दो लूगाई आपस मै बात कर रही थी
एक जनी बोली डावङी मारा पती दैवता है।
दूसरी बोली डावङी थारा भाग जोरका है
म्हारा पती तो हाल ही जिवंता है
दो लूगाई आपस मै बात कर रही थी
एक जनी बोली डावङी मारा पती दैवता है।
दूसरी बोली डावङी थारा भाग जोरका है
म्हारा पती तो हाल ही जिवंता है
बातां राजस्थान री।
ई बातां मिनख भूलै कोनी...
आ समझ ल्यो कै , बै बातां ऊँट गै डाम हाळी सी हुवै।
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मेरो नयो नयो ब्याव हुयो हो ।
दिसंबर के महीना में ! कोई दस दिन बाद मळ लाग ग्या ! दो जनवरी नै मेरी सासु मनै तार भेज्यो ...
अब मैं तो पढ़यो लिख्यो आदमी
तारबांच्यो !! बो तार मेरी सासु भेज्यो हो !"कै कंवर साब मळ् शरू हुग्या थे शनिवार नै आ ज्यायो तेल बाळ स्यां ....गुलगुला बड़ा खा लेया
"मै दूसरे ही दिन एक देसाई बीड़ी गो मंडळ ,एक मर्फी हालो रेडियो लेगे सासरै पुग ग्यो !
बठै मनै तातो पाणी झलायो । मनै थोड़ो रौब झाड़नो हो ,
मैं बोल्यो -"तातो पाणी तो लुगाई पताई पीवै अर का फेर कमजोर मोट्यार .... मैं तो कोरै मटकै को पाणी पीऊँ
"सगळा वाह वाह करी कै जंवाई तो जबर मोट्यार है ।मनै कोरो किंकर सो पाणी झला दियो और में एक सांस में लौटो खाली कर दियो ।
मेरै गळै स्यूं लेगे किडनी फ़ेफ़डा ताईं सपीड उपड़यो ..
.जाणै कणी लट्ठ घसो दियो है....पण में सहन कर ग्यो।
आथण मेरी सासु गुलगुला बड़ा बणाया ...मैं खूब गुल गुला बड़ा खाया और ठंडो पाणी ओज्यु पियो!
फेर थोड़ी देर तक बीड़ी पी और आल इंडिया रेडियो पर ठुमरी दादरी सुणी ।रात नै दस बजे मेरी सासु रजाई और सोड़ीयो झलायो।
मैं पाछो रौब झाड़ दियो -"ना माँजी रीजाई पाछी ले ज्यावो ... मनै तो इस्यो पाळो सुवावै।"मेरी सासु रीजाई पाछी लेके उठगी ।
में भगवान् नै हाथ जोड़के और एक आनंदकर गोळती लेकर सो ग्यो ।
रात नै बारा बजे मेरा हाड कांपण लाग ग्या ....में घणी कोशीश करी, पण दांत कांट किलारी हाळै ज्यूँ कूट कूट कूट कूट करण लॉग ग्या ।
मेरो सब्र जवाब दे ग्यो ... कै आज मोट्यार कल्डो हुगै मरसी ...इयां तो गंडक ही को मरै ।में उठ्यो और रीजाई ल्याण खातर दूसरै कमरै में बड़ग्यो !
गळती स्यूं रसोई में घुस ग्यो ..इनै बीनै हाथ मारया जणा एक लौटे क ठोकर लागगी ।लौटियो गुड ग्यो और मेरी सासु जाग गी ।
मैं शर्मीज ग्यो और पाछो जा क मांचलियै पर पड़ग्यो .. मेरी सासु सोच्यो कै कंवर साब नै प्यास लागी है। बा एक सेर ळो ताँबे को लोटो भरयो और मेरै कनै आ क बोली --ल्यो
अंधेरो हो ... मैं सोच्यो कै सासु माँ रीजाई ल्याई है । मैं बोल्यो ,- ऊपर गेर दयो ।
सासु माँ ठंडो पाणी मेरै ऊपर गेर दियो और जा क सो गी ।
अब भाईडो में कई देर तो फाटेङो किन्नौ (पतंग) करै ज्यूँ थर्रर्रर ...थर्रर्र करयो ....फेर कलडो हुग्यो ..
.तीरकबाण हाळै ज्यूँ ।दिनगै समूचा मेरै कनै भेळा हुग्या । मेरो शरीर तो लट्ठ भर को कलडो हु राख्यो ।
कोई की उपाय बतावै कोई कीउपाय बतावै ।
फेर मेरी साळी बोली कै ...आपणो पाडियो कलडो हुयो जणा आपाँ बिंगे डाम दियो ...
जीजोजी गै भी डाम दयो , नई तो बाई नै धोळो ओढ़णो पड़सी ।
मेरी साळी रसोई में गई और चिंपियो तातो कर क ल्याई
मनै उल्टो करगे और मगरां में रीढ़ हाळी हाडी पर तातो चिंपियो चेप दियो ।
मेरी सर्दी तो जांती रहई पण बो डाम गो मंडाण आज भी है ।
खम्मा घणी सा®
भाईचारो मरतो दीखे,
पईसां (रूपया )लारे गेला
होग्या।
घर सुं भाग गुरुजी बणग्या,
चोर उचक्का चेला होग्या,
चंदो खार कार में घुमे,
भगत मोकळा भेळा होग्या।
कम्प्यूटर को आयो जमानो,
पढ़ लिख ढ़ोलीघोड़ा होग्या,
पढ़ी-लिखी लुगायां(औरते) ल्याया
काम करण रा फोङा होग्या ।
घर-घर गाड़ी-घोड़ा होग्या,
जेब-जेब मोबाईल होग्या।
छोरयां(लङकियो) तो हूंती आई पण
आज पराया छोरा होग्या,
राल्यां (बिस्तर)तो उघड़बा लागी,
न्यारा-न्यारा डोरा होग्या।
इतिहासां में गयो घूंघटो,
पोडर (POWDER)पुतिया मूंडा होग्या,
झरोखां री जाल्यां टूटी,
म्हेल(किला) पुराणां टूंढ़ा(पुराना मकान) होग्या।
भारी-भारी बस्ता होग्या,
टाबर टींगर हळका होग्या,
मोठ बाजरी ने कुण पूछे,
पतळा-पतळा फलका होग्या।
रूंख (पेङ) भाडकर ठूंठ लेयग्या
जंगळ सब मैदान होयग्या,
नाडी नदियां री छाती पर
बंगला आलीशान होयग्या।
मायड़भाषा ने भूल गया,
अंगरेजी का दास होयग्या,
टांग कका की आवे कोनी
ऐमे बी.ए. पास होयग्या।
सत संगत व्यापार होयग्यो,
बिकाऊ भगवान होयग्या,
भगवा भेष ब्याज रो धंधो,
धरम बेच धनवान होयग्या।
ओल्ड बोल्ड मां बाप होयग्या,
सासु सुसरा चौखा होग्या,
सेवा रा सपनां देख्या पण
आंख खुली तो धोखा होग्या।
बिना मूँछ रा मरद होयग्या,
लुगायां रा राज होयग्या,
दूध बेचकर दारू ल्यावे,
बरबादी रा साज होयग्या।
तीजे दिन तलाक होयग्यों,
लाडो लाडी न्यारा होग्या,
कांकण डोरां खुलियां पेली
परण्या बींद कंवारा होग्या।
बिना रूत रा बेंगण होग्या,
सियाळा में आम्बा होग्या,
इंजेक्शन सूं गोळ तरबूज
फूल-फूल कर लम्बा हो गया
दिवलो करे उजास जगत में
खुद रे तळे अंधेरा होग्या।
मन मरजी रा भाव होयग्या,
पंसेरी रा पाव होयग्या,
महंगाई री मार जीणां दोरा
आज होयग्या।
ऐडमिन साहब अपनी ससुराल जाने खातीर तैयार हौ रया था
तो माँ बौली.. उठे टाबरा खातर हरा फल ले जाऐ
ऐडमिन.. एक किलो हरी मिर्च लेगो
ससुराल पहुंच तै ही टाबर चिपटगा.....
मिर्च लेकर एक एक बटका भरया तो सब रौवन लागया
अपना ऐडमिन बोलयो.. ससुरो रोवो
कयू हो! एक- एक और लै लो..
राकेश : पापा मे जीवन मे आगे बढने के लिये क्या करू ?
पापा : भाटो ले और सबु पेली अणि मोबाईल ने परो फोड।
हद हो गई बन्ना लोगों,,,,एक ladki ने हमे देख कर अपनी सहेली से
कहा कि देख इनकी आखें कितनी नशीली हैं तो वा डाकण
बोली अरे थने ध्यान कोनी गैली ए बन्ना सा है आको दिन
पियोडा हि रेवे ................
राजस्थान री एक स्कूल में एक शिक्षक एक
छात्र सुं वीरता रो पर्यायवाची पुछयो
छात्र लिखणो शुरू करयो,
आन लिखयो, अर बान लिखयो,
पन्ना रो बलिदान लिखयो..
चेतक री टापां लिख डाली,
जौहर रो गुणगान लिखयो..
भामाशाह रो दान लिखयो,
मीरा रो विषपान लिखयो..
और अंतिम पन्ना पर काट्यो सब,
और "सगळा शिक्षक राजस्थान"
लिखयो.....
रण पीरा रो पीर है
रणसी गांव रो नाम
रण बंका राठोड झुंझे
भूत बावडी रो काम
पाणी हो पाताळ गयो
टूटो नेह और मान
भांत जाक रा मिनख बसिया
नही उण री पहचान
रण पीरा रो थान अठे
वैभव गणो अपार
खेती पाती नौकरी
और भटटा पर भौपार
सुंदर री है विणती
नैणा मे नेह लगाय
रणसी रे मान पर
जनम सफळ हौ जाय
सार संभाल सबरी करे
नेह गणो अपार
अनयाय जद होवण लागे
संबाडिया रे आान पर करले आर पार
चंपावत जाट रेबारी समरध गणा नाईक भांबी करे होड
धरम नगरी संबाडिया मे
सबरी है ठौर
सुंदर करै विणती
दादू रो परकाश
सतराम मे धयान गणो
जग मे गणो उजास
क्या आपको वो समय याद है
जब मम्मी पापा आपको घडी में टाइम देखने के लिए बोलते थे.....
और आप दौड़ते हुए वापस आते थे और बोलते थे
"मोटो काटो 8 पे है और छोटो काटो 5 पे है "
Excellent gyaan....
दुनिया मे वो कौन सी चीज है
जो सबसे जायदा बार फूलती है
फ़िर भी उसके आकार में कोई परिवर्तन नहीं होता ?????
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लुगाई को थोबड़ो ...
एक बार एक गणित के अध्यापक से उसकी पत्नी ने गणित मे प्यार के दो शब्द कहने को कहा, पति ने पूरी कविता लिख दी : म्हारी गुणनखण्ड सी नार, कालजो मत बाले,
थन समझाऊँ बार हजार, कालजो मत बाले----------------
1. दशमलव सी आँख्या थारी,
न्यून कोण सा कान,
त्रिभुज जेडो नाक, नाक री नथनी ने त्रिज्या जाण,
कालजो मत बाले----------------
2. वक्र रेखा सी पलका थारी,
सरल भिन्न सा दाँत,
समषट्भुज सा मुंडा पे,
थारे मांख्या की बारात,
कालजो मत बाल--------------- 3.रेखाखण्ड सरीखी टांगा,
बेलन जेडा हाथ,
मंझला कोष्ठक सा होंठा पर टप-टप पड रही लार,
कालजो मत बाले----------------- 4.आयत जेडी पूरी काया,
जाणे ना हानि लाभ,
तु ल. स. प. मुं म. स. प.,
चुप कर घन घनाभ, कालजो मत बाले----------------- 5.थारा म्हारा गुणा स्युं. यो फुटया म्हारा भाग |
आरोही -अवरोही हो गयो,
मुंडे आ गिया झाग |
कालजो मत बाले ----------------
म्हारी गुणनखण्ड सी नार कालजो मत बाले ----------------
थन समझाऊँ बार हजार कालजो मत बाले ----------------।
यदि मेट्रो जोधपुर मे शुरू होती हे
तो चेतावनी सुचना इस प्रकार होगी ...
1) धकलो टेशन सोजतीया गेट आवेला,
आडो जीवना हाथ कनी खुलेला, हावल
ऊतरजो सा,
हेठे आगिया तो थाणो कादो निकल जावेला ।
2. टेशन माथे पीली पट्टी रे
लारे ऊबा रईजो,
गेलाइया मत करजो सा ।
3. मेट्रो रो पहलो डब्बो लुगाइयो रो है,
आदमीया लोग डोपा हुवेजु घुस जो मती,
एडो करियो तो पछे होटा पडेला ।
4) मेट्रो मे लुगाया ओर बुढा माईता ने
पहली बैठवा दीजो सा ।
5) मेट्रो मे आवो तो स्मार्ट कार्ड काम मे लिजो,
चार पईसा थाणा ही बचेला ।
6) ओर हेन्गाऊ जरूरी बात..मिराज ओर
गुटखो खाने अटी वटी मत
पिचकारीया मारजो.
थाणा काकोसा केमरा मे हेंग देखे है ।