मंगलवार, 21 अप्रैल 2015

आखातीज रो त्यौहार

" डागलियै चढ किनो उडासो

मिल सगला रमझोल मचासो

खिचडलो घी भर-भर खासो

इमलोणि रो रस भी पासो

छायी मनडे ऊमंग अपार

आयो आखातीज रो त्यौहार"

भाटो मार

प्राइवेट स्कूल के बच्चे चिड़िया घर में बंदर को सोते
देखकर oh!! Wow monkey is sleeping ::: dont
disturb.
..
...
.... Govt.school ke bacche

ऐ जग्दिश्या देख थारो बाप हुत्तो हे। भाटो मार

सोमवार, 20 अप्रैल 2015

Bikaner city

528 वर्ष पूर्व राव बीकाजी द्वारा हुई थी
बीकानेर की स्थापना
विक्रम संवत् 1545 के वैशाख मास के शुक्ल पक्ष
की द्वितीया तिथि को ।
विश्व प्रसिद्ध चूहों के मंदिर ( जो बीकानेर से
लगभग तीस किलोमीटर दूर देशनोक में स्थित
है ) में जिस देवी की मूर्ति है , उनका नाम
करणी माता है ; वे उस समय सशरीर इस मरुधरा
जांगळ प्रदेश में विद्यमान थीं । उनके आशीर्वाद
से जोधपुर राजघराने के राजकुंअर बीका ने अपने
पिता और अन्य लोगों के ताने को चुनौती रूप
में स्वीकार करते हुए , अपने चाचा कांधलजी के
साथ कड़ी श्रम -साधना , संघर्ष और जीवटता के
बल पर इस बंजर निर्जन भू भाग को रसा - बसा
कर बीकानेर नाम दिया ।
अक्षय द्वितीया के दिन बीकानेरवासी गेहूं
और मूंग का खीचड़ा घी मिला कर इमली और
गुड़ से बने स्वादिष्ट पेय इमलाणी के साथ जीमते
हैं , और घरों की छतों पर पतंग उड़ा कर हर्ष -
उल्लास से उत्सव मनाते हैं । यह हंसी- ख़ुशी , हर्ष
-उल्लास और उत्सव का माहौल अगले दिन
अक्षय तृतीया तक और भी जोशोख़रोश के
साथ उत्तरोतर बढ़ता ही जाता है ।
यहां के दर्शनीय स्थलों में प्रमुख हैं -
श्रीलक्ष्मीनाथ मंदिर , नागणेचेजी का मंदिर ,
भांडाशाह जैन मंदिर , जूनागढ़ किला , लालगढ़
पैलेस , म्यूज़ियम , लालेश्वर महादेव मंदिर -
शिवबाड़ी , करणीमाता मंदिर - देशनोक ,
कपिलमुनि मंदिर और सरोवर - कोलायत , गजनेर
पैलेस आदि… ।
यहां के भुजिया , मिश्री , पापड़ , मिठाई ,
नमकीन आदि जगप्रसिद्ध हैं ही ।

भुतोलियो

मारवाड़ी री एक
छोरी ने अंग्रेजी बोलणा
रो शौक़ छडीयो
ऑटो में बैठ ने जावे री थी
एक दम धूल आई तो बोली
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ओ माय गॉड... भुतोलियो

बुधवार, 15 अप्रैल 2015

प्रिय पत्नियों

कुंभ मेला नजदीक आ रहा हैं ।
साधुओं की संख्या हर साल बढती जा रही है ।
अपने पतियों को परेशान मत कीजिए ।
उन्हें प्यार से सम्भालिए ।

जनहित मे जारी

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आज सुबह मैं जेसे ही घर से निकला..एक बिल्ली मेरा रास्ता काट गई..मैं वहीँ रुक गया..

तो बिल्ली हँसते हुए बोली.._
अबे निकल जा..तेरी तो शादी हो चुकी हे...अब इससे बुरा तेरा क्या होगा....?

बीवी बच्चे वाले

स्कूल मे भी तूफ़ानी अध्यापक -
छात्र से -'बताओ तुम इतिहास पुरूष मॆ सब से
ज्यादा किससे नफरत करते हो
बच्चा राजा राम मोहन राय से
अध्यापक - क्यू ??
बच्चा - उसी नें बाल विवाह बँद करवाया था
वरना आज हम भी बीवी बच्चे वाले होते !

आधुनिक दोहे

यदि कबीर जिन्दा होते तो आजकल के दोहे यह होते :-

नयी सदी से मिल रही, दर्द भरी सौगात!
       बेटा कहता बाप से, तेरी क्या औकात!!
पानी आँखों का मरा, मरी शर्म औ लाज!
      कहे बहू अब सास से, घर में मेरा राज!!
भाई भी करता नहीं, भाई पर विश्वास!
     बहन पराई हो गयी, साली खासमखास!!
मंदिर में पूजा करें, घर में करें कलेश!
      बापू तो बोझा लगे, पत्थर लगे गणेश!!
बचे कहाँ अब शेष हैं, दया, धरम, ईमान!
      पत्थर के भगवान हैं, पत्थर दिल इंसान!!
पत्थर के भगवान को, लगते छप्पन भोग!
      मर जाते फुटपाथ पर, भूखे, प्यासे लोग!!
फैला है पाखंड का, अन्धकार सब ओर!
     पापी करते जागरण, मचा-मचा   कर शोर!
पहन मुखौटा धरम का, करते दिन भर पाप!
     भंडारे करते फिरें,और घर में भूखा बाप!  पंडित आनन्द जोधपुर

ग्रेट बीकानेरी


काल म्हारी गर्लफ्रेंड म्हारो दिल तोड दयो
तो मन होयो के दुनिया छोड़ देऊँ.

फेर पाछे मारा दिल ने समझायो

के बेटा थारे सु रजनीगन्धा तो छुटे कोनी
दुनिया कई  छुटसी

एक बीकानेरी सुसाइड करने के लिए 50 रुपए का ज़हर लेने दुकान पर गया और बोला 33 का जहर देना और ....

और

17 की रजनीगंधा डबल जीरो  दे देना !!
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Snapdeel वालो ने व्यास जी को फोन किया
Snapdeel : नमस्कार हम देशवाशियो को सस्ती चीज उपलब्ध कराते है। आप क्या खरीदना चाहेंगे।
व्यास जी : सच्ची सब चीज
Snapdeel : हाँ हमारा तो नारा ही ये है " पैसे बचाते रहो"
व्यास जी : ठीक है आप से रोज की डील कर लेता हु। ज्यादा छूट दोगे?
Snapdeel : हाँ हाँ बिल्कुल बताओ क्या भेजे।
व्यास जी : आपोरे तो रोज भोरान्भोर जूनिया महाराज री दो कचोली साग री तरी सागे भेज दिए भायला। और हो हिसाब ........ कॉपी में लिख लिए।
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बिस्सा जी : एक बात बताओ व्यास जी रास्ते में एक 100 रो और एक 500 रो नोट पड़ियो हुवे तो थो किसो उठासो ?
व्यास जी : हूँ तो 500 रो उठायिस
बिस्सा जी : ईये वास्ता ही तो व्यासों ने लोग आधा गेला केवे 100 भोमियो जी रे चढ़ावने छोड़सो क्या ?
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एक बार अमेरिका रे राष्ट्रपति ने बीकानेर
वालों बीकानेर ले आयो, पाटे पर बुजुर्ग बाबा सूं परिचय करवाने वास्ते बाबा ने  केयों...

"बाबा इयोने जानो हो क्या - अमेरिका रा राष्ट्रपति हें"

बाबा: "जानियों कोयनी, ए केरे परनिजियोडा हें.
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गुजराती बाई  : मने डिवोर्स जोए छे,
                     मारा पति एक्टिव नथी
        
  जज :   पन तमारा पती तो
                   ..कबड्डी च्येम्पियन छे

गुजराती बाई  : एज तो प्रोब्लेम छे..
       ....ख़ाली टच करी ने भागी जाई छे....

Geography की मैडम

भूगोल की मैडम बहुत दुबली पतली थी..

उसकी पोस्टिंग नागौर में हो गई..।

एक दिन वो क्लास में पाठ दोहरा रही थी..
"बोलो बच्चों धरती घुमती हुई क्यों नज़र आती है..?"

रमेस्यो बोल्यो,
"मैडम जी कुछ ख़ा लिया करो..
बिना खाया आ
धरती तो इया ही घुमेली..।"

उतावल - उतावल

एक गाव की लड़की कॉलेज में अपनी सहेलियों के साथ खाना खाते टाइम टिफिन खोल के बोली .
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Oh my god..... उतावल - उतावल में कांदे लाना तो भूल ही गई

Geography की मैडम

भूगोल की मैडम बहुत दुबली पतली थी..

उसकी पोस्टिंग नागौर में हो गई..।

एक दिन वो क्लास में पाठ दोहरा रही थी..
"बोलो बच्चों धरती घुमती हुई क्यों नज़र आती है..?"

रमेस्यो बोल्यो,
"मैडम जी कुछ ख़ा लिया करो..
बिना खाया आ
धरती तो इया ही घुमेली..।"

मंगलवार, 14 अप्रैल 2015

मरसिया जनरल हणूँतसिंध जी रा..

जनरल जस चावो कियो,जबर जोध जसोळ
पुरसारथ परधान नर, हणवत वीर हरोळ

जोधो जोर जलमियो, जीवत जुगां परमाण
अवनी भार उतारियो,ओ माहेचो महिराण

त्यागी योगी तपस्वी ,आदत सूं अवधूत
अवनी पण अवतरियो, राजृषि रजपूत

उन्नीस सो इकोतरे, बसंतारे रणथाम
पाक प्रकट पछाड़ियो,महवीर महानाम

ज्ञानी ध्यानी बहुगुणी. ब्रह्मचारी बड़भाग
मान बढायौ मरूधरा, उपजायौ अनुराग

कीरत रा कमठांण में,हीरक मणि हणूंत
माटी महिमा गाावसी  साँचो वीर सपूत
(रतनसिहं चाँपावत रणसीगाँव कृत)

शेर शिकारियां रे खोदियोड़े खाडे में ठोकीज गियो

एकर एक शेर शिकारियां रे खोदियोड़े खाडे में ठोकीज गियो ।
डाफाचूक होयोड़ो शेरराजा अठी उठी निंगै करण लाग्यो, घणा ई तड़पा तोड़िया परंतु अबकल तो दाता जबरा इज पजिया "बब्बर पिंजरै घालिया, क्या करै बळवंत"
शेर ने ऐड़ी हालत में देख एक वौंदरो शेर री मजाक उडावण लागो ।
कंई रे शेरिया, डोफा घणो ठाकर होयोड़ो फिरतो हो, हमें मगज ठीये आयो? हमार घड़ी जेज में बावरी आवैला और थनै घोदा दे देन मारैला और थारो खालड़ो राजा रै दरबार में भींतीजैला, थारा नख और दांतां सूँ पहाड़वाळा बैदजी ताकत री दवाइयां बणावैला ।
शेर बापड़ो पैलाई दुखी हो ऊपर सूँ वौंदरा रा चूँठिया जाणै बळबळता डाम ।
जितरै ही वा डाळ जिण पर वौंदरो बैठो हो तड़ाक करतीरी तूटगी और वानरराज गप्प करतोड़ा उणीज खाडा में ठोकीजगा जिण में शेर हो ।
पड़ता पाण ही वौंदरो कूकियो
"बावसी जोगमाया री सोगन, आपसूँ माफी मांगण वास्ते ही म्हें टप्पो दियो है"