दूध दही ने चाय चाटगी, फूट चाटगी भायाँ ने
इंटरनेट डाक ने चरगी, भैंस्या चरगी गायाँ ने
टेलीफून मोबाईल चरग्या, नरसां चरगी दायाँ ने
देखो मर्दों फैसन फटको, चरग्यो लोग लुगायाँ ने
साड़ी ने सल्वारां खागी , पतलून खायगी धोती न
धर्मशाल ने होटल खागी, सैलून खायगी नायां न
ऑफिस ने कम्प्यूटर खाग्या, 'मागी' चावल चून खायगी
कुवे भांग पड़ी है सगळे, सब ने पछुवा पून खायगी
राग रागनी फिल्मा खागी, 'सीडी' खागी गाणे ने
टेलीविज़न सबने खाग्यो, गाणे ओर बजाणे ने
गोबर खाद यूरिया खागी, गैस खायगी छाणे ने
पुरसगारा ने बेटर खाग्या, 'बफ्फे' खागी खाणे ने
चिलम तमाखू हुक्को खागी, जरदो खाग्यो बीड़ी ने
बच्या खुच्यां ने पुड़िया खाग्या, खाग्या साद फकीरी ने
गोरमिंट चोआनी खागी, हाथी खाग्यो कीड़ी ने
राजनीती घर घर ने खागी, भीड़ी खाग्यो भीड़ी ने
हिंदी ने अंग्रेजी खागी, भरग्या भ्रस्ट ठिकाणे में
नदी नीर ने कचरो खाग्यो, रेत गई रेठाणे में
धरती ने धिंगान्या खाग्या, पुलिस खायरी थाणे में
दिल्ली में झाड़ू सी फिरगी, सार नहीं समझाणे में
ढाणी ने सेठाणी खागी, सहर खायग्यो गांवां ने
मंहगाई सगळां ने खागी, देख्या सुण्या न घावां ने
अहंकार अपणायत खागी, बेटा खाग्या माँ बाप ने
भावुक बन कविताई खागी, 'राज ' थारा भावां ने
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मारवाड़ी समझाइश
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