जनरल जस चावो कियो,जबर जोध जसोळ
पुरसारथ परधान नर, हणवत वीर हरोळ
जोधो जोर जलमियो, जीवत जुगां परमाण
अवनी भार उतारियो,ओ माहेचो महिराण
त्यागी योगी तपस्वी ,आदत सूं अवधूत
अवनी पण अवतरियो, राजृषि रजपूत
उन्नीस सो इकोतरे, बसंतारे रणथाम
पाक प्रकट पछाड़ियो,महवीर महानाम
ज्ञानी ध्यानी बहुगुणी. ब्रह्मचारी बड़भाग
मान बढायौ मरूधरा, उपजायौ अनुराग
कीरत रा कमठांण में,हीरक मणि हणूंत
माटी महिमा गाावसी साँचो वीर सपूत
(रतनसिहं चाँपावत रणसीगाँव कृत)