एक बार एक गणित के अध्यापक से उसकी पत्नी ने गणित मे प्यार के दो शब्द कहने को कहा, पति ने पूरी कविता लिख दी : म्हारी गुणनखण्ड सी नार, कालजो मत बाले,
थन समझाऊँ बार हजार, कालजो मत बाले----------------
1. दशमलव सी आँख्या थारी,
न्यून कोण सा कान,
त्रिभुज जेडो नाक, नाक री नथनी ने त्रिज्या जाण,
कालजो मत बाले----------------
2. वक्र रेखा सी पलका थारी,
सरल भिन्न सा दाँत,
समषट्भुज सा मुंडा पे,
थारे मांख्या की बारात,
कालजो मत बाल--------------- 3.रेखाखण्ड सरीखी टांगा,
बेलन जेडा हाथ,
मंझला कोष्ठक सा होंठा पर टप-टप पड रही लार,
कालजो मत बाले----------------- 4.आयत जेडी पूरी काया,
जाणे ना हानि लाभ,
तु ल. स. प. मुं म. स. प.,
चुप कर घन घनाभ, कालजो मत बाले----------------- 5.थारा म्हारा गुणा स्युं. यो फुटया म्हारा भाग |
आरोही -अवरोही हो गयो,
मुंडे आ गिया झाग |
कालजो मत बाले ----------------
म्हारी गुणनखण्ड सी नार कालजो मत बाले ----------------
थन समझाऊँ बार हजार कालजो मत बाले ----------------।
रविवार, 9 अगस्त 2015
गणित मे प्यार के दो शब्द
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