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बुधवार, 20 अगस्त 2025

राजपुताना की रियासतों में प्रचलित कहावतें


राजपुताना की रियासतों में प्रचलित कहावतें :

समै  एकसो ना रवै  ,पल पल बदळै रोज |
कदे मिलै ना  पावली ,कदे भरी रवै गोज ||

अदळाबदळी होयसी, है कुदरत  रो रूल |
दो पिसां रै माख मैं,मिनखपणो मत भूल ||

आडो आ  मजबूर गै, है जे आवण जोग |
राजा  रंग बणाय  द्यै, वखत  लगावै रोग ||

समै सदांरो बादस्या, हुक्म सुणै ना कोय |
बाळ ना बाकों हो सकै,समै सनिपी होय ||

समै  हरावै  मिनख नै, समै  दिरावै जीत |
समै जकै रो साथ दे,आखी दुनिया मीत ||

समै जकै स्यूं रूसज्या,राजा रंक फकीर |
नाच  नचावै  बेगिण्यां,  चौडै  पड़ै सरीर ||

समै  लुटादे आबरू, समै नी छोडै लाज |
भोगी  समजै सैन  मैं,बूरी  समै री गाज ||

गाज समै री है बूरी ,रूसै  कुळ परिवार |
हाल नी  पुछै आपरा , चाहे  मरो बिमार ||

बैरी  दुस्मण  ना  पड़ै ,बूरी  समै  री मार |
दाव  ना  चुकै समै कदे ,दूधारी  तलवार ||

समै सुव्हाणो सोवणो ,जिणरो देवै साथ |
दिन दोगुणो  मोज मैं, होवै चोगणी रात ||

राजपुताना की रियासतों में प्रचलित कहावतें