गुरुवार, 30 सितंबर 2021
सुखी जीवण रा टोटका ....
बुधवार, 25 मई 2016
प्राचीन स्वास्थ्य दोहावली
बीत जाए जब रात!
सुबह छानकर पीजिए,
अच्छे हों हालात!!
बूंद नैन में डार!
दुखती अँखियां ठीक हों,
पल लागे दो-चार!!
पिएं गुनगुना नीर!
कब्ज खतम हो पेट की,
मिट जाए हर पीर!!
घूंट-घूंट कर आप!
बस दो-तीन गिलास है,
हर औषधि का बाप!!
करता क्रूर प्रहार!
करे हाजमे का सदा,
ये तो बंटाढार!!
अल्थी पल्थी मार!
चबा-चबा कर खाइए,
वैद्य न झांकें द्वार!!
दुपहर लस्सी-छांस!
सदा रात में दूध पी,
सभी रोग का नाश!!
पपीता दूध के संग!
जो खाएं इक साथ में,
जीवन हो बदरंग!!
जब नियमित आहार!
तीस मिनट की नींद लो,
घूमें कदम हजार!
डाक्टर, ओझा, वैद्य का ,
लुट जाए व्यापार !!
हो जैसा परिवेश!
वैसा भोजन कीजिये,
कहते सखा सुरेश!!
जो करता उत्कर्ष!
जीवन में पग-पग मिले,
उस प्राणी को हर्ष!!
रह तनाव से दूर!
एसिडिटी, या मोटापा,
होवें चकनाचूर!!
अपेंडिक्स का त्रास!
पानी पीजै बैठकर,
कभी न आवें पास!!
तब मत सोचो भाय!
सौगंध राम की खाइ के,
तुरत छोड दो चाय!!
दुपहर यथा नरेश!
भोजन लीजै रात में,
जैसे रंक सुरेश!!
रोगों का जंजाल!
अपच,आंख के रोग सँग,
तन भी रहे निढाल!!
हर दिन दोनो जून!
दांत करें मजबूत यदि,
करिएगा दातून!!
अगर काट ले श्वान!
खतम करे ये जहर को,
कह गए कवि सुजान!!
ये हैं गुण की खान!
पर सफेद शक्कर सखा,
समझो जहर समान!!
ये है दवा सटीक!
हड्डी टूटी हो अगर,
अल्प समय में ठीक!!
सूजन, चोट पिराइ!
बीस मिनट चुंबक धरौ,
पिरवा जाइ हेराइ!!
भूख, प्यास या प्यार!
क्रोध, जम्हाई रोकना,
समझो बंटाढार!!
चूना हमसे दूर!
दूर करे ये बाझपन,
सुस्ती अपच हुजूर!!
पग नाखून डुबाय!
खुजली, लाली, जलन सब,
नैनों से गुमि जाय!!
केवल घंटा डेढ!
पानी इसके बाद पी,
ये औषधि का पेड!!
पीता रहता नीर!
रोग एक सौ तीन हों,
फुट जाए तकदीर!!
मेथी देव भिगाय!
सुबह चबाकर नीर पी,
रक्तचाप सुधराय!!
घी सरसों का तेल!
यही खाइए नहीं तो,
हार्ट समझिए फेल!!
पहाड़ी नमक सु जान!
श्वेत नमक है सागरी,
ये है जहर समान!!
चर्बी लियो बढाइ!
घेरा कोलेस्टरॉल तो,
आज रहे चिल्लाइ!!
करता है जो उपयोग!
आमंत्रित करता सदा ,
वह अडतालीस रोग!!
तुरत न पीजै नीर!
ये सब छोटी आंत में,
बनते विषधर तीर!!
बढती तन की शक्ति!
गेहूँ मोटा पीसिए,
दिल में बढे विरक्ति!!
करता जो उपयोग!
पास नहीं आते कभी,
यकृति-आंत के रोग!!
बिगडे उसका पेट!
ऐसे जल को समझिए,
सौ रोगों का गेट!!
कफ बाहर आ जाय!
बने सुरीला कंठ भी,
सबको लगत सुहाय!!
सौंफ, गुड, अजवान!
पत्थर भी पच जायगा,
जानै सकल जहान!!
चोकर युक्त पिसान!
तुलसी, गुड, सेंधा नमक,
हृदय रोग निदान!!
आंव करें बदनाम!
दो अनार खाएं सदा,
बनते बिगडे काम!!
पत्ती हर दिन खावे !
ज्वर, डेंगू या मलेरिया,
बारह मील भगावे !!
लेत नाक से सांस!
अल्पकाल जीवें, करें,
मुंह से श्वासोच्छ्वास!!
करिये मत स्नान!
घट जाता है आत्मबल,
नैनन को नुकसान!!
बचना है श्रीमान!
सुरा, चाय या कोल्ड्रिंक,
का मत करिए पान!!
तन-मन हो कमजोर!
नयन ज्योति कमजोर हो,
शक्ति घटे चहुंओर!!
यदि हरदम उपयोग!
मिट जाते हर उम्र में,
तन के सारे रोग!!
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मंगलवार, 10 मई 2016
कोयल कूक सुहावणी : MARWADI KAVITA
किणविध तू काली भई,
कूक कूक काली भई,
उरला बिल रा ऊन्दरा,
लाख टका दूं रोकड़ा,
भांय थोडी़ भाड़ो घणो ,
बीच मिनीमासी झांपले,
मंगलवार, 26 अप्रैल 2016
डाक्साप
डाक्साप
जनता के प्यारे "डाक्साप" जी के पास एक पेशेंट भाई पहुँच गया ....
भाई : डोकसाप ..आह ..
पेट में बहुत ..
दर्द ...
हो रहा है ...आह ....
डोक्साप : अच्छा, ये बताओ आखरी बार खाना कब खाया था ?
भाई : खाना तो रोज ही ...
डोक्साप : अच्छा अच्छा , (2 ऊँगली उठाते हुए )
आखरी बार गये कब थे ...
भाई: जाता तो रोज ही हु ...पर होता नहीं है ...
डोक्साप समज गये ...
अन्दर बहुत सारी बोतले पड़ी थी उसमे से एक उठा लाये ...
ओर साथ ही केल्क्युलेटर भी लेते आये ...
फिर पूछा - घर कितना दूर है तुम्हारा ?
भाई : 1 km
डोक्साप ने केलकुलेटर पे कुछ हिसाब किया फिर बोतल में से चार चम्मच दवाई निकाल के एक कटोरी में डाली
डोक्साप : वहिकल से आये हो या चल के ?
भाई : चल के ..
डाक्सोप : जाते वक्त भाग के जाना
डोक्साप ने फिर से केलकुलेटर पे हिसाब किया फिर थोड़ी दवाई कटोरी में से बहार निकाल ली ...
डोक्साप : घर कौनसे फ्लोर पे है ?
भाई: 3rd फ्लोर पे
डोक्साप ने फिर से केलकुलेटर पे हिसाब किया फिर थोड़ी दवाई कटोरी में से ओर बहार निकाल ली ...
डोक्साप : लिफ्ट है या सीढियाँ चढ़ के जाओगे ?
भाई : सीढियां ...
डोक्साप ने फिर से केलकुलेटर पे हिसाब किया फिर थोड़ी दवाई कटोरी में से ओर बहार निकाल ली ...
डोक्साप : अब आखरी सवाल का जवाब दो
घर के मेन दरवाजे से टॉयलेट कितना दूर है ?
भाई: करीब 20 फुट
डोक्साप ने फिर से केलकुलेटर पे हिसाब किया फिर थोड़ी दवाई कटोरी में से ओर बहार निकाल ली ...
डाक्सोप : अब मेरी फीस दे दो मुझे पहले ..
फिर ये दवाई पीओ ..
ओर फटाफट घर चले जाओ, कहीं रुकना नहीं ..
ओर फिर मुझे फोन करना ....
भाई ने वैसा ही किया ........
आधे घंटे बाद भाई का फोन आया डोक्साप पे ...
एकदम ढीली आवाज में .........
डोक्साप ,,,,,,
दवाई तो बहुत अच्छी थी आपकी .....
पर केलकुलेटर ठीक करवा लेना
हम 10 फुट से हार गये ........
शनिवार, 16 अप्रैल 2016
बुझाणो कोनी : एक राजस्थानी व्यंग्य कविता
बुझाणो कोनी : एक राजस्थानी व्यंग्य कविता
पति-पत्नी कै बीच मैं,
एकर बहस छिड़ी बड़ी सोणी।
पत्नी बोली- इसो कोई विभाग बताओ,
जिण मैं लुगाई कोनी।
राजनीति, धर्म, थानेदारी, गुण्डागर्दी,
म्हे तो सब जगा बढ़गी हां।
ओर तो ओर म्है तो,
चांद पर भी चढगी हां।
पति कै माथा मैं या बात अड़गी,
पण झट भेजो लगायो अर
बोल्यो,
दमकल विभाग मैं,
थे एक भी लुगाइ कोणी
खिसियांती सी पत्नी बोली,
बो तो म्हे जाणकर ही छोड़यो है,
थे आ बात जाणो कोणी,
लुगायां रो काम आग लगाणो है,
बुझाणो कोनी..
बुधवार, 6 अप्रैल 2016
डोफा
डोफा
डोकरी - डोडा 1 अप्रेल से बंद होगा
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डोकरो - डोफा विश्नोई तो रही
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डोकरी- हा
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डोकरो- तो डोडा खूब मिली तु मजा कर.
www.myrajasthani.blogspot.in
गुरुवार, 31 मार्च 2016
म्हारो मरूधर देश..: राजस्थानी कविता 30 मार्च राजस्थान दिवस के उपलक्ष्स पर
म्हारो मरूधर देश : राजस्थानी कविता 30 मार्च राजस्थान दिवस के उपलक्ष्स पर
साथीयो 30 मार्च राजस्थान दिवस के उपलक्ष्स पर राजस्थान की आन बान और शान की गाथा को गाती ये कवीता
सीधा साधा मिनख मानवी,रंग रंगीलो देश.!!
घणो हढीलो ओ गर्वीलो म्हारो मरूधर देश..!!
मौढ बाजरा मक्को निपजे,कर बोर तरबुज..!!
मिल बाट के खावा मैं नही करा आपस में दुज...!!
झीणी-झीणी गुलाल जईया,रेत उडे आकाशा...!!
शुरा री जननी मरूधरा,बोले विरा री भाषा...!!
अढै भोली सुरत शुरा री,अढै चौडी छाती विरा री...!!
आ धरती भक्त मीरा री,आ मरूधरा राम सा पीरा री...!!
चेतक झोको अवतारो चालै-बिजली री चाल...!!
राणा प्रताप टुट पडीया बण दुश्मण रो काल...!!
हिम्मत नही दुश्मण री,जो देखे बुरी नजर सु....!!
चिर कालजो हाथ धरा, नामो निशाण मिटावा धरा सु....!!
आ जननी भामाशाहो री आ धरती पन्ना धाय री....!!
देश री रक्षा री खातीर बली चढावे जायो री....!!
मरूधरा री नारीया ममता री फुलवारीया...!!
अगर देश पर संकट आवे, तो ले निकल पडे तलवारीया...!!
आन बान और शान पर ऐ मर मीटी हैं नारीया....!!
पिया रण में खुब लडै,सींहणी करे जौहर री तैयारीया..!!!
नस-नस में फोलाद भरयो हैं,अंग-अंग मैं शक्ती...!!
जननी थारे काम आवा, थु दे अपार शक्ती....!!
आपस मैं खुब रेवा हेत सु,बोला प्रेम री भाषा....!!
बार-बार अढै जन्म लु,हैं म्हारे मन री आशा...!!
सीधा-साधा मिनख मानवी,रंग-रंगीलो वेश...!!
घणो हढीलो ओ गर्वीलो, म्हारो मरूधर देश.....!!!!
CIA, RAW
CIA, RAW
ब्रेकिंग न्यूज़:
कृपया करके आपके जितने भी रिश्तेदार जोधपुर में रहते हैं,
उनको सूचित कर दें कि...
CIA, RAW और दूसरे सूत्रों से पता चला है,
कि...
तमाम
बस स्टॉप, बस स्टैंड, माणेक चोक,
सिवांची गेट, प्रतापनगर, हाउसिंग बोर्ड , सरसवतीनगर, पावटा,रेलवे स्टेशन, रातानाडा, जालौरीगेट, महामंदिर, मंडोर, बनाड, कमलानगर, पालगांव, सूरसागर, घनटाघर, नवचोकिया, एयरफोर्स, झालामणड, भगत की कोठी, शास्ञीनगर, बासनी, बोरोनाडा, मेडतीगेट, नागौरीगेट, जूनीमंडी, सोजतीगेट, स्टेडियम, कबीरनगर, और तमाम शहर के छोटे और बड़े चौराहो के
करीब........
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मतीरे आ गए हैं!!!!!
गुरुवार, 17 मार्च 2016
मारवाड री ऐ सीखण जेडी बातों।
मारवाड री ऐ सीखण जेडी बातों।
1. चौखी संगत में रेणो ।
2. काम ऊं काम करणो।
3. ऊड़तो तीर नी लेवणो ।
4. घणो लालच नी करणो।
5. सोच समझ पग राखणो।
6. रास्ते आवणो, रास्ते
7. जितो हो सके उतो कम बोलणो ।
8. छोटा मोटा रा कायदों राखणो । 9. जितो पचे उतो ई खावणो।(पेट खुदरों होवे)
10. बीना पूछीया सलाह नी देवणी ।
11. पराई पंचायती नी करणी।
12. आटे मे लूण खटे, लूण मे आटो नी। 13. पगा बलतो देखणो डुंगर बलतो नी।
14. बीच में ही लाडे री भुवा नी बणनो ।
15. सुणरी सबरी करणी मन री।
शनिवार, 27 फ़रवरी 2016
खूटा यहीं गडेगा
खूटा यहीं गडेगा
एक जाट ने सार्वजनिक स्थान पर भेस बाधने के लिये खूटा गाड़ रखा था। अन्य चौधरियो ने खूटा उखाड़ने का अनुरोध किया किन्तु जाट ने बात नहीं मानी। अन्त में पन्चायत बुलायी गयी।
पन्चो ने जाट से कहा -तूने खूटा गलत जगह गाड़ रखा है।
जाट- मानता हूँ भाई।
पन्च- खूटा यहाँ नहीं गाड़ना चाहिए था।
जाट- माना भाइ।
पन्च- खुटे से टकरा कर बच्चों को चोट लग सकती है।
जाट- मानता हूं।
पन्च- भेस सार्वजनिक स्थान पर गोबर करती है, गन्दगि फैलती है।
जाट- मानता हूं।
पन्च- भेन्स बच्चों को सिन्ग पुन्छ भी मार देती है।
जाट- मानता हूं,
मैंने तुम्हारी सभी बातें मानी। अब पन्च लोगों मेरी एक ही बात मान लो।
पन्च- बताओ अपनी बात!!!
जाट- खूटा यहीं गडेगा ।।
मंगलवार, 23 फ़रवरी 2016
लिफाफा
लिफाफा
आज एक रिस्तेदार की शादी में जाना था,,
200 का लिफाफा बनाया,,
फिर सोचा छोड़ो,,, यार 51 और
मिला कर एक स्मार्टफोन ही दे देते है,,,
वो भी क्या याद करेगा.......
(251 रु में smartphone कि कुछ वर्ष पहले स्कीम थी )
शनिवार, 20 फ़रवरी 2016
नाम किको लगाणो है
नाम किको लगाणो है
अगर जिवन में कभी कोई गलती हो जाये तो घबराने की जरूरत नही
बस शांत मन से अकेले में बेठ के विचार करे कि
नाम किको लगाणो है
भाटो
भाटो
राजेश : पापा मे जीवन मे आगे बढने के लिये क्या करू ?
पापा : भाटो ले और सबु पेली इ मोबाईल ने फोड।