बुधवार, 8 जुलाई 2015

बनडो कालो कालो मट

एक मारवाडी लडका मर्सीडीस कार मे स्कुल आया ।
   सुट-बुट पहेनकर ,
    गले मे 40 तोला सोने की चेन ।
     हाथ मे  सोने का महेंगा लुझ,
       हिरो जैसी पर्सनालिटी,
      साथ मे 3 bodyguard..
     ओर जेब मे 4 i phone6
  पर जब उसके पास 1 call आया तो सब बेहोश हो गये
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क्योकी उसकी रिंगटोन थी
" बनडो कालो कालो मट
        थारी मा कोइ खाये ने जणीयो रे"

आखिर बंदा है तो मारवाडी।

शनिवार, 4 जुलाई 2015

ले पपुडा

पता है, भगवान ने हमारी दो उंगलीओ के बीच मे जगाह क्यों दी है.??

क्योंकी कोई हमारी जिंदगी मे आये, हमारा हाथ पकड़े और प्यार से कहे..

ले पपुडा, गोल्डफ्लेक पी

उबा उबा एग्जाम

टीचर:थारी हाज़री घणी कम है।
तू एग्जाम में नी बई सके....
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भूरा:कई वात नी।आपने अतरो घमंड कोनी
उबा उबा एग्जाम दई दान्गा ।

शुक्रवार, 3 जुलाई 2015

लुगायां रो ब्रत   

लुगायां रो ब्रत             

पति पत्नी से:-- कई बात है,
आज नाश्तों कोणी बणायो

पत्नी;-- आज तो व्रत है नी

पति ;--आज थारो  व्रत है कई ??

पत्नी :-- हाँ जी

पति :--- कईं खायो ?

पत्नी :-- कोई खास नही जी

पति :-- फेर भी कई तो खा लेवती ?

पत्नी :-- में तो थोडा सो.....
केला,
सेव,
अनार ,
मूंगफली,
फ्रूट क्रीम,
आलू की टिक्की,
साबूदाने की खीर,
साबूदाने रा पापड़,
कुट्टू री पूरी,
सावंख,
सिंघाड़े रे आटे रो हलवो,
साबूदाने री खिचडी ,
सुबह-सुबह थोड़ी सी चाय पी,
और अबे जूस पी रही हूँ।
आज व्रत है नी,  इ वास्ते बाकी तो कई खावणो कोणी........

पति ;-'  थोड़ो आमरस
या पपितो खा लेवती

पत्नी:-- बे सब तो शाम ने खावुला

पति:- तू तो  बोत ही सख्त व्रत राखे है, ओ हर कोई रे बस री बात कोइनि । और कुछ खाने रि इच्छा है ?
देखलिए कठैई कमज़ोरी नइ
आय जावे।

पत्त्नी ; नहीं जी कमजोरी नी आवे इरे वास्ते तो सुबह उठते ही बादाम काजू खा लिया हा

पति ;-- फेर भी धयान राखजो

      

सोमवार, 29 जून 2015

विवाह मा ध्योन राकवा री वातो...........

विवाह मा ध्योन राकवा री वातो.................
1. जोने जाओ जरे कपडा ढंग रा पेरना, नीसा-नीसा पेंट पेरेन गनातो ने jockey री अंडर वियर नी वतावनी..
2. सवरी मा विदराजा हाते एक जना ने आवा रु के तो गनातो ती बहस नी करनी डेरे पु जाणू..
3. डेरे जावा रु कियो पुटी बारे उबा उबा माये जावा री तरकीब नी होजनी मोडिया थोन कामयाब वेवा नी दिए..
4. ओपरी जोन रे हाते वरे कोई जोन आयोडी वे तो बीजा विदराजा री खोमियो नी काडनी..
5. बैठक मा बेटा वो जरे आकोदाडू मोबाइल री खटपट नी करनी..
6. विदराजा रे रातरा मोड़ा फेरा वेतो थोड़ी वेला अलार्म लागावेन पु हुनु, 2 वजियो हुदी जगवा हारू candy crush रा लेवल पार नी करना..
7. मोबाइल री फालतू बेट्री लो नी करनी फोन बंद पडियो पुटी आकरु पड़ी डेरा मा आधी रातरा चार्जर होजता फरेयो..
8. विदराजा रे नेनको हालो जिमवा भेलो बिए तो डुसा-डुस कवा नी देना..
9. खावान जतरू भावे वतरु थाली मा लेणु पसे नी भावे जरे गुलाब-झोबू ने बीजा दरी रे हेटे नी घालना..
10. विदराजा रे पाडे बेनू वेतो गनातो ने केन एक पलंग वरे पो मंगावनो, एक पलंग माते दस जना बेन पलंग नी तोड्नो..
11. एक हकायो एनी टाइम विदराजा रे पाडे रेणू भुआ रे घरे बेन रे घरे मलवा जाणु वे तो पसे पु जाणु अबार जोने आयोडा हो.
12. बैठक मा विदराजा ने सेन या विटी जो भी दिए बेग मा पी घालनी वटे बैठक मा "1 तोला री है 2 तोला री है फोरकी है "करवा नी बेनू..
13. बैठक पटियों पुटी गनातो रा मोर थापोड़ना धन्यवाद देनो साफो ने रूपया गुजिया मा घालेन टपु टपु रवोने नी वेणु..
14. जोन पासी रवोने वे जरे रास्ता मा मोमोई बीजा वे तो बीडी पी सडावनी थोडू अमल पाड़े रकनु..
15. फेरा फरियो पुटी सवरी निसा उतरे जरे विदराजा ने तेडनो वे तो पेला ओपरी बोडी पी देकनी जोश जोश मा होडा गोडा करवा नी जानू, विदराजा ने लेन हेरी मा लोबा वेइयो तो वेवोणों हँसी............। बिजु कोई नी; मे तो थोरे भला हारू कियो हु

रविवार, 28 जून 2015

राजस्थानी कहानियां और किस्से


एक बै एक ताऊ नै घर मै हैडपम्प लगा राख्या था ' अर एक पिलूरा पाल राख्या था !
उड़ै बहू/छोरी पाणी भरण आया करती!
एक बहू नई-नई आयी थी ' अर नई बहुवां नै नये-नये सूट बदलणे का शौक होवै सै !
ताऊ था असल नकल ठोकण आला !
जब भी वा बहू पाणी लेण आती ' ताऊ पिलूरे के बहाणे बहू पै नकल मारता...
रै पिलूरे आज तै जमा लाल होरया सै..
रै पिलूरे आज तै सारा ही लीला होरया सै
रै पिलूरे आज तै तू काला पड़रया सै
कई दिना मै बहू कै समझ मै आया अक यो बूढ़ा तो तनै कह सै..
अर उस नै आपणै खसम नै कह दी कि वो बूढ़ा न्यू न्यू नकल मार सै !
वो छोरा सुण कै बूढ़े धोरे आया अर बोल्या..
ताऊ तनै बहुवां कानी बात मारता शरम कोन्या आवै...थारी उमर रह री सै इण
बातां की !
ताऊ बोल्या :-
भाई ' मै तै इस पिलूरे नै कहया करता
अर जै बहू फरक मान गी तो टाल
कर दांग्या !
आगले दिन वा बहू फेर पाणी लेण आयी
ताऊ बोल्या :-
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रै पिलूरे इसी-इसी बात के घरां बतावण
की होया करै...!!

झंडू बेचारे की मां मरगी ! उसका बापू कई साल पहल्या ही मर-ग्या था !
ईब झंडू कै घर मै कुल दो प्राणी रह गे
वो खुद अर उसकी बहू !
झंडू सारा दिन माड़ा सा मन बणा कै
बैठया रहता !
उणकै घरां एक कुत्ती आया करती !
एक दिन झंडू अपणी बहू तै बोल्या :-
देख भागवान न्यू कहया करै अक मरे पाछे आदमी की जूणी बदल ज्या सै
के बेरा मारी मां या कुत्ती बणगी हो
देख ' इकी खुब सेवा करया कर !
फेर झंडू की बहू उस कुत्ती की आच्छी सेवा करण लाग-गी !
उसनै रोटी खुवाती ' कदै लस्सी पिलाती !
एक दिन के होया के उस कुत्ती गेल्यां लाग कै एक कुत्ता भी घरां आ-ग्या !
झंडू की बहू घूंघट काढ़ कै घर का काम करण लाग री थी !
झंडू नै देख्या अक कोए बड़ा आदमी भी कोन्या दिखता अड़ै ..तै फिर या घूंघट किस तै काढ राखी सै..?
झंडू उसतै बोल्या :-
भागवान यो घूंघट किस तै काढ राखी सै..?
उसकी बहू बोली :-
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देख बाहर ' तेरी मां गेल्या तेरा बापू
भी आ रहया सै...!!

रदलू दूसरे शहर मै काम करया करता !
साल भर पाछे वै गाम आया !
सांझ नै उसकी बहू भरतो बूझण लागी अक आज कुणसा साग बणाऊं..?
रदलू बोल्या :-
आलू एंड गोभी रांद ले !
इतणा कह कै बाहर गाम मै घूमण
निकल-ग्या !
भरतो सोच मै पड़-ग्यी...के घरां आलू भी सै अर गोभी भी सै...पर यो एंड
के होया !
भरतो अपणी पड़ोसण धोरे बूझण गई !
पड़ोसण नै भी कोनी बेरा था अक यो
एंड के हो सै !
उसने सोची अक ना बताई तो भरतो आगे बेजती हो ज्या-गी !
पड़ोसण बोली :-
एंड तो गोबर हो सै !
बस फेर के था ' भरतो नै घरां आ कै गोबर का छौंक लगा कै साग बणा दिया!
रोटी खाते टेम रदलू बोल्या :-
आज तो सब्जी चरचरी लाग री सै !
भरतो बोली :-
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एंड किमै घणा पड़ग्या होगा...!!!

एक काला भसडं गाड्डे लुहार अर उसकी लुहारी बस मे सफर करै थे !
बस मै भीड़ थी ' वे दोन्यू न्यारे-न्यारे
बैठ-गे !
रास्ते मे कई टिकट चैकर बस मै चढ़ गे!
लुहारी नै एक टिकट चैकर को दोन्यू
टिकट दिखा दी !
टिकट चैकर बोल्या :-
दुसरी सवारी कुण सी सै ' उसकी शकल
दिखा !
लुहारी रूका मार कै बोली :-
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ओ लुहार ' एक बै खड़ा होइये
तनै देखण आले आरे सै...!!

भाई ' एक बै चार मौलड़ घणी दारू पी कै ' रात कै बारह बजे पाच्छे बड़े गाम
मै आ कै !
सारे कती धुत हो रे थे !
एक घर धोरे आकै रूका मारण लाग गे..
रणबीर ' ओ रणबीर ' रणबीर रै !
रोला सुण कै छात पर तै एक लुगाई
बोल पड़ी...
क्यूं रोला करो सो ' अड़े कोन्या रणबीर
वो तो दुसरे गाम गया सै !
न्यू सुण कै उन मौलड़ म्हा तै
एक बोल्या :-
तू कुण सै फिर..?
वा बोली :-
मै रणबीर की बहू सूं और कुण सूं !
इतना सुणना था के उन म्हा तै
एक बोल्या :-
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ठीक सै ' एक बै तलै आ-ज्या अर आपणे नै पिछाण ले-ज्या ..
हम भी जाके सोवां फिर..

शनिवार, 27 जून 2015

भयानक घटना

उदयपुर की भयानक घटना,
जिसे सुन कर इंसान की रूह काँप जाती है ।
मगर उन जालिमों के हाथ ना काँपें सुबह 7:00 बजे 
दिनांक : 16 जून  २०१५

उदयपुर में मात्र ३ साल का मासूम बच्चा जो अभी सही तरह बोल नहीं सकता था ........
तीन लोगों ने उसे घेर लिया. लोग भी कौन ?

उसके अपने

एक बाप,
दूसरी उसकी माँ और
तीसरा उसका सगा चाचा.

पहले मीठी मीठी बातों से उसे बहकाया,
फुसलाया,
फिर आँगन के
बीचों बीच
उसे दबोच लिया

वह हाथ जोड़ता रहा ,
रोता रहा.
उसकी चीखों से आसमान लजा गया,
मगर उसके सगे माँ बाप और चाचा ने उसकी एक ना सुनी और,
उसे जबर्दस्ती.......
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तैयार कर स्कूल भेज दिया गया

बेचारा .......

गौर से पढ़ने के लिये शुक्रिया
है ना हटके

गुरुवार, 25 जून 2015

भेरूG

दुनिया का नेटवर्क भले ही  3G /4G से चलता हो,




गाँव मे तो आज भी  "भेरूG" से ही चलता है !

मंगलवार, 23 जून 2015

आव मेह बस आव

गजब हुय गयौ गांव में, सूखा कुबा अर वाव।

पणिहारी झुरै थने, आव मेह बस आव॥

कुणरै आगै रोणु रौवाँ...

कुणरै आगै रोणु रौवाँ...
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इस्कूलां में टीचर कोनी, क्लासां में फर्नीचर कोनी
कुणरै आगै रोणु रौवाँ, आफिस में आफिसर कोनी !
गया कम्पोटर छुट्टी माथै, नर्स डाक्टर दोन्यू साथै
रोगी भोगी राम भरोसे, इस्पताल में बिस्तर कोनी !
रेलम पेल रेल में होरी , टिकटा मिलनी दोरी होरी
आरक्षण की इस्टेसन पर, तेरो मेरो नंबर कोनी !
बण्या पावना बिजली पाणी, रोजिनैरी राम कहानी
बिल भरता जावो मांगे ज्यूँ , कोई काम रा मीटर कोनी !
कर्जे में डूब्यो किरसाणी, कद आवेली बिरखा पाणी
गई साल बेल्या बेच्या हा, अबकी बिरियाँ ओ घर कोनी !
काल गाँव में चोरी होगी, पुलिस आवणी दोरी होगी
थाणै में उल्टा धमकावै आँ बापाँनै कीं डर कोनी !
आतंकी नित तुरल मचावै, नेता गीता ज्ञान सुणावै
कुर्सी का कीड़ा है सगळा कोई बात की सद्दर कोनी !
'भावुक' तो भोलो है भाई, जे बोलै तो राम दुवाई
तू बोलै तो बोल भलांई, बाकि कां में सुरतर कोनी !
-गौरीशंकर बल्दुआ 'भावुक'
छापर , राजस्थान

इंतजार चौमासा रो

इंतजार चौमासा रो
बिरखा बरसी सांतरी,
मुरधर जागी आस ।
कोठा भरसी धान रा,
डांगर चरसी घास ।।
हाळी हळड़ा सांभिया,
साथै साम्भ्या बीज ।
खेतां ढाणी घालसी ,
स्यावड़ गई पसीज ।।
ऊंचै धोरै बाजरी,
ढळवोँ बीजूं ग्वार ।
बिच्च बिच्च तूंपूं टींढसी,
मतीरा मिश्रीदार ।।
ऊंचै धोरै टापरी,
साथै रैसी नार ।
दिनड़ै करां हळोतियो,
रातां बातां त्यार ।।
काचर काकड़ कीमती,
मतीरा मजेदार ।
मोठ मोवणा म्होबला,
धान धमाकैदार।।
आभै गाजी बादळी,
मुरधर नाच्या मोर ।
जीया जूण खिलखिली,
देख घटा घनघोर ।।
आभै चमकी बीजळी,
मनड़ै जाग्यो मोह ।
बादळ राजा बरससी,
मिटसी पिया बिछोह ।।
छमछम बरसै बादळी,
धम धम नाचै मोर ।
धरती माथै रूंखड़ा,
घालै घूमर जोर ।।
बादळ ऐड़ा ओसरया,
मुरधर करियो वास ।
धरती आली सांतरी,
करसां पूरी आस ।।
डेडर जीभां खोल दी,
भरिया देख तळाब ।
कोयल वाणी सांचरी,
मुरधर उमड़ी आब।।

सोमवार, 22 जून 2015

3 गंजी + 3 गंजी

मारवाड़ में आधार कार्ड बन रहे थे तो एक लुगाई से अधिकारी ने पुछा की तुमारे घरवाले का नाम क्या है ........
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लुगाई बोली हमारे उनका नाम नहीं लेते...
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अधिकारी::::::कोई हिंट तो दो:::::::::

लुगाई (3 गंजी + 3 गंजी)
......

अधिकारी बोला क्या ....
......??

तभी बाजु में बुड्ढा बोला
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साब "छगनजी"

रविवार, 21 जून 2015

ले नाच मारी बिनणी

नरेन्द्र मोदी -
अब इन राजस्थान वालो ने तो हद कर दी यार
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मुझे एक पत्र लिखा जिसमें कहा  कि बढ़ती हुई लोकप्रियता को महत्व देते हुए  'वन्दे मातरम 'के स्थान पर
'ले नाच मारी बिनणी भंडारा मे D.J बाजे नाच  .."

गाने को रास्ट्रगीत घोषित करो