शक्ति स्तुति.........
करणी करुणा कारिणी , काटण कठण कलेश l
आवड़ अम्ब अवतारिणी, आवौ आप अवेस |
आदि सगत तू ईसरी, आवड. तू अवलम्ब
जुग तारण तू जोगणी,जै जै जै जगदम्ब
दुर्गा दुक्ख निवारिणी, दुस्ट दलन दातार
प्रकटौ पिनाकधारिणी, शरणागत साधार
चामुण्डा चकरेसरी, चरण शरण मैं तोय
पत राखौ परमेसरी मेहर करियौ मोय
करनल किरपा कीजिऐ ,धरूं तिहारो ध्यान
राजी होकर रीझिये ,दे दरसण को दान
नागाणा नित नमन करूं,नव नारायणी नाथ
नेह निज नवाज कर हरदम राखौ हाथ (रतनसिहं चाँपावत )
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