म्हारी व्हाली धापूड़ी
थाने ठा कोनी आज रो दिन आपा रे वास्ते खास है ।
आज वेलेंटाइट रो दिन है ।
आज खेतर जावते समय मने तलाव री पाल माथे मिलजे ।
थारा वास्ते मैं रूयडा रो फूल लायो हु ।
नाश्ता रे वास्ते खिसिया ने मोली छाछ भी ले ने आवुला ।
थारा वास्ते मैं आंगलिया सु चालण वालो मोबाइल लायो हु ।
आज जल्दी नावणिया धोवणिया कर ने जल्दी आवजे ।
गुलाबी फूल वाली घाघरी ने केसरी चुनड़ी ओढ़ ने आवजे ।
पगा में तोडा
कमर में कनदोरो
हाथो में बंगड़िया
आँखों में काजल
कानो में जुमका
नाक में नथ
करम में टीको
बालो में बकल
जरूर लगावजे।
आवति आखातीज रो आपा ब्याव जरूर करोला ।
गांव वाला ने ध्यान कोनी पडनो जोइये ।
थारी सखी पेपलि ने आज संगाथे मतिना लावजे ।
आज मारे पण खेतर में रायडा में पाणी देणो हतो पण ओ दाड़ो रोजीना कोनी आवे तो छूटो पाणी अरंडा में ठोक ने थारी वाट जोवुला ।
आज हड़ूमान जी रो दिन भी है तो थाने मिलण रे बाद गोलासन भी जावणो है ।
मैं मानता राखी हती के जो तू आज मने मिलण रे वास्ते आवेला तो मैं आपरा दर्शन करण जरूर आवुला ।
जमोने आपरा ब्याव रे बाद आपा चारो तीर्थ करने जावोला ।
गोलासन
मोंगलोर
होथीगांव
ढबावली
ओ चार मोटा तीर्थ है ।
मारी मोटी इच्छा है थने ओ तीर्थ करावण री ।
हवे दूजी वात मिलण रे बाद करसा ।
थारो प्यारो
गोकलियो ।
रविवार, 15 फ़रवरी 2015
वैलेंटाइन डे री पाती
बुधवार, 4 फ़रवरी 2015
फागण आई रे
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१.सज फागण आयो हे सखी,
हळकी ठंड हमें!
मद पद हद रे मांय,भोगी कठै भमें!!
२.कस तंग करियेह,पुठी धर पलोण,कामण झूरके कंत ने
तरबंन्ध मोहर तोण!!
३.बाट जोवूं वाल्लाह,नैण मारग निहार!
मन दिपे दीपावळी,तन (ज्यों) तीज-त्यौहार.
४.पीव मिळ्यो पौ-बारेह, नैणों होत निरोंत!
मन मुग्ध मुस्काय कर,
तन मन एक ही भोंत!!
फाल्गुनी बयार की दस्तक सन्निकट है, कामिनी की काम-कनखियों से विरह-दामिनी की दमक. मिलनोत्कंठा में उष्ट्रारुढ होकर पीव-प्रस्थान करते है,प्रिया-प्रदेश को...इत्यादि-इत्यादि.
गुरुवार, 29 जनवरी 2015
लुगायां रा चुटकुला
वाइफ के गाल पर
गुलाब का फूल मारने पर
इंग्लिश वाइफ :
"यु आर सो नॉटी .....
पंजाबी वाइफ :
" तुसी वड़े रोमेंटिक
लगते हो .....
जोधपुर री वाइफ :
कई करो इत्ता मोटा हुगया पण लखन टाबरा वालाईज है ...हमार आंख और फोडता मारी .....
एक लुगाई क बुखार होगी । बा डॉक्टर कन गई। डॉक्टर बोल्यो- सुई लगाणी पड़सी । यदि बाजू पर सुई
लगवासि तो 2 घण्टा म ठीक होवेगी और ढुंगा पर
लगवावगी तो दस मिनट म ठीक हो जायगी। लुगाई बोली- बाजू पर ही लगा दे।
डॉक्टर बोल्यो एक बार और सोच ल। लुगाई फिर सोच र और डॉक्टर की नियत देख र
बोली-'सुई तो बाजू म ही लगा दे, ढुंगा मैं
इयां ही दिखा देस्यु।।।।
मेरी तो हँसी ही नहीं रुक रही यार...
बिल गेट्स ने अपने माइक्रोसॉफ्ट के कनाडा के बिज़नेस के लिए
चेयरमैन की जॉब लिए एन इंटरव्यू रखा... इंटरव्यू के लिए 5000
लोग एक बड़े होल में इकट्ठा हुए...
इन सब में एक कैंडिडेट राजस्थान से भी थे... नाम था 'गमलाराम’
बिल गेट्स: इंटरव्यू में आने के लिए आप सबका शुक्रिया... जो लोग
java नहीं जानते हैं, वो जा सकते हैं
(ये सुन कर 2000 लोग रूम छोड़ कर चले गए)
‘गमलाराम’ ने मन में सोचा, “मुझे कौन-सा ससुरी java
आती है... लेकिन रुकने में ही क्या नुकसान है... देखते हैं आगे-आगे
क्या होता है”
बिल गेट्स: जिन लोगों को 100 लोगों से बड़ी टीम को मैनेज करने
का तजुर्बा नहीं हैं, वो जा सकते हैं...
(ये सुन कर 2000 लोग रूम छोड़ कर चले गए)
‘गमलाराम' ने मन में सोचा, “मैंने तो ससुरी भैंस भी एक साथ 3 से
ज्यादा नहीं चराई... ये 100 लोगों की टीम मैनेज करने की बात कर
रहा है... लेकिन रुकने में ही क्या नुकसान है... देखते हैं आगे-आगे
क्या होता है”
बिल गेट्स: जिन लोगों के पास मैनेजमेंट का डिप्लोमा नहीं है,
वो जा सकते हैं...
(ये सुन कर 500 लोग रूम छोड़ कर चले गए)
‘गमलाराम’ ने मन में सोचा, “मैंने तो 8वी क्लास में ही स्कूल छोड़
दिया था... ये ससुरा डिप्लोमा की बात कर रहा है... ... लेकिन रुकने
में ही क्या नुकसान है... देखते हैं आगे-आगे क्या होता है...”
सबसे आखिर में बिल गेट्स ने कहा: जो लोग जापानी भाषा में बात
नहीं कर सकते, वो जा सकते हैं...
(ये सुन कर 498 लोग रूम छोड़ कर चले गए)
‘गमलाराम’ ने मन में सोचा, “मुझे तो जापानी भाषा का एक शब्द
भी नहीं आता... लेकिन रुकने में ही क्या नुकसान है... देखते हैं आगे-
आगे क्या होता है...”
अब ‘गमलाराम’ ने पाया की वो खुद और सिर्फ़ एक ही और
candidate इंटरव्यू के लिए बचे हैं... बाकी सब जा चुके थे...
बिल गेट्स उन दोनों के पास आया और उनसे कहा, “जैसा की आप
देख सकते हैं कि अब सिर्फ़ आप दोनों ही हैं candidate बचे हैं
जो जापानी भाषा जानते हैं... में चाहूँगा कि आप दोनों आपस में
जापानी में बात करके दिखाएँ”
‘गमलाराम’ धीरे से दूसरे candidate से बोला, “कटे रा हो.??”
दूसरे ने जवाब दिया, “गंगानगर ... ...और थे??
बुधवार, 28 जनवरी 2015
मारवाड़ी गुदगुदी
देशी लव ( मारवाडी )
फिदा हूँ थारी चोटी उपर.
जिंवतो हूँ बाजरा री रोटी उपर.
जे तु ना बोले कि मैं थारी हूँ.
तो बैठयो रेसु थारी चौकी उपर.
थारो लाडलो
भोमलो
__________
एक मारवाड़ी छोरे की
दिल्ली की एक पतली सी
लडकी से फ्रेँडशिप हो गई !
उसने लड़की को मैसेज भेजा:
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मुंडो भी थारो ख़ास कोनी है ;
हड्डियों माते थारे माँस कोनी है;
प्रपोज थने मैं केण वास्ते करूं बावली;
थारी तो वैलनटाई डे तक जीवणा री आस
कोनी है.. ।
राजस्थान री धोरां धरती रै जानवरां में इतरो नेह
राजस्थानी बातां
पुराणां समै री बात है , राजस्थान री धोरा धरती में ऊनाळै रै दिनां में दो सहेलियां कांकङ (वनक्षेत्र) में लकङियां लावण ने गई ।
रस्ते में व्है देखियौ के दो हीरण मरियोङा पङिया हा अर उणां रै बीच में एक खाडा में थोङो सो"क
पाणी भरीयौ हौ । जद एक सहैली कह्यौ ----
खङ्यौ नी दीखै पारधी ,
लग्यौ नी दीखै बाण ।
म्है थने पूछूं ऐ सखी ,
किण विध तजिया प्राण ।।
( है सखी , अटे कोई शिकारी नजर नी आय रियौ है अर इणां रै बाण भी नी लागोङो है तो ऐ हीरण किकर मरिया ? )
तो दुजोङी सहैली उण ने उत्तर दियौ --
जळ थोङो नेह घणो ,
लग्या प्रीत रा बाण ।
तूं -पी तूं-पी कैवतां ,
दोनूं तजिया प्राण ।।
( इण सुनसान रोही में दोनूं हीरण तिरस्या हा , पाणी इतरौ ही हौ के एक हीरण री तिरस(प्यास ) मिट सके , पण दोयां में सनेह इतरो हौ के उणां मांय सूं कोई एक पीवणीं नी चावतो । इण खातर दोइ एक -दूजा री मनवार करता करता प्राण तज दिया ।)
राजस्थान री धोरां धरती रै जानवरां में इतरो नेह अर हेत है , तो अटा रै मिनखां रै नेह रो उनमान नी लगां सकां ।
म्हारो प्यारो राजस्थान
विदाई के समय ओबामा-मोदी संवाद......
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विदाई के समय ओबामा-मोदी संवाद...........
ओबामा :- मोदी भासा, तो मैं निकलूँ अबे I
मोदी :- यार इत्ता दिनों ऊँ तो तू आयो है, रुके कनी दो चार दिन भेर I
ओबामा :- नहीं भासा, म्हारे कॉम री भेजामारी घणी है,.....अबार एक शेख साब है सऊदी में व्योरा भाभोसा चालता रेया, व्योरी तापड़ माते जावणो पड़ी I
मोदी :- थारे भी भगत घणा पाळियोड़ा है यार,......ठीक है जरे, अबे रो मती, ध्योन राखजे भई,...रस्ते रे वास्ते थारे ने भोजाई रे वास्ते टिप्पन पैक करायो हूँ, आलू रो हाग, अचार ने पुड़ियों है,..चेप लीजे,.....एक किलो चुतरिये रा गुलाब जोम्बू भी बोंधिया हूँ I
ओबामा :- ठीक है भा, चालूँ अबे,.....जय शंकर !!
मोदी :- हावल जाइजे, ने घरे पूग ने फ़ोन करजे I
ओबामा :- होय, मिस कॉल मारूं
सोमवार, 26 जनवरी 2015
Rajashthan का बेटा हूँ
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ना छुरी रखता हुं
ना पिस्तौल रखता हुं
Rajashthan का बेटा हुं
दिल में जिगर रखता हुं
इरादों मे तेज़ धार रखता हुं
इस लिए हमेशा
अकेला ही निकलता हु
----------------------ँ
बंगले . गाडी तो " marwadi" के घर घर
की कहानी हैं.......
.
.
तभी तो सारी दुनिया " marwadi "
की दिवानी हैं.
.
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अरे मिट गये " marwadi " को मिटाने वाले क्योकि आग मे
तपती " rajasthan की जवानी है
.
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ये आवाज नही शेर कि दहाड़ है….. हम खडे हो जाये
तो पहाड़
है….
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हम इतिहास के वो सुनहरे पन्ने है…..
जो भगवान ने ही चुने है….दिलदार औऱ दमदार
है" " marwadi"
.
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रण भुमि मे तेज तलवार है"" marwadi "
पता नही कितनो की जान है " marwadi"
.
.
सच्चे प्यार पर कुरबान है
"" " marwadi"""
.
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यारी करे तो यारो के यार है
"" " " marwadi"
औऱ दुशमन के लिये तुफान है
"" " marwadi " ""
.
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तभी तो दुनिया कहती है बाप रे खतरनाक है
"" " marwadi """"
.
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शेरो के पुत्र शेर ही ज़ाने जाते हैं, लाखो के
बीच. "marwadi"
पहचाने जाते हैं।।
.
.
मौत देख कर किसी क़े पिछे छुपते नही ,
हम" " marwadi ,मरने से क़भी डरते नही। हम
अपने आप पर ग़र्व
क़रते हैं, दुशमनों को काटने का जीगरा हम रखते हैं ,
.
.
कोई ना दे हमें खुश रहने की दुआ,तो भी कोई
बात नहीं...
वैसे भी हम खुशियाँ रखते नहीं,
बाँट दिया करते हैं।
Rajasthan की शान के लीऐ
10 " marwadi "को शेयर करॊ
और उनसे कहे आगे 10 लोगो को शेयर करे bolo jay rajasthan
रविवार, 25 जनवरी 2015
Hindi me- Basanti panchami- its significance
बसंत पंचमी
इसके साथ ही यह पर्व हमें अतीत की अनेक प्रेरक घटनाओं की भी याद दिलाता है। सर्वप्रथम तो यह हमें त्रेता युग से जोड़ती है। रावण द्वारा सीता के हरण के बाद श्रीराम उसकी खोज में दक्षिण की ओर बढ़े। इसमें जिन स्थानों पर वे गये, उनमें दंडकारण्य भी था। यहीं शबरी नामक भीलनी रहती थी। जब राम उसकी कुटिया में पधारे, तो वह सुध-बुध खो बैठी और चख-चखकर मीठे बेर राम जी को खिलाने लगी। प्रेम में पगे झूठे बेरों वाली इस घटना को रामकथा के सभी गायकों ने अपने-अपने ढंग से प्रस्तुत किया। दंडकारण्य का वह क्षेत्र इन दिनों गुजरात और मध्य प्रदेश में फैला है। गुजरात के डांग जिले में वह स्थान है जहां शबरी मां का आश्रम था। वसंत पंचमी के दिन ही रामचंद्र जी वहां आये थे। उस क्षेत्र के वनवासी आज भी एक शिला को पूजते हैं, जिसके बारे में उनकी श्रध्दा है कि श्रीराम आकर यहीं बैठे थे। वहां शबरी माता का मंदिर भी है।
ऐतिहासिक महत्व
ता ऊपर सुल्तान है, मत चूको चौहान" ॥
#बसंत पंचमी
वीर हकीकत राय का बलिदान
शुक्रवार, 23 जनवरी 2015
कलेजा राजपूत का.
(जोश और जोर से पढें)
राजा कहलातेहै ,
जब हम घोङे पर सवार होते तो,
योध्दा कहलाते है !
जब हम किसी की जान बचाते है तो, श्रत्रियकहलाते है!
जब हम किसी को वचन देते है तो "राजपुत"कहलाते है !
मुझे धोखा दे दोकोई बदला न होगा,
पर जो आँख उठी मेरे वतन ए हिन्दुस्तान पे,
तो फिर
तलवार उठेगी और फिर कोई समझौता नहोगा...!! "
क्या लगाओगे गालिब..,
गर हम कब्रिस्तान से भी गुज़रते है तो मुर्दे उठ
कर कहते है...
"जय माताजी की बना"
मुख पे हे सोने सी आभा'
जब हाथ मे लेते हैं तलवार
दुनिया करती है कोटि कोटि आभार !
उसका खून भी लाल होता है।
जो शेर से लड़ जाता है,
उसका खून भी लाल होता है।।
लेकिन एक अजब खून का
जलवा तो गजब पुत का होता है!!
जो मौत को भी ललकारे वो खून
राजपूत का होता है !
उसूल तो बदल दिये
पर
रगों मे खून आज
भी वो ही है.. ।।
झुंड मे रहने वालो आजमा कर
देखना कभी हमारी छाती पर फौलाद
भी पिघलता है।
शेर सा जिगरा है "राजपूत"
हमेसा अकेला निकलता है।
गुलामी तो हम सिर्फ अपने माँ बाप की करते है .!!
दुनिया के लिये तो कल भी बादशाह थे और आज
भी..!!
राजपूत उस बारिश का नाम नही जो बरसे और
थम जाये।
राजपूत वो सूरज नही है जो चमके और डुब जाये।
राजपूत नाम है उस साँस का।
जो चले तो जिंदगी और
थमे तो मौत बनजाये।...........
नहीं हुये कि.....
किसी के दिल में बसना चाहे और वो इनकार करदे...."
जो मिटा सके हमारी शोहरत के पन्ने.......
वो दम किसी में कहाँ.
वरना जो टिकसके
हमारें सामने वो सर कहाँ !!!
रानी नहीं तो क्या हुआ..
यह राजा आजभी लाखों दिलों पर राज करता हैं.!!
राजपूतों की जनसंख्या इतनी कम
क्यों है ?
राजपूत ने उतर देते हुए कहा - यह प्रकृति का नियम
है ,यदि शेरों (राजपूत)
को बढा दिया जाए
तो दुसरी प्रजातियाँ खतरे मे पड़ जाएगी ।।
लेकिन सबको हासिल
ताज नही होता ।
शोहरत तो कोई भी कमा ले,
पर"बन्ना "वाला
अंदाज नही होता ।
उस दिन भी कहा था
आज भी कह रहा हूं...
"उम्र छोटी है लेकिन
जज्बा दुनिया को मुट्ठी में
रखने का रखता हूँ ¶
मेरी दोस्ती का फायदा उठा लेना क्युंकी
मेरी दुश्मनी सह नही पाओगे....
हथियार तो सिर्फ शौक के लिए रखा करते है,
वरना किसी के मन में खौंफ पेदा करने के लिए
तो बस बन्ना "नाम" ही काफी है.......
लोग कहते है तुझे तेरी " बन्ना गीरी"
एक दिन मरवायेंगी...
मैने प्यार से कहा- क्या करु ?
सबको " बन्ना गिरी
आती नही
और मेरी जाती नही !......
नहीं बनता...
भाला उठाकर कोई राणा प्रताप
नहीं बनता...
रणभूमी में पता चलता हे योद्धाओ का...
मुछो की मरोड़ी लगाने से कोई राजपूत
नहीं बनता...
कुछ हुनर खून में होते हैं जो सिखाये
नहीं जाते...
का नहीं बनता...
गुरुवार, 22 जनवरी 2015
सीख री ओळ्यां
ऊबरसी गल्लांह ।
सापुरसां रा जीवणां ,
थोङा ही भल्लांह ।।
सत खोयां पत जाय ।
सत की बांधी लिच्छमी ,
फेर मिलैगी आय ।।
जै जळ खारो होय ।
डाबर डाबर डोलतां ,
भलो न कहसी कोय ।।
कठै गया बे गाँव आपणा
कठै गयी बे रीत ।
कठै गयी बा ,मिलनसारिता,
गयो जमानो बीत ।
दुःख दर्द की टेम घडी में
काम आपस मै आता ।
मिनख सूं मिनख जुड्या रहता,
जियां जनम जनम नाता ।
तीज -त्योंहार पर गाया जाता ,
कठै गया बे गीत ।
कठै गयी बा ,मिलनसारिता,
गयो जमानो बीत ।
गुवाड़- आंगन बैठ्या करता,
सुख-दुःख की बतियाता।
बैठ एक थाली में सगळा ,
बाँट-चुंट कर खाता ।
महफ़िल में मनवारां करता ,
कठै गया बे मीत ।
कठै गयी बा ,मिलनसारिता,
गयो जमानो बीत ।।
कम पीसो हो सुख ज्यादा हो,
उण जीवन रा सार मै।
छल -कपट,धोखाधड़ी,
कोनी होती व्यवहार मै।
परदेश में पाती लिखता ,
कठै गयी बा प्रीत ।
कठै गयी बा ,मिलनसारिता,
गयो जमानो बीत ।।
बुधवार, 21 जनवरी 2015
Kesari balam Aavo padharo mhare des
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⛪
आँखों के दरमियान मैं
गुलिस्तां दिखाता हुँ,
आना कभी मेरे देश मैं आपको राजस्थान दिखाता हुँ|
खेजड़ी के साखो पर लटके फूलो की कीमत बताता हुँ,
मै साम्भर की झील से देखना कैसे नमक उठाता हुँ|
मै शेखावाटी के रंगो से
पनपी चित्रकला दिखाता हुँ,
महाराणा प्रताप के शौर्य
की गाथा सुनाता हुँ|
पद्मावती और हाड़ी रानी का जोहर बताता हुँ,
पग गुँघरु बाँध मीरा का मनोहर दिखाता हुँ|
सोने सी माटी मे पानी का अरमान बताता हुँ,
आना कभी मेरे देश मै आपको राजस्थान दिखाता हुँ|
हिरन की पुतली मे चाँद के दर्शन कराता हुँ, चंदरबरदाई के
शब्दों की वयाख्या सुनाता हुँ|
⛲मीठी बोली, मीठे पानी मे जोधपुर की सैर करता हुँ,
कोटा, बूंदी, बीकानेर और हाड़ोती की मै मल्हार गाता हुँ|
पुष्कर तीरथ कर के मै चिश्ती को चाद्दर चढ़ाता हुँ, जयपुर के हवामहल मै,
गीत मोहबत के गाता हुँ|
जीतेgiइस धरती पर स्वर्ग का मैं वरदान दिखाता हुँ,
आना कभी मेरे देश मै आपको राजस्थान दिखाता हुँ||
कोठिया दिखाता हुँ, राज
हवेली दिखाता हुँ,
नज़्ज़रे ठहर न जाए कही
मै आपको कुम्भलगढ़ दिखाताहुँ|
घूंघट में जीती मर्यादा और गंगानगर का मतलब समझाता हुँ,
तनोट माता के मंदिर से मै विश्वशांति की बात सुनाता हुँ|
राजिया के दोहो से लेके, जाम्भोजी के उसूल पढ़ाता हुँ,
होठो पे मुस्कान लिए, मुछो पे ताव देते जागीरदारों की परिभाषा
बताता हुँ|
सिक्खो की बस्ती मे, पूजा के बाद अज़ान सुनाता हुँ,
आना कभी मेरेदेश मै आपको राजस्थान दिखाता हुँ||
जय जय राजस्थान
☆ जागीरदार अनोप सिंह (ठि. थोब)
सोमवार, 19 जनवरी 2015
राजस्थानी बातां
रस्ते में व्है देखियौ के दो हीरण मरियोङा पङिया हा अर उणां रै बीच में एक खाडा में थोङो सो"क
पाणी भरीयौ हौ । जद एक सहैली कह्यौ ----
लग्यौ नी दीखै बाण ।
म्है थने पूछूं ऐ सखी ,
किण विध तजिया प्राण ।।
लग्या प्रीत रा बाण ।
तूं -पी तूं-पी कैवतां ,
दोनूं तजिया प्राण ।।