळ ॥
मरुधर का बे मानवी
कतरा करां बखाण
सर देवण रे साट में
नहीं जाबा दी आण ||
चाँदण उजली रातडली,
सोना जेड़ी रेत् |
सज्या -धज्या टीबड़ा,
ज्यूँ सामेळ जनेत ||
ऊँडो मरू को पाणी है,
उणसु ऊंडी सोच ।
साल्ल रात्यूं आपजी न
जायोडा री मोच ||
चीतल, तीतर, गोयरा
छतरी ताण्या मोर |
मोड्यां कुहकु -कुहकु बोलती
दिन उगता की ठोड़ ||
बे नाडयाँ बे खालडया
बे नदयां का तीर |
सुरग भलेही ना मिले,
बी माटी मिले शरीर ॥

बुधवार, 12 नवंबर 2014

New whisky and RUM rates

New rates update

Bagpiper
750 ml @ Rs.282
375ml @ Rs.141
180ml Tetra @ Rs.68
90ml @ Rs.43

Black Dog Centenary deluxe scotch whiskey
2ltr @ Rs.2888
750ml @ Rs.1250
375ml @ Rs.625
180ml @ Rs.309
60ml @ Rs.110

8 pm
1ltr @ Rs.279
750ml @ Rs.234
375ml @ Rs.117
180ml @ Rs.57

Blenders Pride
750ml @ Rs.1050
375ml @ Rs.460
180ml @ Rs.230
60ml @ Rs.80

Antiquity Blue
750ml @ Rs.1050
375ml @ Rs.530
180ml @ Rs.270
60ml @ Rs.90

Antiquity rare
750ml @ Rs.900
175ml @ Rs.450
180ml @ Rs.230
60mlb @ Rs.80

Ballanties
750ml @ Rs.1600
50ml @ Rs.150

Jack Daniels
750ml @ Rs. 3697

Blue Lable
750ml @ Rs. 29965

DSP Black
750ml @ Rs.420
375ml @ Rs.210
180ml @ Rs.102
60ml @ Rs.42
90ml @ Rs.55

DSP
1Ltr @ Rs.470
750ml @ Rs.392
375ml @ Rs.196
180ml Tetra@ Rs.95
90ml @ Rs.48
60ml @ Rs.38

Chivas Regal
4.5ltr @ Rs. 23100
750ml @ Rs.3800

C-R. 18yrs
750ml @Rs. 8650

Jameson Irish
750ml @ Rs.1800

Glenlivet 12 years
750ml @ Rs.4500

Dewars White Label
750ml @ Rs.1550

Green Lable
750ml @ Rs.420
375ml @ Rs.210
180ml @ Rs.101

Jim Beam
750ml @ Rs.1557

Black Dog 12years
2Ltr@ Rs.5520
750ml @ Rs.2250
375ml @ Rs.1100
180ml @ Rs.560
60ml @ Rs.180

Haig Gold Label
750ml @ Rs.758
180ml @ Rs.183
60ml @ Rs.63

Imperial Blue
750ml @ Rs.478
375ml @ Rs.239
180ml @ Rs.116

Office Choice Whisky
750ml @ Rs.282
375ml @ Rs.141
180ml @ Rs.68
90ml @ Rs.43

Red Lable
750ml @ Rs.1950
350ml @ Rs.835
200ml @ Rs.405
50ml @ Rs.190

MC Whisky
1Ltr @ Rs.604
2Ltr @ Rs.1209
750ml @ Rs.478
375ml @ Rs.239
180ml @ Rs.116
90ml   @ Rs.64
60ml   @ Rs.47

Red knight
180ml @ Rs.81
750ml @ Rs.329
375ml @ Rs.198

PETER SCOTCH W
750ML @ Rs.951
375ml @ Rs.476
180ml @ Rs.235

Royal Stag
750ml @ Rs.622
375ml @ Rs.311
180ml @ Rs.150
60ml @ Rs.56

Maquintosh
750ml @ Rs.528
180ml @ Rs.128

Royal Chalenge
2ltrl @ Rs.1730
1Ltr @ Rs.910
750ml @ Rs.696
375ml @ Rs.348
180ml @ Rs.169
60ml @ Rs.61

Signature
2Ltr @ Rs.1975
1Ltr @ Rs.1054
750ml @ Rs.791
375ml @ Rs.395
180ml @ Rs.192
60ml @ Rs.70

GOLD LABLE
750ml @ Rs.6884

Vat 69
750 ml @ Rs.1290
375ml @ Rs.680
180ml @ Rs.350
1Ltr @ Rs.1273
60ml @ Rs.112

Maq Sc Whisky
90ml @ Rs.130
750ml @ Rs.1058
180ml @ Rs. 260

Passport Scotch Whisky
750ml @ Rs.825

ARISTOCRAT -WY
750ml @ Rs.322
180ML @ Rs.78

Teachers Hiland
1Ltr @ Rs.1961
750ml @ Rs.1471
375ml @ Rs.735
180ml @ Rs.360
60ml @ Rs.118

Teachers 50
750ml @ Rs. 2275
375ml @ Rs.1193
180ml @ Rs. 611
60ml @ Rs. 205

Jura s Malt 10 yrs
700ml@Rs. 3300

Something Special
750ml @Rs.1688

J & B Rare
750ml @ Rs.1990

Cutty Sark scotch
50ml @ Rs. 290
750ml @ Rs.1231

Dewars 12 years scotch
750ml @ Rs. 3400

De Aberfeldy scotch12 years
750ml @ Rs.7000

D Y C whisky
750ml @ Rs.494
375ml @ Rs.247
180ml @ Rs.123

Whyte & Macky whisky
750ml @ Rs.1361
375ml @ Rs.705
180ml@Rs 351
60ml @ Rs 117

Old Smaggler
750m @ Rs.999
60ml @ Rs.85

Black Dog 18 Years Old
750ml @ Rs.7800

Haywards Fine Whisky
90ml @ Rs.25
180ml Tetra@ Rs.49

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बुधवार, 8 अक्तूबर 2014

Important site addresses of rajasthan govt. Offices

राजस्थान सरकार के कार्यालयों के कुछ महत्वपूर्ण
ईमेलस,,,,,,,,,,,,,
Government of Rajasthan Official Web
S.No Name URL
1 Chief Minister Office http://
cmo.rajasthan.gov.in
2 Raj Bhawan http://rajbhawan.rajast
han.gov.in/
3 Rajasthan Civil Services Appellate Tribunal
http://rcsat.rajasthan.gov.in/
4 State Election Commission http://
www.rajsec.rajasthan.gov.in
Autonomous Bodies
S.No Name URL
1 Advocate General, Rajasthan http://
advgen.rajasthan.gov.in/
2 Anti Corruption Bureau http://
acb.rajasthan.gov.in
3 HCM Rajasthan State Institute of Public
Administration http://hcmripa.gov.in
4 National Health Mission http://
www.nrhmrajasthan.nic.in
5 Rajasthan Police Academy http://
www.rpa.rajasthan.gov.in
Boards and Undertakings
S.No Name URL
1 Board of Revenue http://www.bor.rajastha
n.gov.in
2 Board of Secondary Education, Rajasthan
http://www.rajeduboard.nic.in
3 Board of Technical Education http://
techedu.rajasthan.gov.in/
4 Center for Electronic Governance http://
www.ceg.rajasthan.gov.in
5 Dr. Sarvepali Radhakrishnan Rajasthan
Ayurved University, Jodhpur http://
www.raujodhpur.org/
6 Indira Gandhi Panchayati Raj and Gramin
Vikas Sanstahan http://igprgvs.rajastha
n.gov.in
7 Jaipur Development Authority https://
www.jaipurjda.org
8 Jaipur Vidyut Vitran Nigam Ltd http://
www.jaipurdiscom.com/
9 Jawahar Kala Kendra http://
jawaharkalakendra.rajasthan.gov.in/
10 Rajasthali - Rajasthan Government
Handicraft Emporium http://www.rajasthali.g
ov.in
11 Rajasthan Co-Operative Dairy Federation
Ltd. http://www.sarasmilkfed.rajasthan.gov.
in/
12 Rajasthan Council of Elementary
Education (Sarva Shiksha Abhiyan) http://
rajssa.nic.in
13 Rajasthan Electronics and Instruments
Ltd. http://www.reiljp.com
14 Rajasthan Finance Corporation http://
rfc.rajasthan.gov.in/
15 Rajasthan Grameen Aajivika vikas parisad
http://www.rgavp.org/
16 Rajasthan Housing Board http://
rhbonline.rajasthan.gov.in
17 Rajasthan Khadi and Village Industries
Board http://rajkhadi.rajasthan.gov.in/
18 Rajasthan Medical Services Corporation
http://rmsc.nic.in/
19 Rajasthan Pollution Control Board http://
www.rpcb.nic.in
20 Rajasthan Small Industries Corporation
Ltd. http://www.rajsico.gov.in/
21 Rajasthan State Agriculture Marketing
Board http://www.rsamb.rajasthan.gov.in
22 Rajasthan State Industrial Development
and Investment Corporation Ltd. http://
www.riico.co.in/
23 Rajasthan State Mines and Minerals
Limited http://www.rsmm.com
24 Rajasthan State Road Development and
Construction Corporation http://
www.rsrdc.com
25 Rajasthan State Road Transport
Corporation http://rsrtc.rajasthan.gov.in/
26 Rajasthan State Seeds Corporation Limited
http://www.rajseeds.com/
27 Rajasthan Tax Board, Ajmer http://
www.rajtaxboard.gov.in
28 Rajasthan Tourism development
Corporation Ltd. http://www.rtdc.in/
29 Rajasthan Vidyut Prasaran Ltd http://
www.rvpn.co.in
30 Rajasthan Vidyut Prasaran Nigam Ltd
http://www.rajsldc.com
31 Rajasthan Vidyut Udpadan Ltd http://
www.rvunl.com
32 RajCOMP Info Services Ltd. http://
risl.rajasthan.gov.in
Departments
Service
S.No Name URL
1 Individual Beneficiary Schemes http://
ibs.rajasthan.gov.in/
2 Rajasthan Sampark http://sampark.rajastha
n.gov.in/
Statuary Bodies and Commission
S.No Name URL
1 Bureau of Public Enterprises http://
bpe.rajasthan.gov.in
2 Rajasthan Electricity Regulatory
Commission http://www.rerc.rajasth
an.gov.in/
3 Rajasthan Public Service Commission
http://www.rpsc.rajasthan.gov.in/
4 Rajasthan State Human Rights Commission
http://rshrc.nic.in
5 Rajasthan State Information Commission
http://ric.rajasthan.gov.in
Chief Minister's Office, Rajasthan
cmo.rajasthan.gov.in

गुरुवार, 2 अक्तूबर 2014

बन्ना री अंखियाँ

एक गाँव मे गाँव के ठाकुर साहब के
यहा शादी का कार्यक्रम चल
रहा था । तो हुकुम आप तो जानते ही हे
सा की हमारे (राजपूतो)
के
यहा शादी हो और पेक-सेक ना चले ये
तो हो ही नही सकता ।
तो सभी बडे-बडे राव साहब, ठाकुर साहब और
सभी बन्ना हुकुम
महफील का आनन्द ले रहे थे ।
संगीत चल रहा था । ओर गाने बजाने वाले
गीत गा रहे थे। एक
गाने
वाला गाने लगा "जब जब देखू बना री लाल
पीळी अखीयाँ मैँ
कोनी डरु
सा बलाई काडो अखीयाँऽऽऽऽ......"
तभी एक बना हुकुम को थोडी चढ
गयी वो ऊठे और गाने वाले
आदमी के पास जाकर उसके एक जोरदार थप्पड
जड दीया।
अब वो ठहरे वहा के जमाईसा अब उन्हे कोन कहने
वाला।
तभी वो बोले "थू नी डरे थू अबार
डरेलो"
और जाकर अपने स्थान पर बैठ गये।
तभी गाने वाले ने गाना शुरू किया,
"जब-जब देखू बना री लाल
पीळी अखीयाँ मैँ
घणो डरु सा थै
मती काडो अखीयाँ....,"
देखा बन्ना हुकुम का फटका एक ही बार मे
पूरा का पूरा गाना ही चेन्ज
कर दिया...

बुधवार, 24 सितंबर 2014

खाणो वाइफ 👰रो, पाणी पाइप 🚰रो,

खाणो वाइफ 👰रो,
पाणी पाइप 🚰रो,
ध्यान एक री,
सलाह दो  री,
गावणो तीन रो,
चोकडी चार री,
पंचायती पान्च री,
छाती कुटो छ: रो,
प्यार भाई 👬रो,
नशो दवाई रो,
दूध गाय 🐄रो,
स्वाद मलाई रो,
वेर दुश्मन👹 रो,
वगार राई रो,
एको नाई रो,
घर लुगाई 🙎रो,
टोन्को दर्ज़ी रो
मेसेज 💌 दमजी रो
न्याय ताकडी 📟रो,
साग काकडी 🍠रो,
जाल मकडी 🐞रो,
बलितो लकडी 🚪रो,
घी जाट रो,
तेल हाट रो,
तोलणो बाट 🎳रो,
लाडु सुण्ठ रो,
महीनो जून 🌞रो,
कपडो ऊन 🐏रो,
घाघरो वरी रो,
और नाम बोलो हरी रो। |
💭थोड़ा दिना पछे ए शायद कोनी मिलेला ⌛

 लुगाईओ में लाज,
दिलों में राज,
चुल्हा री आग,
सरसुं रो साग,
सिर उपर पाग,
संगीत रा राग,


.... कोनी मिलेला सा ...

औंगण में ऊखल,
कूण म मूसल,
घरां में लस्सी,
लत्ते टांगण की रस्सी
रिश्तों रो उजास,
दोस्तों रो गरमास,
पहलवानां री लंगोट,
हनुमानजी रो रोट,
घूंघट आली लुगाई,
गावं म दाई,

..... कोनी मिलेला सा ....

सासरा में लाडू ,
तैवार माथे साडू,
दोस्तां साथे भोज,
सुबह शाम नितरोज,
िचड़ी बल्ला रो खेल,
WHatsapp माते मेल,

.......कोनी मिलेला सा .....

बात सुनती घरआली,
हँस बतलावती साली,
घरां में बुढ्ढा,
बैठकां में मुड्डा,
अलपता टाबर,
सुहावता आखर,
अनजानो री आशीष,
कमतर ने बक्शीस,
राज में भला,
ने बंद गला,


.....कोनी मिलेला सा...

शहर री आन,
मुछों री शान
ताऊ रो हुक्का,
ब्याह रो रुक्का,
हिसाब री पर्ची,
गली वालो दर्ज़ी ,
पाटडे माते नहाणो,
पत्तल पे खाणा,
पाणी भरेडा देग,
बेन बेटी रो नेग,

.........कोनी मिलेला सा ....
 इस संसार में हकीकत में कौन क्या है.......?

• केले का छिलका-----  पृथ्वी से मिलाप करने का दलाल
• सिनेमा----- पैसा देकर कैद होने का स्थान
• जेल ----- बिना पैसे का हास्टल
• सास ----- बहु के पीछे छोडा गया बिना पैसे का जासूस
• चिन्ता----- बजन कम करने की सबसे सस्ती दवा
• मृत्यु ----- बिना पासपोर्ट के पृथ्वी सेदूर जाने की छूट
• ताला ----- बिना वेतन का चौकीदार
• मुर्गा ----- देहात की अलार्म घडी
• झगडा ----- वकील का कमाऊ बेटा
• चश्मा----- जादूई आँख
• स्वप्न ----- बिना पैसे की फिल्म
• हॉस्पिटल----- रोगियों का संग्रहालय
• श्मशान----- दुनिया का आखिरी स्टेशन
• ईश्वर----- किसी से मुलाकात न करने वाला व्यवस्थापक
• चाय कॉफी----- कलयुग का अमृत
• विद्वान----- अक्ल का ठेकेदार
• चोर----- रात का शरीफ व्यापारी
• विश्व----- एक महान धर्मशाला।
गलती जिंदगी का एक पन्ना है;
परन्तु 'रिश्ते' पूरी किताब हैं।
ज़रूरत पड़ने पर 'गलती' का पन्ना फाड़ देना लेकिन एक पन्ने के लिए पूरी किताब मत फाड़ देना।
शुभ दिवस।🌼

सोमवार, 22 सितंबर 2014

जय वीरभूमि : राजस्थान भूमि

1. चित्तौड़ के जयमाल मेड़तिया ने एक ही झटके में
हाथी का सिर काट डाला था ।
2. करौली के जादोन राजा अपने सिंहासन पर बैठते वक़्त अपने
दोनो हाथ जिन्दा शेरों पर रखते थे ।
3. जोधपुर के जसवंत सिंह के 12 साल के पुत्र पृथ्वी सिंह ने
हाथोँसे औरंगजेब के खूंखार भूखे जंगली शेर का जबड़ा फाड़
डाला था ।
4. राणा सांगा के शरीर पर युद्धोंके छोटे-बड़े 80 घाव थे।
युद्धों में घायल होने के कारण उनके एक हाथ नहीं था, एक पैर
नही था, एक आँख नहीं थी। उन्होंने अपने जीवन-काल में 100 से
भी अधिक युद्ध लड़े थे ।
5. एक राजपूत वीर जुंझार जो मुगलों से लड़ते वक्त शीश कटने के
बाद भी घंटे तक लड़ते रहे आज उनका सिर बाड़मेर में है,
जहाँ छोटा मंदिर हैं और धड़ पाकिस्तान में है।
6. रायमलोत कल्ला का धड़, शीश कटने के बाद लड़ता-
लड़ता घोड़े पर पत्नी रानी के पास पहुंच गया था तब रानी ने
गंगाजल के छींटे डाले तब धड़ शांत हुआ।
7. चित्तौड़ में अकबर से हुए युद्ध में जयमाल राठौड़ पैर
जख्मी होने की वजह से कल्ला जी के कंधे पर बैठ कर युद्ध लड़े थे।
ये देखकर सभी युद्ध-रत साथियों को चतुर्भुज भगवान की याद
आ गयी थी, जंग में दोनों के सर काटने के बाद भी धड़ लड़ते रहे
और राजपूतों की फौज ने दुश्मन को मार गिराया। अंत में
अकबर ने उनकी वीरता से प्रभावित हो कर जयमाल और
कल्ला जी की मूर्तियाँ आगरा के किले में लगवायी थी।
8. राजस्थान पाली में आउवा के ठाकुर खुशाल सिंह 1877 में
अजमेर जा कर अंग्रेज अफसर का सर काट कर ले आये थे और
उसका सर अपने किले के बाहर लटकाया था, तब से आज दिन तक
उनकी याद में मेला लगता है।
9. महाराणा प्रताप के भाले का वजन सवा मन (लगभग 50
किलो ) था, कवच का वजन 80 किलो था। कवच, भाला, ढाल
और हाथ में तलवार का वजन मिलाये तो लगभग 200
किलो था। उन्होंने तलवार के एक ही वार से बख्तावर
खलजी को टोपे, कवच, घोड़े सहित एक ही झटके में काट
दिया था।
10. सलूम्बर के नवविवाहित रावत रतन सिंह चुण्डावत जी ने युद्ध
जाते समय मोह-वश अपनी पत्नी हाड़ा रानी की कोई
निशानी मांगी तो रानी ने सोचा ठाकुर युद्ध में मेरे मोह के
कारण नही लड़ेंगे तब रानी ने निशानी के तौर पर अपना सर
काट के दे दिया था। अपनी पत्नी का कटा शीश गले में
लटका कर मुग़ल सेना के साथ भयंकर युद्ध किया और
वीरता पूर्वक लड़ते हुए अपनी मातृ भूमि के लिए शहीद हो गये
थे।
11. हल्दी घाटी की लड़ाई में मेवाड़ से 20000 सैनिक थे और
अकबर की ओर से 85000 सैनिक थे। फिर भी अकबर की मुगल
सेना पर राजपूत भारी पड़े थे।
धन्य थे वो हिन्दुस्तान के वीर
हमें अपने हिंदू होने पर गर्व है शेयर करके सभी हिन्दुओ तक भेजे
आज हम 90 करोड़ हैं
और वो 1 करोड़........

जय मातृभूमि

शनिवार, 13 सितंबर 2014

आज रो खारो जहर चुटकलो।



लादु मादु भेल़ा मः एक
लोटरी को टिकट मोल ल्यो .इनाम
निकल्ग्यो .
दोन्यू अमेरिका घूमण
जाबा रो पिलान बना रिया हा ,
के लादु बोल्यो -
"यार मादु ,
आपां नः अंगरेजी तो आवई कोनः,
उठः कठई फंस्ग्या तो ?"
"थूं घबरा मत, मनः फुल
अंगरेजी आवः" मादु बोल्यो .
दोन्युं
भायला अमरीका फून्चज्ञा,उठे
बिना ज़ेबरा क्रोसिंग के, आठ
लेण रोड़
पार करे हा के बीच मेई एक
पुलिस वालो पकड़ ल्य़ा :-
"हे मैन,,,, वाट्स नोनसेन्स ,,,,,
डोन्ट हेव ट्रेफिक मैनर्स ?यू
आर अंडर अरेस्ट फॉर
ब्रेकिंग ट्रेफिक रूल्ज़ "
लादु बोल्यो :"माद्या, बोल
अंगरेजी "
मादु फटाफट बोल्यो :" टू
दी हेडमास्टर गोरमेंट अपर
परेमरी सकूल
घाटा की झून्पडिया,
सर, मोस्ट रेस्पेक्ट्फुली आई
बेग टू से देट माई मदर इज इल
सो आई वांट थ्री डेज लीव ..
.......
पुलिस वालो देख्यो आ
खसी बला गलः आन पड़ी,
वो बोल्यो :-
"गेट लॉस्ट , गो गो ...
दोन्यू वठासुं भाग्या। आगे
जान लादु बोल्यो :-
"अरः व्हा यार मादु थन
तो अंगरेजी घणी करड़ी आवः,मान
ग्या यार "
मदु बोल्यो :- "खई बात करे, हाल
तो मनः "थ्रसट्टी क्रो" अर
"माई बेस्ट फ्रेंड" बि आवः

शुक्रवार, 12 सितंबर 2014

बाता री फुलवारी

कोलम्बस ने अमेरीका की खोज की यदी उसकी लुगाई जोधपुर की होती तो कभी अमेरीका की खोज नही कर सकता क्यो ?
.
क्यो की वो बहुत ज्यादा सवाल करती !
. सिद जाओ
.कीने हाथे जाओ
.किण वास्ते जाओ
.कई खोजणे जाओ
.वापस कद आवोला
.कितो टाईम लागेला
.अटे कोनी खोजिजे कई
.नही खोज्या चाले कोनी
.हर बार थेईज क्यु जाओ
.मे अटे एकली कई करूला
थाने तो बस दोस्ता रे साथे मटरगस्ती करनी मै भी थाणे साथे चालुला
.अन्त ने कोलम्बस ने जवाब दिया

ऐ म्हारी मॉ म्हे कटेई कोनी जाऊ
Proud to be jodhpurian

-––----------+--+++++----
पति-पत्नी कै बीच मैं,
एकर बहस छिड़ी बड़ी सोणी।
पत्नी बोली- इसो कोई विभाग बताओ,
जिण मैं लुगाई कोनी।
राजनीति, धर्म, थानेदारी, गुण्डागर्दी,
म्हे तो सब जगा बढ़गी हां।
ओर तो ओर म्है तो,
चांद पर भी चढगी हां।
पति कै माथा मैं या बात अड़गी,
पण झट भेजो लगायो अर
बोल्यो, दमकल विभाग मैं,
थे एक भी कोणी लाडी।
खिसियांती सी पत्नी बोली,
बो तो म्हे जाणकर ही छोड़यो है,
थे आ बात जाणो कोणी,
लुगायां रो काम आग लगाणो है, बुझाणो कोनी
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जोधपुरी ज्ञान :-)
पेट्रोल प॑प माथे
लोग आपरे घर री लेडिस ने
पैला ही नीचे क्यु उतारे है...?
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क्यु कि बठै साफ साफ लिखयोड़ो रेवे है कि
"आग लगावण वाळी चीजा दुर राखजो"..

रविवार, 7 सितंबर 2014

बाटी खाते वकत निम्न बातो का ध्यानरखना चाहिए

(1) बाटी जिन्स पेन्ट पहन कर नही खानी चाहिए ।
बैठने में भी तकलीफ होती
(2) बाटी खाते वकत मोबाइल का स्विच ऑफ रखे। बात
करने से पेट में हवा जाती हैं ।जिससे एक बाटी कम
खवाति हैं हवा से पेट भरता हैं
(4)बाटी खाते वकत सुई गिरने जितनी भी आवाज
नही आनी चाहिए। खाते
वकत कोई बच्चा आवाज करे तो उसे भी लप्पड़ मेल
देनी चाहिए बगैर रहम करे
(6) बाटी खाते वकत पंखा पास होना ..
(7) बाटी खाते वकत घी की बाल्टी फुल
होनी चाहिएl जितना घी जाएगा बाटी के साथ
उतनी तरावट रहेगी और कुम्भकर्ण की मानिंद नींद
आएगी एक दम टेंशन फ्री
(8)बाटी खाने के बाद काम करना जरूरी नही हैं
(9) बाटी खाने के बाद मिथुन चक्रवर्ती के पिक्चर
देखना निषेद है उससे माथा खराब
रहता हैं खोपड़ी घनचक्कर हो जाती है
सोमवार हो या रविवार रोज खाओ बाटी दाल
जिस दिन घर पे बाटी बनती हैं उस दिन घर में
खुशी का माहौल रहता हैं।
बच्चे
भी सभी काम पे लग जाते हैं
कोई कांदा काटने लग
जाता हैं
कोई चटनी घाेटता हैं ।
कोई कड़ी पत्ता लेने
चला जाता हैं ।
कोई अपने आप को दाल बनाने
का उस्ताद जता कर दाल की वाट लगाता है
बाटी खाने के बाद दाल बाटी और लड्डू की तारीफ़
करने से पुन्य मिलता है
और अनेकानेक जन्म के पाप नष्ट
हो जाते है
कहि कहि तो बाटी की धुप भी लगाते हैं।
पांच पकवान
की तरह मानते हैं।
बाटी खाने के बाद
आदमी को ऐसा लगता हैं की मेरे उपर कोई
दीणा(कर्जा) नही हैं ।
बामण गुरु के अनुसार बाटी खाने
का दिन रविवार सही हैं।
लगातार सात दिन बाटी खाने से गंगा जी के घाट पर
हज़ार बामणाे का लंगर कराने और सौ गायो का दान
करने बराबर पुन्य लगता हैं ।
देसी खाओ ज्यादा विदेशी मत बनो
😎😎😎😎

बुधवार, 3 सितंबर 2014

गाय के दूध और घी की महिमा

*०*गाय का घी नाक में डालने से पागलपन दूर
होता है।*०*
.
*०*गाय का घी नाक में डालने से एलर्जी खत्म
हो जाती है।*०*
.
*०*गाय का घी नाक में डालने से लकवा का रोग
में
भी उपचार होता है।*०*
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*०*(20-25 ग्राम) घी व मिश्री खिलाने से
शराब,
भांग व गांझे का नशा कम हो जाता है।*०*
.
*०*गाय का घी नाक में डालने से कान
का पर्दा बिना ओपरेशन के ही ठीक हो जाता है।
*०*
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*०*नाक में घी डालने से नाक की खुश्की दूर
होती है
और दिमाग तरोताजा हो जाता है।*०*
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*०*गाय का घी नाक में डालने से कोमा से बाहर
निकल कर चेतना वापस लोट आती है।*०*
.
*०*गाय का घी नाक में डालने से बाल
झडना समाप्त
होकर नए बाल भी आने लगते है।*०*
.
*०*गाय के घी को नाक में डालने से मानसिक
शांति मिलती है, याददाश्त तेज होती है।*०*
.
*०*हाथ पाव मे जलन होने पर गाय के
घी को तलवो में
मालिश करें जलन ठीक होता है।*०*
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*०*हिचकी के न रुकने पर खाली गाय
का आधा चम्मच
घी खाए, हिचकी स्वयं रुक जाएगी।*०*
.
*०*गाय के घी का नियमित सेवन करने से
एसिडिटी व
कब्ज की शिकायत कम हो जाती है।*०*
.
*०*गाय के घी से बल और वीर्य बढ़ता है और
शारीरिक
व मानसिक ताकत में भी इजाफा होता है*०*
.
*०*गाय के पुराने घी से बच्चों को छाती और
पीठ पर
मालिश करने से कफ की शिकायत दूर
हो जाती है।
*०*
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*०*अगर अधिक कमजोरी लगे, तो एक गिलास
दूध में
एक
चम्मच गाय का घी और मिश्री डालकर पी लें।
*०*
.
*०*हथेली और पांव के तलवो में जलन होने पर
गाय के
घी की मालिश करने से जलन में आराम आयेगा।
*०*
.
*०*गाय का घी न सिर्फ कैंसर को पैदा होने से
रोकता है और इस बीमारी के फैलने
को भी आश्चर्यजनक ढंग से रोकता है। *०*
.
*०*जिस व्यक्ति को हार्ट अटैक की तकलीफ है
और
चिकनाइ खाने की मनाही है तो गाय
का घी खाएं, हर्दय मज़बूत होता है।*०*
.
*०*देसी गाय के घी में कैंसर से लड़ने की अचूक
क्षमता होती है। इसके सेवन से स्तन तथा आंत
के
खतरनाक कैंसर से बचा जा सकता है।*०*
.
*०*घी, छिलका सहित पिसा हुआ
काला चना और
पिसी शक्कर (बूरा) तीनों को समान मात्रा में
मिलाकर लड्डू बाँध लें। प्रातः खाली पेट एक
लड्डू
खूबचबा-चबाकर खाते हुए एक गिलास
मीठा गुनगुना दूध घूँट-घूँट करके पीने से
स्त्रियों के
प्रदर रोगमें आराम होता है, पुरुषों का शरीर
मोटा ताजा यानी सुडौल और बलवान
बनता है.*०*
.
*०*फफोलो पर गाय का देसी घी लगाने से
आराम
मिलता है।*०*
. *०* गाय के घी की झाती पर मालिस करने
से बच्चो के बलगम को बहार निकालने मे सहायक
होता है।*०*
.
*०*सांप के काटने पर 100 -150 ग्राम
घी पिलायें उपर
से
जितना गुनगुना पानी पिला सके पिलायें जिससे
उलटी और दस्त तो लगेंगे ही लेकिन सांप
का विष
कम हो जायेगा।*०*
.
*०*दो बूंद देसी गाय का घी नाक में सुबह शाम
डालने
से माइग्रेन दर्द ठीक होता है। *०*
.
*०*सिर दर्द होने पर
शरीर में गर्मी लगती हो, तो गाय के
घी की पैरों के तलवे पर मालिश करे, सर दर्द
ठीक
हो जायेगा।*०*
.
*०*यह स्मरण रहे कि गाय के घी के सेवन से
कॉलेस्ट्रॉल
नहीं बढ़ता है। वजन भी नही बढ़ता, बल्कि वजन
को संतुलित करता है । यानी के कमजोर
व्यक्ति का वजन बढ़ता है, मोटे
व्यक्ति का मोटापा (वजन) कम होता है।*०*
.
*०*एक चम्मच गाय का शुद्ध घी में एक
चम्मच बूरा और
1/4
चम्मच पिसी काली मिर्च इन
तीनों को मिलाकर सुबह खाली पेट और रात
को सोते समय चाट कर ऊपर से गर्म मीठा दूध
पीने से
आँखों की ज्योति बढ़ती है।*०*
.
*०*गाय के घी को ठन्डे जल में फेंट ले और
फिर
घी को पानी से अलग कर ले यह
प्रक्रिया लगभग
सौ बार करे और इसमें थोड़ा सा कपूर डालकर
मिला दें। इस विधि द्वारा प्राप्त घी एक असर
कारक औषधि में परिवर्तित हो जाता है जिसे
जिसे त्वचा सम्बन्धी हर चर्म रोगों में
चमत्कारिक
कि तरह से इस्तेमाल कर सकते है। यह
सौराइशिस के
लिए भी कारगर है।
.
*०*गाय का घी एक अच्छा (LDL) कोलेस्ट्रॉल
है।
उच्च
कोलेस्ट्रॉल के रोगियों को गाय
का घी ही खाना चाहिए। यह एक बहुत
अच्छा टॉनिक भी है।*०*
.
*०*अगर आप गाय के घी की कुछ बूँदें दिन में
तीन बार,
नाक में प्रयोग करेंगे तो यह त्रिदोष (वात
पित्त और
कफ) को संतुलित करता है।*०*
.
.
***वन्दे गऊ मातरम***
अधिक से अधिक शेयर कीजिये मित्रों।