शुक्रवार, 3 जुलाई 2015

लुगायां रो ब्रत   

लुगायां रो ब्रत             

पति पत्नी से:-- कई बात है,
आज नाश्तों कोणी बणायो

पत्नी;-- आज तो व्रत है नी

पति ;--आज थारो  व्रत है कई ??

पत्नी :-- हाँ जी

पति :--- कईं खायो ?

पत्नी :-- कोई खास नही जी

पति :-- फेर भी कई तो खा लेवती ?

पत्नी :-- में तो थोडा सो.....
केला,
सेव,
अनार ,
मूंगफली,
फ्रूट क्रीम,
आलू की टिक्की,
साबूदाने की खीर,
साबूदाने रा पापड़,
कुट्टू री पूरी,
सावंख,
सिंघाड़े रे आटे रो हलवो,
साबूदाने री खिचडी ,
सुबह-सुबह थोड़ी सी चाय पी,
और अबे जूस पी रही हूँ।
आज व्रत है नी,  इ वास्ते बाकी तो कई खावणो कोणी........

पति ;-'  थोड़ो आमरस
या पपितो खा लेवती

पत्नी:-- बे सब तो शाम ने खावुला

पति:- तू तो  बोत ही सख्त व्रत राखे है, ओ हर कोई रे बस री बात कोइनि । और कुछ खाने रि इच्छा है ?
देखलिए कठैई कमज़ोरी नइ
आय जावे।

पत्त्नी ; नहीं जी कमजोरी नी आवे इरे वास्ते तो सुबह उठते ही बादाम काजू खा लिया हा

पति ;-- फेर भी धयान राखजो

      

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें