बुधवार, 24 सितंबर 2014

खाणो वाइफ 👰रो, पाणी पाइप 🚰रो,

खाणो वाइफ 👰रो,
पाणी पाइप 🚰रो,
ध्यान एक री,
सलाह दो  री,
गावणो तीन रो,
चोकडी चार री,
पंचायती पान्च री,
छाती कुटो छ: रो,
प्यार भाई 👬रो,
नशो दवाई रो,
दूध गाय 🐄रो,
स्वाद मलाई रो,
वेर दुश्मन👹 रो,
वगार राई रो,
एको नाई रो,
घर लुगाई 🙎रो,
टोन्को दर्ज़ी रो
मेसेज 💌 दमजी रो
न्याय ताकडी 📟रो,
साग काकडी 🍠रो,
जाल मकडी 🐞रो,
बलितो लकडी 🚪रो,
घी जाट रो,
तेल हाट रो,
तोलणो बाट 🎳रो,
लाडु सुण्ठ रो,
महीनो जून 🌞रो,
कपडो ऊन 🐏रो,
घाघरो वरी रो,
और नाम बोलो हरी रो। |
💭थोड़ा दिना पछे ए शायद कोनी मिलेला ⌛

 लुगाईओ में लाज,
दिलों में राज,
चुल्हा री आग,
सरसुं रो साग,
सिर उपर पाग,
संगीत रा राग,


.... कोनी मिलेला सा ...

औंगण में ऊखल,
कूण म मूसल,
घरां में लस्सी,
लत्ते टांगण की रस्सी
रिश्तों रो उजास,
दोस्तों रो गरमास,
पहलवानां री लंगोट,
हनुमानजी रो रोट,
घूंघट आली लुगाई,
गावं म दाई,

..... कोनी मिलेला सा ....

सासरा में लाडू ,
तैवार माथे साडू,
दोस्तां साथे भोज,
सुबह शाम नितरोज,
िचड़ी बल्ला रो खेल,
WHatsapp माते मेल,

.......कोनी मिलेला सा .....

बात सुनती घरआली,
हँस बतलावती साली,
घरां में बुढ्ढा,
बैठकां में मुड्डा,
अलपता टाबर,
सुहावता आखर,
अनजानो री आशीष,
कमतर ने बक्शीस,
राज में भला,
ने बंद गला,


.....कोनी मिलेला सा...

शहर री आन,
मुछों री शान
ताऊ रो हुक्का,
ब्याह रो रुक्का,
हिसाब री पर्ची,
गली वालो दर्ज़ी ,
पाटडे माते नहाणो,
पत्तल पे खाणा,
पाणी भरेडा देग,
बेन बेटी रो नेग,

.........कोनी मिलेला सा ....
 इस संसार में हकीकत में कौन क्या है.......?

• केले का छिलका-----  पृथ्वी से मिलाप करने का दलाल
• सिनेमा----- पैसा देकर कैद होने का स्थान
• जेल ----- बिना पैसे का हास्टल
• सास ----- बहु के पीछे छोडा गया बिना पैसे का जासूस
• चिन्ता----- बजन कम करने की सबसे सस्ती दवा
• मृत्यु ----- बिना पासपोर्ट के पृथ्वी सेदूर जाने की छूट
• ताला ----- बिना वेतन का चौकीदार
• मुर्गा ----- देहात की अलार्म घडी
• झगडा ----- वकील का कमाऊ बेटा
• चश्मा----- जादूई आँख
• स्वप्न ----- बिना पैसे की फिल्म
• हॉस्पिटल----- रोगियों का संग्रहालय
• श्मशान----- दुनिया का आखिरी स्टेशन
• ईश्वर----- किसी से मुलाकात न करने वाला व्यवस्थापक
• चाय कॉफी----- कलयुग का अमृत
• विद्वान----- अक्ल का ठेकेदार
• चोर----- रात का शरीफ व्यापारी
• विश्व----- एक महान धर्मशाला।
गलती जिंदगी का एक पन्ना है;
परन्तु 'रिश्ते' पूरी किताब हैं।
ज़रूरत पड़ने पर 'गलती' का पन्ना फाड़ देना लेकिन एक पन्ने के लिए पूरी किताब मत फाड़ देना।
शुभ दिवस।🌼

सोमवार, 22 सितंबर 2014

जय वीरभूमि : राजस्थान भूमि

1. चित्तौड़ के जयमाल मेड़तिया ने एक ही झटके में
हाथी का सिर काट डाला था ।
2. करौली के जादोन राजा अपने सिंहासन पर बैठते वक़्त अपने
दोनो हाथ जिन्दा शेरों पर रखते थे ।
3. जोधपुर के जसवंत सिंह के 12 साल के पुत्र पृथ्वी सिंह ने
हाथोँसे औरंगजेब के खूंखार भूखे जंगली शेर का जबड़ा फाड़
डाला था ।
4. राणा सांगा के शरीर पर युद्धोंके छोटे-बड़े 80 घाव थे।
युद्धों में घायल होने के कारण उनके एक हाथ नहीं था, एक पैर
नही था, एक आँख नहीं थी। उन्होंने अपने जीवन-काल में 100 से
भी अधिक युद्ध लड़े थे ।
5. एक राजपूत वीर जुंझार जो मुगलों से लड़ते वक्त शीश कटने के
बाद भी घंटे तक लड़ते रहे आज उनका सिर बाड़मेर में है,
जहाँ छोटा मंदिर हैं और धड़ पाकिस्तान में है।
6. रायमलोत कल्ला का धड़, शीश कटने के बाद लड़ता-
लड़ता घोड़े पर पत्नी रानी के पास पहुंच गया था तब रानी ने
गंगाजल के छींटे डाले तब धड़ शांत हुआ।
7. चित्तौड़ में अकबर से हुए युद्ध में जयमाल राठौड़ पैर
जख्मी होने की वजह से कल्ला जी के कंधे पर बैठ कर युद्ध लड़े थे।
ये देखकर सभी युद्ध-रत साथियों को चतुर्भुज भगवान की याद
आ गयी थी, जंग में दोनों के सर काटने के बाद भी धड़ लड़ते रहे
और राजपूतों की फौज ने दुश्मन को मार गिराया। अंत में
अकबर ने उनकी वीरता से प्रभावित हो कर जयमाल और
कल्ला जी की मूर्तियाँ आगरा के किले में लगवायी थी।
8. राजस्थान पाली में आउवा के ठाकुर खुशाल सिंह 1877 में
अजमेर जा कर अंग्रेज अफसर का सर काट कर ले आये थे और
उसका सर अपने किले के बाहर लटकाया था, तब से आज दिन तक
उनकी याद में मेला लगता है।
9. महाराणा प्रताप के भाले का वजन सवा मन (लगभग 50
किलो ) था, कवच का वजन 80 किलो था। कवच, भाला, ढाल
और हाथ में तलवार का वजन मिलाये तो लगभग 200
किलो था। उन्होंने तलवार के एक ही वार से बख्तावर
खलजी को टोपे, कवच, घोड़े सहित एक ही झटके में काट
दिया था।
10. सलूम्बर के नवविवाहित रावत रतन सिंह चुण्डावत जी ने युद्ध
जाते समय मोह-वश अपनी पत्नी हाड़ा रानी की कोई
निशानी मांगी तो रानी ने सोचा ठाकुर युद्ध में मेरे मोह के
कारण नही लड़ेंगे तब रानी ने निशानी के तौर पर अपना सर
काट के दे दिया था। अपनी पत्नी का कटा शीश गले में
लटका कर मुग़ल सेना के साथ भयंकर युद्ध किया और
वीरता पूर्वक लड़ते हुए अपनी मातृ भूमि के लिए शहीद हो गये
थे।
11. हल्दी घाटी की लड़ाई में मेवाड़ से 20000 सैनिक थे और
अकबर की ओर से 85000 सैनिक थे। फिर भी अकबर की मुगल
सेना पर राजपूत भारी पड़े थे।
धन्य थे वो हिन्दुस्तान के वीर
हमें अपने हिंदू होने पर गर्व है शेयर करके सभी हिन्दुओ तक भेजे
आज हम 90 करोड़ हैं
और वो 1 करोड़........

जय मातृभूमि

शनिवार, 13 सितंबर 2014

आज रो खारो जहर चुटकलो।



लादु मादु भेल़ा मः एक
लोटरी को टिकट मोल ल्यो .इनाम
निकल्ग्यो .
दोन्यू अमेरिका घूमण
जाबा रो पिलान बना रिया हा ,
के लादु बोल्यो -
"यार मादु ,
आपां नः अंगरेजी तो आवई कोनः,
उठः कठई फंस्ग्या तो ?"
"थूं घबरा मत, मनः फुल
अंगरेजी आवः" मादु बोल्यो .
दोन्युं
भायला अमरीका फून्चज्ञा,उठे
बिना ज़ेबरा क्रोसिंग के, आठ
लेण रोड़
पार करे हा के बीच मेई एक
पुलिस वालो पकड़ ल्य़ा :-
"हे मैन,,,, वाट्स नोनसेन्स ,,,,,
डोन्ट हेव ट्रेफिक मैनर्स ?यू
आर अंडर अरेस्ट फॉर
ब्रेकिंग ट्रेफिक रूल्ज़ "
लादु बोल्यो :"माद्या, बोल
अंगरेजी "
मादु फटाफट बोल्यो :" टू
दी हेडमास्टर गोरमेंट अपर
परेमरी सकूल
घाटा की झून्पडिया,
सर, मोस्ट रेस्पेक्ट्फुली आई
बेग टू से देट माई मदर इज इल
सो आई वांट थ्री डेज लीव ..
.......
पुलिस वालो देख्यो आ
खसी बला गलः आन पड़ी,
वो बोल्यो :-
"गेट लॉस्ट , गो गो ...
दोन्यू वठासुं भाग्या। आगे
जान लादु बोल्यो :-
"अरः व्हा यार मादु थन
तो अंगरेजी घणी करड़ी आवः,मान
ग्या यार "
मदु बोल्यो :- "खई बात करे, हाल
तो मनः "थ्रसट्टी क्रो" अर
"माई बेस्ट फ्रेंड" बि आवः

शुक्रवार, 12 सितंबर 2014

बाता री फुलवारी

कोलम्बस ने अमेरीका की खोज की यदी उसकी लुगाई जोधपुर की होती तो कभी अमेरीका की खोज नही कर सकता क्यो ?
.
क्यो की वो बहुत ज्यादा सवाल करती !
. सिद जाओ
.कीने हाथे जाओ
.किण वास्ते जाओ
.कई खोजणे जाओ
.वापस कद आवोला
.कितो टाईम लागेला
.अटे कोनी खोजिजे कई
.नही खोज्या चाले कोनी
.हर बार थेईज क्यु जाओ
.मे अटे एकली कई करूला
थाने तो बस दोस्ता रे साथे मटरगस्ती करनी मै भी थाणे साथे चालुला
.अन्त ने कोलम्बस ने जवाब दिया

ऐ म्हारी मॉ म्हे कटेई कोनी जाऊ
Proud to be jodhpurian

-––----------+--+++++----
पति-पत्नी कै बीच मैं,
एकर बहस छिड़ी बड़ी सोणी।
पत्नी बोली- इसो कोई विभाग बताओ,
जिण मैं लुगाई कोनी।
राजनीति, धर्म, थानेदारी, गुण्डागर्दी,
म्हे तो सब जगा बढ़गी हां।
ओर तो ओर म्है तो,
चांद पर भी चढगी हां।
पति कै माथा मैं या बात अड़गी,
पण झट भेजो लगायो अर
बोल्यो, दमकल विभाग मैं,
थे एक भी कोणी लाडी।
खिसियांती सी पत्नी बोली,
बो तो म्हे जाणकर ही छोड़यो है,
थे आ बात जाणो कोणी,
लुगायां रो काम आग लगाणो है, बुझाणो कोनी
-----------------------
जोधपुरी ज्ञान :-)
पेट्रोल प॑प माथे
लोग आपरे घर री लेडिस ने
पैला ही नीचे क्यु उतारे है...?
.
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.
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.
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क्यु कि बठै साफ साफ लिखयोड़ो रेवे है कि
"आग लगावण वाळी चीजा दुर राखजो"..

रविवार, 7 सितंबर 2014

बाटी खाते वकत निम्न बातो का ध्यानरखना चाहिए

(1) बाटी जिन्स पेन्ट पहन कर नही खानी चाहिए ।
बैठने में भी तकलीफ होती
(2) बाटी खाते वकत मोबाइल का स्विच ऑफ रखे। बात
करने से पेट में हवा जाती हैं ।जिससे एक बाटी कम
खवाति हैं हवा से पेट भरता हैं
(4)बाटी खाते वकत सुई गिरने जितनी भी आवाज
नही आनी चाहिए। खाते
वकत कोई बच्चा आवाज करे तो उसे भी लप्पड़ मेल
देनी चाहिए बगैर रहम करे
(6) बाटी खाते वकत पंखा पास होना ..
(7) बाटी खाते वकत घी की बाल्टी फुल
होनी चाहिएl जितना घी जाएगा बाटी के साथ
उतनी तरावट रहेगी और कुम्भकर्ण की मानिंद नींद
आएगी एक दम टेंशन फ्री
(8)बाटी खाने के बाद काम करना जरूरी नही हैं
(9) बाटी खाने के बाद मिथुन चक्रवर्ती के पिक्चर
देखना निषेद है उससे माथा खराब
रहता हैं खोपड़ी घनचक्कर हो जाती है
सोमवार हो या रविवार रोज खाओ बाटी दाल
जिस दिन घर पे बाटी बनती हैं उस दिन घर में
खुशी का माहौल रहता हैं।
बच्चे
भी सभी काम पे लग जाते हैं
कोई कांदा काटने लग
जाता हैं
कोई चटनी घाेटता हैं ।
कोई कड़ी पत्ता लेने
चला जाता हैं ।
कोई अपने आप को दाल बनाने
का उस्ताद जता कर दाल की वाट लगाता है
बाटी खाने के बाद दाल बाटी और लड्डू की तारीफ़
करने से पुन्य मिलता है
और अनेकानेक जन्म के पाप नष्ट
हो जाते है
कहि कहि तो बाटी की धुप भी लगाते हैं।
पांच पकवान
की तरह मानते हैं।
बाटी खाने के बाद
आदमी को ऐसा लगता हैं की मेरे उपर कोई
दीणा(कर्जा) नही हैं ।
बामण गुरु के अनुसार बाटी खाने
का दिन रविवार सही हैं।
लगातार सात दिन बाटी खाने से गंगा जी के घाट पर
हज़ार बामणाे का लंगर कराने और सौ गायो का दान
करने बराबर पुन्य लगता हैं ।
देसी खाओ ज्यादा विदेशी मत बनो
😎😎😎😎

बुधवार, 3 सितंबर 2014

गाय के दूध और घी की महिमा

*०*गाय का घी नाक में डालने से पागलपन दूर
होता है।*०*
.
*०*गाय का घी नाक में डालने से एलर्जी खत्म
हो जाती है।*०*
.
*०*गाय का घी नाक में डालने से लकवा का रोग
में
भी उपचार होता है।*०*
.
*०*(20-25 ग्राम) घी व मिश्री खिलाने से
शराब,
भांग व गांझे का नशा कम हो जाता है।*०*
.
*०*गाय का घी नाक में डालने से कान
का पर्दा बिना ओपरेशन के ही ठीक हो जाता है।
*०*
.
*०*नाक में घी डालने से नाक की खुश्की दूर
होती है
और दिमाग तरोताजा हो जाता है।*०*
.
*०*गाय का घी नाक में डालने से कोमा से बाहर
निकल कर चेतना वापस लोट आती है।*०*
.
*०*गाय का घी नाक में डालने से बाल
झडना समाप्त
होकर नए बाल भी आने लगते है।*०*
.
*०*गाय के घी को नाक में डालने से मानसिक
शांति मिलती है, याददाश्त तेज होती है।*०*
.
*०*हाथ पाव मे जलन होने पर गाय के
घी को तलवो में
मालिश करें जलन ठीक होता है।*०*
.
*०*हिचकी के न रुकने पर खाली गाय
का आधा चम्मच
घी खाए, हिचकी स्वयं रुक जाएगी।*०*
.
*०*गाय के घी का नियमित सेवन करने से
एसिडिटी व
कब्ज की शिकायत कम हो जाती है।*०*
.
*०*गाय के घी से बल और वीर्य बढ़ता है और
शारीरिक
व मानसिक ताकत में भी इजाफा होता है*०*
.
*०*गाय के पुराने घी से बच्चों को छाती और
पीठ पर
मालिश करने से कफ की शिकायत दूर
हो जाती है।
*०*
.
*०*अगर अधिक कमजोरी लगे, तो एक गिलास
दूध में
एक
चम्मच गाय का घी और मिश्री डालकर पी लें।
*०*
.
*०*हथेली और पांव के तलवो में जलन होने पर
गाय के
घी की मालिश करने से जलन में आराम आयेगा।
*०*
.
*०*गाय का घी न सिर्फ कैंसर को पैदा होने से
रोकता है और इस बीमारी के फैलने
को भी आश्चर्यजनक ढंग से रोकता है। *०*
.
*०*जिस व्यक्ति को हार्ट अटैक की तकलीफ है
और
चिकनाइ खाने की मनाही है तो गाय
का घी खाएं, हर्दय मज़बूत होता है।*०*
.
*०*देसी गाय के घी में कैंसर से लड़ने की अचूक
क्षमता होती है। इसके सेवन से स्तन तथा आंत
के
खतरनाक कैंसर से बचा जा सकता है।*०*
.
*०*घी, छिलका सहित पिसा हुआ
काला चना और
पिसी शक्कर (बूरा) तीनों को समान मात्रा में
मिलाकर लड्डू बाँध लें। प्रातः खाली पेट एक
लड्डू
खूबचबा-चबाकर खाते हुए एक गिलास
मीठा गुनगुना दूध घूँट-घूँट करके पीने से
स्त्रियों के
प्रदर रोगमें आराम होता है, पुरुषों का शरीर
मोटा ताजा यानी सुडौल और बलवान
बनता है.*०*
.
*०*फफोलो पर गाय का देसी घी लगाने से
आराम
मिलता है।*०*
. *०* गाय के घी की झाती पर मालिस करने
से बच्चो के बलगम को बहार निकालने मे सहायक
होता है।*०*
.
*०*सांप के काटने पर 100 -150 ग्राम
घी पिलायें उपर
से
जितना गुनगुना पानी पिला सके पिलायें जिससे
उलटी और दस्त तो लगेंगे ही लेकिन सांप
का विष
कम हो जायेगा।*०*
.
*०*दो बूंद देसी गाय का घी नाक में सुबह शाम
डालने
से माइग्रेन दर्द ठीक होता है। *०*
.
*०*सिर दर्द होने पर
शरीर में गर्मी लगती हो, तो गाय के
घी की पैरों के तलवे पर मालिश करे, सर दर्द
ठीक
हो जायेगा।*०*
.
*०*यह स्मरण रहे कि गाय के घी के सेवन से
कॉलेस्ट्रॉल
नहीं बढ़ता है। वजन भी नही बढ़ता, बल्कि वजन
को संतुलित करता है । यानी के कमजोर
व्यक्ति का वजन बढ़ता है, मोटे
व्यक्ति का मोटापा (वजन) कम होता है।*०*
.
*०*एक चम्मच गाय का शुद्ध घी में एक
चम्मच बूरा और
1/4
चम्मच पिसी काली मिर्च इन
तीनों को मिलाकर सुबह खाली पेट और रात
को सोते समय चाट कर ऊपर से गर्म मीठा दूध
पीने से
आँखों की ज्योति बढ़ती है।*०*
.
*०*गाय के घी को ठन्डे जल में फेंट ले और
फिर
घी को पानी से अलग कर ले यह
प्रक्रिया लगभग
सौ बार करे और इसमें थोड़ा सा कपूर डालकर
मिला दें। इस विधि द्वारा प्राप्त घी एक असर
कारक औषधि में परिवर्तित हो जाता है जिसे
जिसे त्वचा सम्बन्धी हर चर्म रोगों में
चमत्कारिक
कि तरह से इस्तेमाल कर सकते है। यह
सौराइशिस के
लिए भी कारगर है।
.
*०*गाय का घी एक अच्छा (LDL) कोलेस्ट्रॉल
है।
उच्च
कोलेस्ट्रॉल के रोगियों को गाय
का घी ही खाना चाहिए। यह एक बहुत
अच्छा टॉनिक भी है।*०*
.
*०*अगर आप गाय के घी की कुछ बूँदें दिन में
तीन बार,
नाक में प्रयोग करेंगे तो यह त्रिदोष (वात
पित्त और
कफ) को संतुलित करता है।*०*
.
.
***वन्दे गऊ मातरम***
अधिक से अधिक शेयर कीजिये मित्रों।