किणविध तू काली भई,
कूक कूक काली भई,
उरला बिल रा ऊन्दरा,
लाख टका दूं रोकड़ा,
भांय थोडी़ भाड़ो घणो ,
बीच मिनीमासी झांपले,
डाक्साप
जनता के प्यारे "डाक्साप" जी के पास एक पेशेंट भाई पहुँच गया ....
भाई : डोकसाप ..आह ..
पेट में बहुत ..
दर्द ...
हो रहा है ...आह ....
डोक्साप : अच्छा, ये बताओ आखरी बार खाना कब खाया था ?
भाई : खाना तो रोज ही ...
डोक्साप : अच्छा अच्छा , (2 ऊँगली उठाते हुए )
आखरी बार गये कब थे ...
भाई: जाता तो रोज ही हु ...पर होता नहीं है ...
डोक्साप समज गये ...
अन्दर बहुत सारी बोतले पड़ी थी उसमे से एक उठा लाये ...
ओर साथ ही केल्क्युलेटर भी लेते आये ...
फिर पूछा - घर कितना दूर है तुम्हारा ?
भाई : 1 km
डोक्साप ने केलकुलेटर पे कुछ हिसाब किया फिर बोतल में से चार चम्मच दवाई निकाल के एक कटोरी में डाली
डोक्साप : वहिकल से आये हो या चल के ?
भाई : चल के ..
डाक्सोप : जाते वक्त भाग के जाना
डोक्साप ने फिर से केलकुलेटर पे हिसाब किया फिर थोड़ी दवाई कटोरी में से बहार निकाल ली ...
डोक्साप : घर कौनसे फ्लोर पे है ?
भाई: 3rd फ्लोर पे
डोक्साप ने फिर से केलकुलेटर पे हिसाब किया फिर थोड़ी दवाई कटोरी में से ओर बहार निकाल ली ...
डोक्साप : लिफ्ट है या सीढियाँ चढ़ के जाओगे ?
भाई : सीढियां ...
डोक्साप ने फिर से केलकुलेटर पे हिसाब किया फिर थोड़ी दवाई कटोरी में से ओर बहार निकाल ली ...
डोक्साप : अब आखरी सवाल का जवाब दो
घर के मेन दरवाजे से टॉयलेट कितना दूर है ?
भाई: करीब 20 फुट
डोक्साप ने फिर से केलकुलेटर पे हिसाब किया फिर थोड़ी दवाई कटोरी में से ओर बहार निकाल ली ...
डाक्सोप : अब मेरी फीस दे दो मुझे पहले ..
फिर ये दवाई पीओ ..
ओर फटाफट घर चले जाओ, कहीं रुकना नहीं ..
ओर फिर मुझे फोन करना ....
भाई ने वैसा ही किया ........
आधे घंटे बाद भाई का फोन आया डोक्साप पे ...
एकदम ढीली आवाज में .........
डोक्साप ,,,,,,
दवाई तो बहुत अच्छी थी आपकी .....
पर केलकुलेटर ठीक करवा लेना
हम 10 फुट से हार गये ........
बुझाणो कोनी : एक राजस्थानी व्यंग्य कविता
पति-पत्नी कै बीच मैं,
एकर बहस छिड़ी बड़ी सोणी।
पत्नी बोली- इसो कोई विभाग बताओ,
जिण मैं लुगाई कोनी।
राजनीति, धर्म, थानेदारी, गुण्डागर्दी,
म्हे तो सब जगा बढ़गी हां।
ओर तो ओर म्है तो,
चांद पर भी चढगी हां।
पति कै माथा मैं या बात अड़गी,
पण झट भेजो लगायो अर
बोल्यो,
दमकल विभाग मैं,
थे एक भी लुगाइ कोणी
खिसियांती सी पत्नी बोली,
बो तो म्हे जाणकर ही छोड़यो है,
थे आ बात जाणो कोणी,
लुगायां रो काम आग लगाणो है,
बुझाणो कोनी..
डोफा
डोकरी - डोडा 1 अप्रेल से बंद होगा
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डोकरो - डोफा विश्नोई तो रही
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डोकरी- हा
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डोकरो- तो डोडा खूब मिली तु मजा कर.
www.myrajasthani.blogspot.in
म्हारो मरूधर देश : राजस्थानी कविता 30 मार्च राजस्थान दिवस के उपलक्ष्स पर
साथीयो 30 मार्च राजस्थान दिवस के उपलक्ष्स पर राजस्थान की आन बान और शान की गाथा को गाती ये कवीता
सीधा साधा मिनख मानवी,रंग रंगीलो देश.!!
घणो हढीलो ओ गर्वीलो म्हारो मरूधर देश..!!
मौढ बाजरा मक्को निपजे,कर बोर तरबुज..!!
मिल बाट के खावा मैं नही करा आपस में दुज...!!
झीणी-झीणी गुलाल जईया,रेत उडे आकाशा...!!
शुरा री जननी मरूधरा,बोले विरा री भाषा...!!
अढै भोली सुरत शुरा री,अढै चौडी छाती विरा री...!!
आ धरती भक्त मीरा री,आ मरूधरा राम सा पीरा री...!!
चेतक झोको अवतारो चालै-बिजली री चाल...!!
राणा प्रताप टुट पडीया बण दुश्मण रो काल...!!
हिम्मत नही दुश्मण री,जो देखे बुरी नजर सु....!!
चिर कालजो हाथ धरा, नामो निशाण मिटावा धरा सु....!!
आ जननी भामाशाहो री आ धरती पन्ना धाय री....!!
देश री रक्षा री खातीर बली चढावे जायो री....!!
मरूधरा री नारीया ममता री फुलवारीया...!!
अगर देश पर संकट आवे, तो ले निकल पडे तलवारीया...!!
आन बान और शान पर ऐ मर मीटी हैं नारीया....!!
पिया रण में खुब लडै,सींहणी करे जौहर री तैयारीया..!!!
नस-नस में फोलाद भरयो हैं,अंग-अंग मैं शक्ती...!!
जननी थारे काम आवा, थु दे अपार शक्ती....!!
आपस मैं खुब रेवा हेत सु,बोला प्रेम री भाषा....!!
बार-बार अढै जन्म लु,हैं म्हारे मन री आशा...!!
सीधा-साधा मिनख मानवी,रंग-रंगीलो वेश...!!
घणो हढीलो ओ गर्वीलो, म्हारो मरूधर देश.....!!!!
CIA, RAW
ब्रेकिंग न्यूज़:
कृपया करके आपके जितने भी रिश्तेदार जोधपुर में रहते हैं,
उनको सूचित कर दें कि...
CIA, RAW और दूसरे सूत्रों से पता चला है,
कि...
तमाम
बस स्टॉप, बस स्टैंड, माणेक चोक,
सिवांची गेट, प्रतापनगर, हाउसिंग बोर्ड , सरसवतीनगर, पावटा,रेलवे स्टेशन, रातानाडा, जालौरीगेट, महामंदिर, मंडोर, बनाड, कमलानगर, पालगांव, सूरसागर, घनटाघर, नवचोकिया, एयरफोर्स, झालामणड, भगत की कोठी, शास्ञीनगर, बासनी, बोरोनाडा, मेडतीगेट, नागौरीगेट, जूनीमंडी, सोजतीगेट, स्टेडियम, कबीरनगर, और तमाम शहर के छोटे और बड़े चौराहो के
करीब........
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मतीरे आ गए हैं!!!!!
मारवाड री ऐ सीखण जेडी बातों।
1. चौखी संगत में रेणो ।
2. काम ऊं काम करणो।
3. ऊड़तो तीर नी लेवणो ।
4. घणो लालच नी करणो।
5. सोच समझ पग राखणो।
6. रास्ते आवणो, रास्ते
7. जितो हो सके उतो कम बोलणो ।
8. छोटा मोटा रा कायदों राखणो । 9. जितो पचे उतो ई खावणो।(पेट खुदरों होवे)
10. बीना पूछीया सलाह नी देवणी ।
11. पराई पंचायती नी करणी।
12. आटे मे लूण खटे, लूण मे आटो नी। 13. पगा बलतो देखणो डुंगर बलतो नी।
14. बीच में ही लाडे री भुवा नी बणनो ।
15. सुणरी सबरी करणी मन री।
खूटा यहीं गडेगा
एक जाट ने सार्वजनिक स्थान पर भेस बाधने के लिये खूटा गाड़ रखा था। अन्य चौधरियो ने खूटा उखाड़ने का अनुरोध किया किन्तु जाट ने बात नहीं मानी। अन्त में पन्चायत बुलायी गयी।
पन्चो ने जाट से कहा -तूने खूटा गलत जगह गाड़ रखा है।
जाट- मानता हूँ भाई।
पन्च- खूटा यहाँ नहीं गाड़ना चाहिए था।
जाट- माना भाइ।
पन्च- खुटे से टकरा कर बच्चों को चोट लग सकती है।
जाट- मानता हूं।
पन्च- भेस सार्वजनिक स्थान पर गोबर करती है, गन्दगि फैलती है।
जाट- मानता हूं।
पन्च- भेन्स बच्चों को सिन्ग पुन्छ भी मार देती है।
जाट- मानता हूं,
मैंने तुम्हारी सभी बातें मानी। अब पन्च लोगों मेरी एक ही बात मान लो।
पन्च- बताओ अपनी बात!!!
जाट- खूटा यहीं गडेगा ।।
लिफाफा
आज एक रिस्तेदार की शादी में जाना था,,
200 का लिफाफा बनाया,,
फिर सोचा छोड़ो,,, यार 51 और
मिला कर एक स्मार्टफोन ही दे देते है,,,
वो भी क्या याद करेगा.......
(251 रु में smartphone कि कुछ वर्ष पहले स्कीम थी )
नाम किको लगाणो है
अगर जिवन में कभी कोई गलती हो जाये तो घबराने की जरूरत नही
बस शांत मन से अकेले में बेठ के विचार करे कि
नाम किको लगाणो है
भाटो
राजेश : पापा मे जीवन मे आगे बढने के लिये क्या करू ?
पापा : भाटो ले और सबु पेली इ मोबाईल ने फोड।
गाय है गाय...माहरी छोरी
छुरे चलने लगते है
खुन खोलने लगता है
दिमाग घुमने लगता है.
जब शादी के इत्ते साल बाद भी ससुराल वाले कहते है.
" गाय है गाय...माहरी छोरी"
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