सोमवार, 1 जून 2015

बातां रुळगी भाषा लारै -ओम पुरोहित कागद

बातां रुळगी भाषा लारै

              ओम पुरोहित कागद

राजस्थानी संस्कृति रा ठरका निराळा। संस्कृति पण कांण राख्यां। कांण रैवै राख्यां। हाल घड़ी बडेरां कांण राख राखी है। पण कीं अरथां में मोळी पड़ती लखावै। सरूआत आंगणै सूं। आंगणै सूं सबद खूट रैया है। काको, मामो, मासो, फूंफो, कुलफी आळै भेळो अंकल। मामी, मासी, भूआ, काकी, नरसां भेळी अंटी बणगी। देखतां-देखतां ई आपणी संस्कृति खुर रेई है। ढाबै कुण? मोट्यार तो अंग्रेजी रा कुरला करै। सो कीं भूल'र माइकल जै सन रा नातेदार बणन ढूक्या है।
बात नातां-रिस्तां री। नातेदार बै जका आपरी पांचवीं पीढी सूं पैली फंटग्या। पण भाईपो कायम। रिस्तेदार बो जकै सूं आपरो खून रो रिस्तो। यानी चौथी पीढी सूं लेय'र आप तांई। गिनायत कैवै खुद रै गोत नै टाळ आप री जात रै दूजै लोगां नै। जिण सूं आपरा ब्याव-संबंध ढूक सकै। कड़ूंम्बो कैवै दादै रै परिवार नै। लाणो-बाणो हुवै खुद रो परिवार। गनो होवै संबंध। जियां म्हारी छोरी रो गनो व्यासां रै ढूक्यो है। तो ओ होयो गनो। छोरै अर छोरी रै सासरै आळा होया सग्गा। ऐ बातां अब कुण जाणै?
आजकाळै कीं रिस्ता-नाता तो इलाजू कळा जीमगी। कूख मौत होवण सूं काका-काकी, बाबो-बडिया, भाई-भौजाई, मासो-मासी, फूंफो-भूआ, नणद-नणदोई, जेठ-जेठाणी, देवर-देराणी, काकी सासू, बडिया सासू, भूआ सासू, मासी सासू, मामी सासू जै़डा सबद आंगण में लाधणा दौ'रा होग्या। जद ऐ नामी रिस्तेदार, नातेदार अर गिनायतिया ई नीं लाधसी तो टाबरियां री ओळ कठै।
भेळप अर ऐ कठ राजस्थान्या री आण। पण अब तो ब्याव रै तुरता-फुरती न्यारा होवण री भावना। कुण जाणै कै देवर रो छोरो देरुतो, छोरी देरुती, जेठ रो बेटो जेठूतो, बेटी जेठूती, नणद रा बेटा-बेटी नाणदो अर नाणदी, काकै अर भूआ रा बेटा-बेटी, भतीजा-भतीजी, आजकाळै एक छोरै रो चलण। छोरी तो होवण ई नीं देवै। एक छोरै रै एक छोरो। बाकी रिस्तां रै लागै मोरो। आ होयगी भावना। घणकरै दिनां में टाबर पूछसी- 'पापा ये भूआ और फूंफा या होता है? मासा-मासी किसे कहते हैं?' ना साळा-साळी रैसी, ना मासा-मासी अर ना मामा-मामी। काका-काकी, भूआ-फूंफा अर बाबा-बडिया सोध्यां ई नीं लाधैला
दूसरो ब्याव करणियो दूजबर, किणी रै बिना ब्याव बैठणो, चू़डी पैरणो बजै। इण नै नातो कैवै। नातै जावण आळी लुगाई नै नातायत। नातै गयोड़ी लुगाई रै लारै आयोडै टाबर नै गेलड़ कैवै। जद रिस्ता-नाता, गन्ना, अर कड़ूम्बै रो ग्यान नीं तो संस्कारां रो ध्यान कठै। बडै रै पगाणै बैठणो, सिराणै नीं। भेळा जीमतां टाबर पछै जीमणो सरू करै पण चळू पैली करै। बडेरो आदमी जीमणो पैली सरू करै पण चळू छेकड़ में करै। सवारी माथै लुगाई लारलै आसण बैठै। आगलै पासै बैन, भौजाई, मा, दादी, काकी, बडिया, भूआ आद बैठै। अब पण ऐ बातां तो भाषा रै लारै ई रुळगी। मायड़ भाषा नै मानता मिलै तो पाछी बावड़ै। अब बांचो रिस्ता जाणण री दोय आड्यां-

(१)
पीपळी रै चोर बंध्यो, देख पणियारी रोई। 
काईं थारै सग्गो लागै, काईं लागै थारै सोई।।
नीं म्हारै सग्गो लागै, नीं लागै म्हारै सोई।
ईं रै बाप रो बैन्दोई, म्हारै लागतो नणदोई।। (बेटो)
(२)
जांतोड़ा रै जांतोड़ा, थारै कड़ियां लाल लपेटी।
आ आगलै आसण बैठी, थारै बैन है का बेटी।।
नीं म्हारै आ बैन है, नीं है आ म्हारी बेटी।
ईं री सासू अर म्हारी सासू, है आपस में मा-बेटी।। (बेटै री बू)

थार थळी से कागद जी की पोस्ट

Yo-ki-hoyo

A Rajasthani girl marries a Japanese.
A year later they are blessed with twins.
They name them,
Jo-hoyo, So-hoyo.
Another year later they have an unplanned baby. They name him,
Yo-ki-hoyo!

शनिवार, 30 मई 2015

मंगती

मरवाड़ी की प्रेम कहानी,

दो प्रेमी आँखों में आँखें डाल कर बूंदी-भुजिया खा रहे थे।

लड़की शरमा के :
☺☺

" यूँ घुर घुर ने कांई देख रिया हौ थे "

लड़का :

" थोड़ो थोड़ो खा मंगती, मुट्ठो भर भर  कांई फाका मारे" "

मोदी जी री सरकार

मोदी जी री सरकार रो एक साल पूरो वीयो
इण एक साल मं --
*केजरी भाई री खांसी ठीक वेगी।
*मौनमोहन जी बोलण लाग गा।
*सोनिया जी री अबूझ बीमारी जिण रा इलाज वास्ते दौड़ दौड़ र अमरीका जाती वा ठीक वेयगी।
*राहुल गांधी जिको कांग्रेस रा 10 साल रा राज मं कीं नई करियो बोई संसद मे भाषण भी देवण लॉग गो।

भेर कित्ताक अच्छा दिन चायजे?

मेवाड़ी गर्लफ्रैंड

लड़का व्हॉटसअॅप पे अपनी मेवाड़ी गर्लफ्रैंड से गप्पें लडा रहा था ।

लड़का- प्रिये सो रही हो, तो स्वप्न भेजो,
जाग रही हो, तो यादें भेजों,
हँस रही हो, तो खुशी भेजों,
रो रही हो, तो आसुँ भेजो ।

लड़की का रिप्लाय आया....

ठिकड़ा मांज री हूँ .... ऐठवाड़ों... भेजूँ कई???

20 रूपये तो फालतू में खराब हो गए

कई बार सोचता हूँ की 8वीं में 20 रूपये तो फालतू में खराब हो गए ग्रुप फ़ोटो के..

मास्टर जी बोलते थे की सबको लेनी ही पड़ेगी ताकि अपने बच्चों को बोलोगे की ये मेरे क्लासमेट थे अब कोई डॉक्टर कोई इंजीनियर कोई नेता हैं..

अब देखो म्हारा क्लासमेट

ये पोकरयो है जो किरोणे री दुकोन करे
ओ हरयो है जको भी पीकप चलावे
ओ दशरथयो है जको कटिंग करें
ओ ओमल्यो है जको जयपुर पड्यो है
ओ दान्यु है जको बोरावड़ में फिरे
ओ शिवो है जको जुत खातो फिरे
ओ प्रकाश्यो है जको खेजड़्या छाँगे
ओ धारयो है जको मुम्बई में काई पतो काई करे
ओ धरमो है जको जुओ खेले
हेन ऐ दस पन्दरा जना निकमा फिरे
और औ मैं हु जको दिनभर फ़ेसबुक अन वॉट्सएप में मुण्डा घाल्योडो रेवु..

और रेही बात छोरियों री तो
सगली ही रोटा पोवेन टाबर टिंगर हम्बाले...

शुक्रवार, 29 मई 2015

लटक जाओ.........

मारवाडी को फांसी की सजा सुनाई गयी ..

जज ने पूछा- कोई आखिरी ख्वाहिश........?

मारवाडी - म्हारी जगा थे लटक जाओ...........

गुरुवार, 28 मई 2015

समझ ना आता के... Haryanvi jokes

जहाँ पुलिस की भी ना चलती थाणे  में
कुछ दिन तो गुजारो हरियाणे में।

~~ हरियाणा टुरिज्म..~~

टीचर: मैं सुंदर थी, सुंदर हूं, सुंदर रहूंगी। इसी तरह तीनों काल का उदाहरण दो।
हरयाणवी  छात्र : तन्नै वहम था, तन्नै वहम है, तन्नै वहम रवैगा।
टीचर: नालायक, तमीज से बताओ।
छात्र: आदरणीय मैडम जी आप भूंडी थी, भूंडी हैं, भूंडी रहेंगी।
---
खतरनाक हरियाणवी गर्लफ्रेँड

छोरी :- कित है तु??

छोरा:-हस्पताल मेँ हूँ एक कार आला
टक्कर मारग्या !

छोरी :- अच्छा छुट्टी कद मिलैगी??

छोरा:- दो दिन पाच्छे !

छोरी :- ठीक है ! दो दिन बाद छुट्टी मिलतै ए मेरा रिचार्ज करवा दिए !
नहीँ तो दोबारा हस्पताल म्हे पहुँचा दयूँगी ..!!

टीवी रिपोर्टर ने जख्मी हरियाणवी से
पुच्छा-
"जब बम गिरा तो क्या वो जोर से
फटा ?"
.
.
.
.
.
.
हरियाणवी :- "ना ..,,,
वो घिसरदा होया मेरे धोरे आया.....
अर शरमा क मनै
बोला 'बढाम....!!!'

एक हरयाणे की ताई KBC मेँ एक करोड़ रपे
जीत गयी।
.
अमिताभ- माताजी आप सबसे पहले इन
पैसोँ का क्या करेगी??
.सबतै पहले 100 का खुलवाकै 10-10
रपिया छोरियां नै दूंगी।..

डाक्टर: ताई तनै इसी दवाई दूंगा के तूं फेर तै जवान हो जागी

ताई बोली: ईसा जूलम मन्ना करीये, मेरी पेनशन बन्द करावैगा के

एक चिड़ियाघर में एक तोते के पिंजरे के बाहर लिखा था ---
"english, हिंदी और haryanvi  बोलने वाला तोता".
एक आदमी ने इस बात को टेस्ट करने के लिए तोते से
पहले ENGLISH में पूछा -- हू आर यू ?
तोता -- आई ऍम पैरेट।
आदमी (हिंदी में) -- तुम कौन हो?
तोता -- मैं एक तोता हूँ।
आदमी (इस बार haryanvi में)-- तूं कूण स रै ?
तोता -- मैं तेरा फुफा... खाजले कुत्ते से मुंह के, दो बार बता लीया समझ ना आता के...

ठा  कोनी....

एक नौजवान ने एक बुजुर्ग से
पूछा :बाबा बताएं जब एक दिन दुनिया से
जाना है
तो
फिर लोग पैसो के पीछे क्यों भागते हैं ?

जब जमीन जायदाद जेवर यहीं रह जाते हैं तो
लोग
इनको अपनी जिन्दगी क्यों बनाते हैं ??

जब रिश्ते निभाने की बारी आती है
तो दोस्त ही दुश्मनी क्यों निभाते
हैं ??

बुजुर्ग ने गौर से तीनों सवाल सुने
फिर उसने माचिस की डब्बी से तीन
तीलियाँ निकाली
दो तीलियाँ उसने फेंक दी
और एक तीली को आधा तोड़
कर उपर वाला भाग फेंक दिया ।
नीचे वाले भाग को नुकीला बना कर
अपना दांत कुरेदते हुए बोला -
.
.
.
.
.
ठा  कोनी....

Garmi ka aalam

Iss garmi ka aalam bas itna samajh le galib...










Kapde dhote hi sukh jaate hai..
Aur pehnte hi geele ho jaate hai..

जीमण कोनी...

Air hostess: Sir, What r u prefer in ur lunch?
भासा: लिख ले बाई तू फेर भूल जाला।
एक भाटकी भर ने रबड़ी,
दो भाटका देशी घी रो हीरो,
दो मोहन जी रा लाड़ू,
चार घी रा बाटिया,
पापड, सलाद, दाल चावल,
प्रेम विलास रो मिक्सचर,
ने ऐक ठंडी छाछ लियाइजे बाई ने हाँ भेगि आइज़े यू नहीं के जाने बैठजा।
Air hostess: ओ प्लेन है भासा......
मिन्दर रे पाठ उच्छब रो जीमण कोनी...

कौन किसका जंवाई

दोस्तों आज हम विचार करेंगे
  जवांई (पाव्णा और बेटी रे घरवाला) के साथ
2003 से पहले और उसके बाद उनके साथ किये जाने वाले व्यवहार के बारे में।।।

1 ) पहले के जवांई जब आने का पता चलता तो साळा &  ससुर जी दाढ़ी बनाते  और नए कपडे पहनकर स्वागत के लिए तैयार रहते थे।

2) जवांई आ जाते तो बहुत मान मनवार मिलती और छोरी (पत्नी ) दौड़कर रसोडे में घुस जाती थी सासु जी पानी पिलाती  और धीरे से घूंघट से कहती आगये जी ।

3) आने का समाचार मिलते ही गली मोहल्ले के लोग चाय के लिए बुलाते थे
और काकिया ससुरजी या मामी ससुर जी के यहा तो करकरे आटे का हलवा (सिरा ) भी बनाते

4 )जवांई खुद को ऐसा महसूस करता था की वो पूरे गांव का जवांई है

5) जवांई के घर में आने के बाद घर के सब लोग डिसिप्लिन में आ जाते थे

6 )जवाँई बाथरूम से निकलते तो उनके हाथ lux साबुन से धूलवाते भले खुद उजाला साबुन से नहाते थे

7 )पावणा  अगर रात में रुक जाते तो सुबह में उनका साला कॉलगेट और ब्रश हाथ में लेकर आस पास घूमते रहता था।

8 )जब जवांई का अपनी बीवी को लेकर जाने का समय हो जाता तो स्कूटर को पहले गैर में डालकर भन्ना भोट निकलते थे जिस से उनका ससुराल में प्रभाव बना रहता था।







अब आज के जवांई की दुर्दशा :

1. आज के जमाई की कोई भी लुगाई लाज नहीं निकालती हैं, खुद की बीवी भी सलवार कुर्ते में आस पास घूमती रहती हैं।
काकी सासुजी और मामी सासुजी कोई दूसरी रिश्तेदारी निकाल कर बोलती हैं  " ओपणे जवाइं से क्या घूंघटं  राख़णा "

2. साळो अगर कुंवारों हैं और अगर उसकी सगाई नहीं हो पा रही हैं तो इसका ताना जमाई को सुनाया जाएगा की" आटा साटा करते तो ब्याव हो ज्यातो "

3. पानी पीना हो तो खुद रसोड़े में जाना पड़ेगा, कोई लाकर देने वाला नहीं हैं।

4. ससुराल पक्ष की किसी शादी में जमाई को इसीलिए ज्यादा मनवार करके बुलाया जाता हैं ताकि जवांई बच्चों को संभाल सके। बीवी और सासूजी आराम से बिंदोली और महिला संगीत में डांस कर सके।

कौन किसका जंवाई

मंगलवार, 26 मई 2015

मुंडा

एक गाव की लड़की पानी पूरी खाते हुए इम्प्रेशन झाड़ते हुए बोली

"भैया प्लीज़ give me water मेरा मुंडा   बल रहा हैं"