हायकोर्ट ने आज ये स्पष्ट किया है क़ि
अगर पति परमेश्वर है ...!!
तो _
बॉय फ्रैंड भी
छोटा मोटा भोमिया देवता माना जायेगा
हायकोर्ट ने आज ये स्पष्ट किया है क़ि
अगर पति परमेश्वर है ...!!
तो _
बॉय फ्रैंड भी
छोटा मोटा भोमिया देवता माना जायेगा
NASA का राकेट ब्लास्ट हुआ:
जापान: टेक्नोलॉजी परीक्षण किये थे ?
Nasa:yes
रूस: क्रिटिकल मास वॉल्यूम ठीक था ?
Nasa:yes
भारत: नीबू-मिर्ची टाँगे थे ?
Nasa :no
भारत: जणा ही फ़ाटग्यो थारो रॉकेट
आजकल सुबह सुबह एक मधुर आवाज सुनाई देती हे। ☺
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जिसे सुनकर मन प्रसन्न हो जाता हे।
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नाई आकर बोलता हे----
फलाण जी कै जिमणै को
सिगरी नुतो है
राजस्थान में कैसे कैसे मंदिर
१. सोरसन (बारां) का ब्रह्माणी माता का मंदिर- यहाँ देवी की पीठ का श्रृंगार होता है. पीठ की ही पूजा होती है !
२. चाकसू(जयपुर) का शीतला माता का मंदिर- खंडित मूर्ती की पूजा समान्यतया नहीं होती है, पर शीतला माता(चेचक की देवी) की पूजा खंडित रूप में होती है !
३. बीकानेर का हेराम्ब का मंदिर- आपने गणेश जी को चूहों की सवारी करते देखा होगा पर यहाँ वे सिंह की सवारी करते हैं !
४. रणथम्भोर( सवाई माधोपुर) का गणेश मंदिर- शिवजी के तीसरे नेत्र से तो हम परिचित हैं लेकिन यहाँ गणेश जी त्रिनेत्र हैं ! उनकी भी तीसरी आँख है.
५. चांदखेडी (झालावाड) का जैन मंदिर- मंदिर भी कभी नकली होता है ? यहाँ प्रथम तल पर महावीर भगवान् का नकली मंदिर है, जिसमें दुश्मनों के डर से प्राण प्रतिष्ठा नहीं की गई. असली मंदिर जमीन के भीतर है !
६. रणकपुर का जैन मंदिर- इस मंदिर के 1444 खम्भों की कारीगरी शानदार है. कमाल यह है कि किसी भी खम्भे पर किया गया काम अन्य खम्भे के काम से नहीं मिलता ! और दूसरा कमाल यह कि इतने खम्भों के जंगल में भी आप कहीं से भी ऋषभ देव जी के दर्शन कर सकते हैं, कोई खम्भा बीच में नहीं आएगा.
७. गोगामेडी( हनुमानगढ़) का गोगाजी का मंदिर- यहाँ के पुजारी मुस्लिम हैं ! कमाल है कि उनको अभी तक काफिर नहीं कहा गया और न ही फतवा जारी हुआ है !
८. नाथद्वारा का श्रीनाथ जी का मंदिर - चौंक जायेंगे. श्रीनाथ जी का श्रृंगार जो विख्यात है, कौन करता है ? एक मुस्लिम परिवार करता है ! पीढ़ियों से. कहते हैं कि इनके पूर्वज श्रीनाथजी की मूर्ति के साथ ही आये थे.
९. मेड़ता का चारभुजा मंदिर - सदियों से सुबह का पहला भोग यहाँ के एक मोची परिवार का लगता है ! ऊंच नीच क्या होती है ?
१०. डूंगरपुर का देव सोमनाथ मंदिर- बाहरवीं शताब्दी के इस अद्भुत मंदिर में पत्थरों को जोड़ने के लिए सीमेंट या गारे का उपयोग नहीं किया गया है ! केवल पत्थर को पत्थर में फंसाया गया है.
११. बिलाडा(जोधपुर) की आईजी की दरगाह - नहीं जनाब, यह दरगाह नहीं है ! यह आईजी का मंदिर है, जो बाबा रामदेव की शिष्या थीं और सीरवियों की कुलदेवी हैं.
'अभिनव राजस्थान' की 'अभिनव् संस्कृति' में इस सबको सहेजना है. दुनिया को दिखाना है.
एक डोकरी मर गी.
वणरा पाँचों बेटा रोवता त़ा.
पेलो बेटो- बाई थु कियु मरी, मने भी साते लेन जाती.
दूसरो बेटो - बाई थु कियु मरी,मने भी साते लेन जाती.
यु रा यु पाँचों बेटा बोलिया.
पागती बेठा एक बा सा कियो
बेटा थारी बाई इनोवा लेन नि गी जो थोने सबने साथे लेन जाती।
एक झूठ जो हर मारवाड़ी अक्सर बोलता है.........................
बात पीसां की कोनी..
एक बार एक ताई बस मेँ बैठी सतँरा छिल रही थी
और
सतँरा के छिलके वही बस मे ही गिरा रही थी
ताई को देखकर कन्डैक्टर बोला - ऐ ताई.. ये छिलके बस मे मत गेर....
दिेके बाहर ने फैक दे
ये सुनकर ताई बोली - औ बेटा..
भीतर तु ना गेरण देता अर बाहर वो मोदी ना फेकण देता
के चाहो सो तम
सतँरा खाण दोगा या ना..!
राजस्थानी छोरी
अपने बॉयफ्रेंड से
छोरी: आज तो मने
मेक्ड़ोनल्स लेजा....
छोरो:ले जाऊं पण पेली बिकी
स्पेलिंग बोल के बता
छोरी: ( दो मिनट सोचणे के बाद)
वा रेणदे
इयान कर "के.एफ.सी " में
ले चाल
छोरो: ले जाऊं
पण पेली बिको फुलफोम बता
छोरी: वा रेण दे
मंगता
चाल समोसो ई खुवा दे
गाँव के चार भोले लोग
शहर में एक शादी के रिसेप्शन में गए
अंदर गये तो सलाद देख कर बाहर आ गये,
बाहर आकर एक बोला...
" हाल तो साग छुकनो बाकी हें..."
एक आदमी की शादी में
जब फेरे लेने की बारी आई तो पहले
फेरे के वक्त ही दूल्हा दौड़कर दुल्हन से
आगे
निकल गया।
,
,
पंडित जी ने दूल्हे को पीछे रहने
को कहा।
,
दूसरे फेरे के वक्त दुल्हन आगे हुई तो
दूल्हा फिर
दौड़कर आगे निकल गया।
,
,
दूल्हा बार-बार ऐसे
ही तेजी से दुल्हन के आगे निकल
जाता।
,
बार-बार ऐसा होता देख दुल्हन के
पिता को गुस्सा
आ
गया और
वे बोले, \'यह कैसा दूल्हा है जो फेरे भी
ढंग से
नहीं ले सकता। ऐसे यह
शादी नहीं हो सकती।\'
,
,
दूल्हेके चाचा ने समझाते हुए कहा,
\'माफ करना
भाईसाहब,
दरअसल लड़का हरियाणा रोडवेज का ड्राईवर है इसलिए
इसे
ओवरटेक करने
की आदत है..
अपना admin अपनी गर्ल्फ्रेंड को लेकर साइकिल से जा रहा था.
कि अचानक गिर गया.
और रोने लगा
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उसकी गर्ल्फ्रेंड बोली
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-"उठ- उठ देख किती कीड़ीया मरगी
रोवे काँई गेला"
एक बार एक ताऊ पैदल आपणे गांव जावै था...
रास्ते में उसके जूते..पाँ में काटण लाग गये.....
ताऊ नै...जूतियां आपणी लाठी पै टांग
ली.....
गांम के एक सुंडू जैसे नै मजाक करण की सुझी....
बोल्या... ताऊ, परांठे बहुत दूर टांग राखे
सै.....
ताऊ भी कम ना था....ताऊ बोल्या.....
भाई खाण- पीण की चीज़ किते भी टांग
ल्यो....
सुसरे कुत्ते की निगाह..उड़ै चली जा है...।।
सरकारी अस्पताल, के क्वार्टर में रहने वाले डाक्टर की लगभग रोज की व्यथा :(कोई समझे तो)
(आपबीती पर आधारित):
मरीज आकर कहता है- डाक्टर साब मेरे खून की जांच करा दो ।
डाक्टर : क्यों?
मरीज : कोई खिया क थारे खून की खराबी है जिस्यूं थारे हाथ पैर दूखे है ।
,,,,,डाक्टर बहस से बचने के लिये दो तीन जांचे लिख देता है।
,,,,,जांच के बाद :
मरीज : क्या खराबी आयी है?
डाक्टर : कुछ नहीं ।नोर्मल है।
मरीज : मेरे खांसी भी बार-बार हो जाती है।
डाक्टर : अभी है क्या?
मरीज : नहीं, अभी तो नहीं है।
डाक्टर : ठीकहै मैं दवा लिख देता हूं।
मरीज : नहीं साहब एक्स -रो तो करा के देखो ।
,,,,डाक्टर बहस से बचने के लिये X-ray लिख देता है।
After x-ray....
मरीज : क्या गड़बड़ है?
डाक्टर : कुछ नहीं है, मैं दवाई लिख देता हूं।
मरीज : दवाइयां तो कितनी ही ले ली । आप तो इंजेक्शन लिख दो।
,,,,(डाक्टर बेचारा चकरा जाता है,सोचता है कहां फंस गया यार,क्यों डाॅक्टर बना,,,,अपने आपको कोसता है।)
डाक्टर : भैया , इंजेक्शन सिर्फ इमरजेंसी में लगता है,मैं अभी दवा लिख देता हूं। (ऐसा कहकर डाक्टर दवा लिखने लग जाता है।)
(मरीजों की लाइन भी लगी हुई है।)
डाक्टर दवा लिख कर मरीज को दे देता है।
मरीज : (पर्ची को गौर से देखते हुये) :" इसमें भूखे पेट के कैपसूल लिख्या के? वो भी लिखो!
एक दर्द की ट्यूब मालिश की लिख दीज्यो।
और हां, आखां में डालने की दवाई भी।
कभी कभार खांसी भी हो जावे मने, तो पीने की दवाई लिख देओ,,,,, दो लिखज्यो, छोटी बहोत आवे शीशी॥ "
(डाक्टर अपना सारी पढाई भूलकर यह सब लिखने लग जाता है।)
(मरीज परची लेकर जाने के लिये मुड़ता है, डाक्टर लंबी सांस लेकर next मरीज की तरफ देखता है।)
अचानक पहले वाला मरीज मुड़ता है । डाक्टर घबराता है।(मरीज घूरकर देखकर हंसते हुये) : अजी, बीपी नापना तो आप भूल ही गिया॥
डाक्टर भावशून्य होकर बीपी नापने लगता है।
(अस्पताल ओपीडी बन्द होने के बाद डाक्टर थका मांदा घर आता है। थोड़ी देर बैठता है।)
लेटते ही दरवाजे पर जोर से खट खट होती है,,,दरवाजा खोलते ही एक व्यक्ति अंदर आ जाता है॥
व्यक्ति : (एक कागज पकड़ा कर) :इस पर साइन कर दो ।
डाक्टर देखकर कहता है: भैया यह आय प्रमाणपत्र है,इस पर मैं साइन नहीं कर सकता, मैं तो आपको जानता भी नहीं।
व्यक्ति अपना फोन पकड़ा कर कहता है : लो बात करो। (किसी नेता /पत्रकार से बात कराता है।)
दस मिनट की बहस के बाद व्यक्ति भनभनाते हुए चला जाता है।
किसी तरह रात को खाना खाकर 11 बजे डाक्टर सो जाता है।
साढ़े ग्यारह बजे पुलिस वाले एक शराबी को मेडिकल मुआयने के लिये ले आते हैं। नशे में वह डाक्टर को भी गालियाँ निकालता है। डाक्टर चुपचाप अपना काम करता है।
उससे फ्री होकर लगभग 12 बजे डाक्टर सो जाता है।
लगभग डेड बजे रात को डिलिवरी वाले जगाते हैं :पेट दुख रहा है साहब। (पेट दुखने से ही तो बच्चा होगा यार ...)
डाक्टर को 2 बजे फिर नींद आ जाती है।
लगभग 3 बजे रात को एक एक्सीडैन्ट केस आता है। डाक्टर उठकर उनका इलाज करता है, एक को रेफर करता है।परिजन चिल्लाते हैं :गाडी मंगवाओ।
डाक्टर चार बजे सुबह फ्री होकर सोने की कोशिश करता है।
सुबह 5:30 बजे नल आताहै। पानी भरने उठता है। 6 बजे फिर थोड़ा सोने की असफल कोशिश करता है।
सुबह नहाने जाते समय एक और इमरजेंसी केस आ जाता है। उससे फ्री होने में थोड़ा वक्त लग जाता है।
ओपीडी टाइम होने वाला है।
किसी तरह नहा धोकर, शेव कर, बिना चाय नाश्ता किये ही अस्पताल जाता है ..., लेकिन 5-10 मिनट लेट हो जाता है। अस्पताल में 8-10 मरीज पहले से ही बैठे हैं।
डाक्टर अपने कमरे में घुसते समय एक मरीज की फुसफुसाहट सुनता है : "अरे टाइम तो हो गया 10 मिनट पहले ही ....,लेकिन कामचोर हैं साले! "
डाक्टर कुर्सी पर बैठते हुये सिर पकड़कर सोचता है ..." यह दूनिया डाॅक्टरों के लायक नहीं, नीम हकीमों के ही लायक है। "