बीत जाए जब रात!
सुबह छानकर पीजिए,
अच्छे हों हालात!!
बूंद नैन में डार!
दुखती अँखियां ठीक हों,
पल लागे दो-चार!!
पिएं गुनगुना नीर!
कब्ज खतम हो पेट की,
मिट जाए हर पीर!!
घूंट-घूंट कर आप!
बस दो-तीन गिलास है,
हर औषधि का बाप!!
करता क्रूर प्रहार!
करे हाजमे का सदा,
ये तो बंटाढार!!
अल्थी पल्थी मार!
चबा-चबा कर खाइए,
वैद्य न झांकें द्वार!!
दुपहर लस्सी-छांस!
सदा रात में दूध पी,
सभी रोग का नाश!!
पपीता दूध के संग!
जो खाएं इक साथ में,
जीवन हो बदरंग!!
जब नियमित आहार!
तीस मिनट की नींद लो,
घूमें कदम हजार!
डाक्टर, ओझा, वैद्य का ,
लुट जाए व्यापार !!
हो जैसा परिवेश!
वैसा भोजन कीजिये,
कहते सखा सुरेश!!
जो करता उत्कर्ष!
जीवन में पग-पग मिले,
उस प्राणी को हर्ष!!
रह तनाव से दूर!
एसिडिटी, या मोटापा,
होवें चकनाचूर!!
अपेंडिक्स का त्रास!
पानी पीजै बैठकर,
कभी न आवें पास!!
तब मत सोचो भाय!
सौगंध राम की खाइ के,
तुरत छोड दो चाय!!
दुपहर यथा नरेश!
भोजन लीजै रात में,
जैसे रंक सुरेश!!
रोगों का जंजाल!
अपच,आंख के रोग सँग,
तन भी रहे निढाल!!
हर दिन दोनो जून!
दांत करें मजबूत यदि,
करिएगा दातून!!
अगर काट ले श्वान!
खतम करे ये जहर को,
कह गए कवि सुजान!!
ये हैं गुण की खान!
पर सफेद शक्कर सखा,
समझो जहर समान!!
ये है दवा सटीक!
हड्डी टूटी हो अगर,
अल्प समय में ठीक!!
सूजन, चोट पिराइ!
बीस मिनट चुंबक धरौ,
पिरवा जाइ हेराइ!!
भूख, प्यास या प्यार!
क्रोध, जम्हाई रोकना,
समझो बंटाढार!!
चूना हमसे दूर!
दूर करे ये बाझपन,
सुस्ती अपच हुजूर!!
पग नाखून डुबाय!
खुजली, लाली, जलन सब,
नैनों से गुमि जाय!!
केवल घंटा डेढ!
पानी इसके बाद पी,
ये औषधि का पेड!!
पीता रहता नीर!
रोग एक सौ तीन हों,
फुट जाए तकदीर!!
मेथी देव भिगाय!
सुबह चबाकर नीर पी,
रक्तचाप सुधराय!!
घी सरसों का तेल!
यही खाइए नहीं तो,
हार्ट समझिए फेल!!
पहाड़ी नमक सु जान!
श्वेत नमक है सागरी,
ये है जहर समान!!
चर्बी लियो बढाइ!
घेरा कोलेस्टरॉल तो,
आज रहे चिल्लाइ!!
करता है जो उपयोग!
आमंत्रित करता सदा ,
वह अडतालीस रोग!!
तुरत न पीजै नीर!
ये सब छोटी आंत में,
बनते विषधर तीर!!
बढती तन की शक्ति!
गेहूँ मोटा पीसिए,
दिल में बढे विरक्ति!!
करता जो उपयोग!
पास नहीं आते कभी,
यकृति-आंत के रोग!!
बिगडे उसका पेट!
ऐसे जल को समझिए,
सौ रोगों का गेट!!
कफ बाहर आ जाय!
बने सुरीला कंठ भी,
सबको लगत सुहाय!!
सौंफ, गुड, अजवान!
पत्थर भी पच जायगा,
जानै सकल जहान!!
चोकर युक्त पिसान!
तुलसी, गुड, सेंधा नमक,
हृदय रोग निदान!!
आंव करें बदनाम!
दो अनार खाएं सदा,
बनते बिगडे काम!!
पत्ती हर दिन खावे !
ज्वर, डेंगू या मलेरिया,
बारह मील भगावे !!
लेत नाक से सांस!
अल्पकाल जीवें, करें,
मुंह से श्वासोच्छ्वास!!
करिये मत स्नान!
घट जाता है आत्मबल,
नैनन को नुकसान!!
बचना है श्रीमान!
सुरा, चाय या कोल्ड्रिंक,
का मत करिए पान!!
तन-मन हो कमजोर!
नयन ज्योति कमजोर हो,
शक्ति घटे चहुंओर!!
यदि हरदम उपयोग!
मिट जाते हर उम्र में,
तन के सारे रोग!!
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