एकर एक शेर शिकारियां रे खोदियोड़े खाडे में ठोकीज गियो ।
डाफाचूक होयोड़ो शेरराजा अठी उठी निंगै करण लाग्यो, घणा ई तड़पा तोड़िया परंतु अबकल तो दाता जबरा इज पजिया "बब्बर पिंजरै घालिया, क्या करै बळवंत"
शेर ने ऐड़ी हालत में देख एक वौंदरो शेर री मजाक उडावण लागो ।
कंई रे शेरिया, डोफा घणो ठाकर होयोड़ो फिरतो हो, हमें मगज ठीये आयो? हमार घड़ी जेज में बावरी आवैला और थनै घोदा दे देन मारैला और थारो खालड़ो राजा रै दरबार में भींतीजैला, थारा नख और दांतां सूँ पहाड़वाळा बैदजी ताकत री दवाइयां बणावैला ।
शेर बापड़ो पैलाई दुखी हो ऊपर सूँ वौंदरा रा चूँठिया जाणै बळबळता डाम ।
जितरै ही वा डाळ जिण पर वौंदरो बैठो हो तड़ाक करतीरी तूटगी और वानरराज गप्प करतोड़ा उणीज खाडा में ठोकीजगा जिण में शेर हो ।
पड़ता पाण ही वौंदरो कूकियो
"बावसी जोगमाया री सोगन, आपसूँ माफी मांगण वास्ते ही म्हें टप्पो दियो है"
मंगलवार, 14 अप्रैल 2015
शेर शिकारियां रे खोदियोड़े खाडे में ठोकीज गियो
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