राजपुताना की रियासतों में प्रचलित कहावतें :
समै एकसो ना रवै ,पल पल बदळै रोज |
कदे मिलै ना पावली ,कदे भरी रवै गोज ||
अदळाबदळी होयसी, है कुदरत रो रूल |
दो पिसां रै माख मैं,मिनखपणो मत भूल ||
आडो आ मजबूर गै, है जे आवण जोग |
राजा रंग बणाय द्यै, वखत लगावै रोग ||
समै सदांरो बादस्या, हुक्म सुणै ना कोय |
बाळ ना बाकों हो सकै,समै सनिपी होय ||
समै हरावै मिनख नै, समै दिरावै जीत |
समै जकै रो साथ दे,आखी दुनिया मीत ||
समै जकै स्यूं रूसज्या,राजा रंक फकीर |
नाच नचावै बेगिण्यां, चौडै पड़ै सरीर ||
समै लुटादे आबरू, समै नी छोडै लाज |
भोगी समजै सैन मैं,बूरी समै री गाज ||
गाज समै री है बूरी ,रूसै कुळ परिवार |
हाल नी पुछै आपरा , चाहे मरो बिमार ||
बैरी दुस्मण ना पड़ै ,बूरी समै री मार |
दाव ना चुकै समै कदे ,दूधारी तलवार ||
समै सुव्हाणो सोवणो ,जिणरो देवै साथ |
दिन दोगुणो मोज मैं, होवै चोगणी रात ||
राजपुताना की रियासतों में प्रचलित कहावतें
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