जनहित में जारी
जब जोधपुर मे कोई बाईक
चालक सामने की बजाऐ आजू बाजू देख रहा हो......
और
बाइक की स्पीड धीमा कर दिया हो........
तो
संभल जाइए।
क्योकि वो अब गुटखा थूकने ही वाला है।
जनहित में जारी
जब जोधपुर मे कोई बाईक
चालक सामने की बजाऐ आजू बाजू देख रहा हो......
और
बाइक की स्पीड धीमा कर दिया हो........
तो
संभल जाइए।
क्योकि वो अब गुटखा थूकने ही वाला है।
-------मारवाड़ी चुटकलो-------
एक बार एक कालो आदमी सफ़ेद झक धोती कुरतों पेरने ख़ुद री लुगाई ने बोल्यो....
"ए रे में कियान को लाग रयो हु ?"
लुगाई को जवाब सुणताई ही आदमी का तो फ्यूज ही उडगा....
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लुगाई को जवाब हो की
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" इयान लाग रीया हो जियान पतासे रे माईने मकोड़ो घुसयोडो है "
मारवाड़ी आदमी रो ब्लड ग्रुप
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घी पॉजिटिव...
टोळी सूं टळता हिरणां मन माठा हुवे ।
बाल्हा बीछङतां जीवां किण विद जैठवा ।।
घङी ऐक ना जाय , जमवारो किम जावसी ।
बिलखतङी विवाह जोगण कर ग्यो
जेठवा ।।
राम राम सा।
होली री घणी घणी बधायाँ।
रामजी थाने सगळा नै निरोगा राखै
कमाई दुनी चोगुणी बढ़ावे
टाबरिया आपस्यूं भी ऊँचा चढ़े।
घर आळी री मोकळी मेहरबानी रेवे।
देश रो मान बढ़े
मारवाड़ री ईण पावन धरा माथै विराजियोड़ा मोतिया सू महग़ा अर म्हारे हिवड़े रा हार थानै " होली " रै ईण पर्व माथै हैत प्रिंत अर औलखाण सारू म्हारे अन्तस हिवड़ै अर कालजिये री कोर सू थानै अर थ्हारे सगले कूटूम्ब नै घणी मोकली शुभ कामनावा सा ,
ओबामा जी बीकानेर पहुंचे।
पाटे पर व्यास जी बैठे थे।
किसी ने कहा, काकोसा, आं ऊं मिळो।
ओबामा जी, अमरीका रा राष्ट्रपति है।
व्यास जी ने कोशिश करके आँखें मिचका कर गौर से देखते हुए कहा,
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"ओळखियो कोअनी। कैं रै परणीजियोड़ा है।"
मैने एक डोकरे से पुछा बा सा काई हाल है ?
बा- हाल तो चौखा है खूब खावो और खूब उडाऔ
मैँने पुछा- बा काई खावो न काई उङाओ
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बाबा- उबासिया खावो और माँखिया उडाओ
मारवाड री
ईण पावन धरा माथै विराजियोङा
मोतिया सू महंगा
अरे म्हारे हिवङे रा हार
होली
रे इन पवित्र पर्व माथै
हेत प्रीत
अर ओलखाण सारू
✌म्हारे अन्तस हिवङे✌
अर कालयिसु कोर सू थाने ओर थ्योरे
सगलै परिवार ने घणी मोकळी
शुभ कामनाएं,
ओर खमा घणी सा . Happy . Holi.
देशी लव ( मारवाडी )
फिदा हूँ थारी चोटी उपर.
जिंवतो हूँ बाजरा री रोटी उपर.
जे तु ना बोले कि मैं थारी हूँ.
तो बैठयो रेसु थारी चौकी उपर.
थारो लाडलो
भोमलो
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एक मारवाड़ी छोरे की
दिल्ली की एक पतली सी
लडकी से फ्रेँडशिप हो गई !
उसने लड़की को मैसेज भेजा:
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मुंडो भी थारो ख़ास कोनी है ;
हड्डियों माते थारे माँस कोनी है;
प्रपोज थने मैं केण वास्ते करूं बावली;
थारी तो वैलनटाई डे तक जीवणा री आस
कोनी है.. ।
नर्क में एक जगह पर बहुत सारे लोग इकट्ठा बैठ कर
हंसी-मजाक कर रहे थे।
उनके शोरगुल से
यमराज डिस्टर्ब हो रहे थे।
जब काफी देर तक शोरगुल जारी रहा
तो यमराज ने चित्रगुप्त को बुलाया और बोले,
"ये कौन लोग हैं जो नर्क में भी इतने मज़े कर रहे हैं?
" चित्रगुप्त मायूस होते हुए बोले,
"सर ये सब मारवाड़ी लोग हैं,
ये कंही भी सेट हो जाते हैं!..
सास बहु की मारवाड़ी कविता:
मत कर सासु बेटो बेटों
ओ तो मिनख हमारो है
जद पहनतो बाबा सूट
जद ओ गुड्डू थारो हो
अब ओ पहरे कोट पेंट.
अब ओ डार्लिंग म्हारो है
जद ओ पीतो बोतल में दूध
जड़ ओ गिगलो थारो हो
अब पीवे गिलास में जूस
अब ओ मिस्टर म्हारो है
जद ओ लिखतो क ख ग
जद ओ नानको थारो हो
अब ओ करे watsapp sms
अब ओ जानू म्हारो है
जद ओ खातो चोकलेट आइस क्रीम
जद ओ टाबर थारो हो
अब ओ खावे पिज़्ज़ा बिस्कुट
अब ओ हब्बी म्हारो है
जद ओ जातो स्कुल कोलेज
जद ओ मुन्नो थारो हो
अब ओ जाए ऑफिस में
अब ऑफिसर म्हारो है
जद ओ मांगतो पोकेट खर्चो
जद ओ लाडलो थारो हो
अब ओ ल्यावे लाखां रूपिया
अब ओ ए टी एम म्हारो है
मत कर सासू लालो लालो
अब ओ छैलो म्हारो है |
धणी- आज सजधज के कठे जा री से?
लुगाई- आत्महत्या करणे जा री सुं
धणी- तो इत्तो मेकअप क्यूँ करयो है
लुगाई- काल अख़बार म्हें म्हारो फोटू भी तो छपसी
मारवाड़ी की पत्नी, "म्हने लागे म्हारी छोरी को अफेयर चालु है"।
पति: वो क्यूँ?
पत्नी: "पॉकेट मनी" कोनी माँगे आजकल।
पति: हे भगवान, इं को मतलब लड़को मारवाड़ी कोनी है।
एक मारवाड़ी को एक्सीडेंट हो ग्यो.....
डाक्टर बोल्यो-टांकों लगाणो पड़ेगो
मारवाड़ी- कित्तो पीसो लागेगो?
डाक्टर-2000 रिपया लागसी
मारवाड़ी- अरे !!!
भाया ....टाँकों लगाणों है...एंब्रोईडरी
कोणी करवाणी.....
.......मारवाडी ......
छोरो - आई लव यू
छोरी - चूप रे गेलसप्पा, एक लेपड मेलियो नी तो सीधो जोधपुर पुगेला
छोरो - थोडो धीरे मार जे , नागौर मे थोडो काम हैं।
एक मारवाडी भगवान सु
अरज करे
हे मारा छतीस करोड देवी देवता
मारे ज्यादा कइ कोनी छावे बस
आप सब मने एक -एक रुपया
री मदद कर दो महारो जीवन
सफल होजाए
पेलां हा तख्त ताज आज टोपियां घणी ।
थें हो प्रजा ये राज झूंठ कह दियो कणी ।
दुष्टां भरोसे मातभोम नी है राखणी ।
देश है थारों रे थें हो देश रा धणी ।।
शताब्दियां तलक रा बलीदान सूं बण्यो ।
मिनखां रा लोहि मांडणा सूं आंगणो रच्यो । अणगिणतरा हमला सह्या ने जंग झेलिया । चंगेज अर अंग्रेज जस्या सेंकडों सह्या ।
अबे तो मात भारती ने शान्ति साजणी ।
देश हैं थांरो रे थें हो देश रा धणी ।।
मां भारती री रक्षा निज हाथ सूं सरे ।
पाडोसी मुक्ख जोवणो तो पार नी पडे । देशद्रोहि देश मे जो निजर मे चढे ।
सपूत वो कपूत रै जो जूत री जडे ।
दधीचि वाली रीत ने पाछी निभावणी ।
देश है थारों रे थें हो देश रा धणी ।।
थें टाबरां ने शूरवीरता री सीख दो ।
कायर पणा री ठोड ओज तेज सींच दो ।
भारत मे अभिमन्यु भरत फैर निपज जा । आतंक दुष्ट दैत्य सूं नरनार जूंझ जा ।
भावी पिढी ने देश री रखवाल बणाणी ।
देश हैं थारों रे थें हो देश रा धणी । ।
मोठ्यार पण रा काम कोइ रोल तो नही ।
थांरी उमर या पायलां रिमझोल तो नही । सिणगार रा गीतडा ने कांइ गावणा ।
हास्य व्यंग रा किस्सा किनै सुणावणा ।
इतिहास रा आखर बणा या लगन लागणी । देश है थांरो रे थें हो देश रा धणी ।।