कुणरै आगै रोणु रौवाँ...
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इस्कूलां में टीचर कोनी, क्लासां में फर्नीचर कोनी
कुणरै आगै रोणु रौवाँ, आफिस में आफिसर कोनी !
गया कम्पोटर छुट्टी माथै, नर्स डाक्टर दोन्यू साथै
रोगी भोगी राम भरोसे, इस्पताल में बिस्तर कोनी !
रेलम पेल रेल में होरी , टिकटा मिलनी दोरी होरी
आरक्षण की इस्टेसन पर, तेरो मेरो नंबर कोनी !
बण्या पावना बिजली पाणी, रोजिनैरी राम कहानी
बिल भरता जावो मांगे ज्यूँ , कोई काम रा मीटर कोनी !
कर्जे में डूब्यो किरसाणी, कद आवेली बिरखा पाणी
गई साल बेल्या बेच्या हा, अबकी बिरियाँ ओ घर कोनी !
काल गाँव में चोरी होगी, पुलिस आवणी दोरी होगी
थाणै में उल्टा धमकावै आँ बापाँनै कीं डर कोनी !
आतंकी नित तुरल मचावै, नेता गीता ज्ञान सुणावै
कुर्सी का कीड़ा है सगळा कोई बात की सद्दर कोनी !
'भावुक' तो भोलो है भाई, जे बोलै तो राम दुवाई
तू बोलै तो बोल भलांई, बाकि कां में सुरतर कोनी !
-गौरीशंकर बल्दुआ 'भावुक'
छापर , राजस्थान
मंगलवार, 23 जून 2015
कुणरै आगै रोणु रौवाँ...
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