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नर्स- मिर्चिबड़ो
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बच्चा- ओ थारी की पाछो जोधपुर में पैदा हो ग्यो।।।
आ दातल्ली केडी : मारवाड़ी कविता
आ दातल्ली केडी,
रजको वाडे जेडी
ओ रजको केडो,
भैंयो ने नोके जेडो
ऐ भैंयो केडी,
दुध दे जेडी
ओ दुध केडो,
दही वणे जेडो
ओ दही केडो,
मोखण वणे जेडो
ओ मोखण केडो,
घी वणे जेडो
ओ घी केडो,
बाटियो सोपडे जेडो
ऐ बाटियो केडी,
पोमणा जिमे जेडी
ऐ पोमणा केडा,
चुल्हा में नोके जेडा
मारवाड़ी कविता
आ दातल्ली केडी,
रजको वाडे जेडी
ओ रजको केडो,
भैंयो ने नोके जेडो
ऐ भैंयो केडी,
दुध दे जेडी
ओ दुध केडो,
दही वणे जेडो
ओ दही केडो,
मोखण वणे जेडो
ओ मोखण केडो,
घी वणे जेडो
ओ घी केडो,
बाटियो सोपडे जेडो
ऐ बाटियो केडी,
पोमणा जिमे जेडी
ऐ पोमणा केडा,
चुल्हा में नोके जेडा
एक बार जोधपुर में भूकंप आया । मीडिया वाले जालप मौहल्ले गए एक जोधपुर के भासा री हथाई टूट गई
मीडिया - भूकम्प के समय आपको कैसा लग रहा था।
भासा - मानो कोई थप्पड़ मार रहा हो।
मीडिया - ज़रा खुल के समझाइये..
** भासा दियो एक उलटे हाथ रो फोडिन्द **
सन्नाटा ..
कैमरामैन राजीव के साथ दीपक चौरसिया आजतक
कंचन वरणी कामणी चढ चौबारैे चाप
मतो करे कूदो मनां परा कटैला पाप
परा कटेला पाप जीवां मु्कत हो जासी
आसी ईसर आप जीव बैकुंठ ले जासी
आतम रूप अधार परमातम पहचाण व्है
सिरै न जीवण सार विरथा ही बरबाद व्है
कुंडलिया छंद
मनमौजी इक सोडषी, मन मैं करत विचार।
नेह बिना नह निभत है, बिरथ सकल संसार।।
बिरथ सकल संसार, जगत पिव बिन सब सूनो,
नेह नवल संसार में, शेंषही सब जूनो।।
पिव बिन जगत असार, धरम पौथी सब खौजी।
जीवन अब बेकार, मरण तत्पर मनमौजी ।।
फ़ानी दुनिया ये , हैं अरमान भी अधूरे
बेगाने हो गए वे , जो अपने थे पूरे
तो ! क्यों जीऊं, और किसके लिए बताओ !
टूटने को साज सांसों का, सुर हुए बेसुरे ।।
मायूस अंदाज में छत पर बैठी सुंदरी की मनोदशा कुछ यूं हो सकती है हुकम ।
लिख्यो न जावे लाड़की थारे ऊपर आज
मरने खातर मोकळी चढ़ी जायने छाज
चढ़ी जायने छाज प्राण रो मोह घनेरो
आंख्या दिसे आज रूप सरदार बने रो
कुदू तो टूट जाय बचे न कोई हाड़की
मन में रही घबराय चढ़ी छत लाड़की
एक पावणा पेली बार सासरे गिया।
वोने बोलने री घनी आदत ही।
और उरी सासु भी गजब बोलाकड़ी ही।
बातों करते करते शाम तक सासु तो थक गई।
तो बोली
सासु__पावणा सासरे आयोड़ा हो सासरे में घणो नहीं बोलनो चईजे।
पावणा__ तो थे सासुमा कई नानाने आयोडा हो कई?
Confidence. पांच जाटों को एक बाइक पर देखकर ट्रैफिक पुलिस ने रुकने का इशारा किया ।
एक जाट चलती बाइक से बोला :- बावला हो गया के तू कित बैठेगा भाई?
Five star मे होटल पहुचते ही ek bhaasa का आश्चर्यजनक जवाब
वेटर:;: सर क्या खाओगे
Bhaasa ने कहा
सबसे पहले तो मे
"खंकोला" खाऊंगा!
टीचर:थारी हाज़री घणी कम है।
तू एग्जाम में नी बई सके....
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भूरा:कई वात नी।आपने अतरो घमंड कोनी।आपड़े तो
उबा उबा एग्जाम दई दान्गा ।
क्लास टेस्ट 2015
विधार्थी नाम - धापूड़ी
विषय - हिंदी
प्रशन - कुत्ते का पर्यायवाची
उत्तर - टेगडो
प्रशन - शिक्षा किसे कहते हे?
उत्तर - एक फेड के नीचे ढेर सारा छोरा छोरी ने मारसाब पढावे उने शिक्षा केवे ।
प्रशन - भेस का पर्यायवाची
उत्तर - ढान्डी , पाडी
प्रशन - पर्यावरण किसे कहते हे
उत्तर - जब भी में हमारे आंगने में से उप्पर देखती हु मुझे धोला-धोला दीखता हे उसे ही पर्यावरण कहते हे
प्रशन - पशुपालन किसे कहते है
उत्तर - हमारे घर में 4 गाये हे हम उसके पोठे साफ करते है
गोबर के छाने थेप्ते हे इसे ही पशुपालन कहते है ।
प्रशन- खाना बनाते समय किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर - चुल्हे पर खाना बनाते समय बलिता हिसाब से देना चाहिय , रोटी बलने लगे तो अन्गीरे बाहर निकाल लेने चाहिए खाटे को हिलाते रहना चाहिए
ताकि वह बले नही आदि ।
एक बार एक ताई फिलम देखन चली गई
फिलम देख के जब वापस आई तो एक छोरे ने पूछा-
री ताई पिक्चर देख आई के..?
ताई बोली - रे छोरे के बताऊँ तन्ने....
छोरा बोल्ला- के बात होगी ताई...?
ताई बोल्ली- बात के होणी....
जद मै फिलम देखण लगी तो फिलम मे मेरे जेठ जीसा एक मरद था...
छोरा- फेर के होया तो....?
ताई:- फेर के होणा था, सारी फिलम मे घूंघट काढ़ के बैठी री.....
दूध दही ने चाय चाटगी, फूट चाटगी भायाँ ने
इंटरनेट डाक ने चरगी, भैंस्या चरगी गायाँ ने
टेलीफून मोबाईल चरग्या, नरसां चरगी दायाँ ने
देखो मर्दों फैसन फटको, चरग्यो लोग लुगायाँ ने
साड़ी ने सल्वारां खागी , पतलून खायगी धोती न
धर्मशाल ने होटल खागी, सैलून खायगी नायां न
ऑफिस ने कम्प्यूटर खाग्या, 'मागी' चावल चून खायगी
कुवे भांग पड़ी है सगळे, सब ने पछुवा पून खायगी
राग रागनी फिल्मा खागी, 'सीडी' खागी गाणे ने
टेलीविज़न सबने खाग्यो, गाणे ओर बजाणे ने
गोबर खाद यूरिया खागी, गैस खायगी छाणे ने
पुरसगारा ने बेटर खाग्या, 'बफ्फे' खागी खाणे ने
चिलम तमाखू हुक्को खागी, जरदो खाग्यो बीड़ी ने
बच्या खुच्यां ने पुड़िया खाग्या, खाग्या साद फकीरी ने
गोरमिंट चोआनी खागी, हाथी खाग्यो कीड़ी ने
राजनीती घर घर ने खागी, भीड़ी खाग्यो भीड़ी ने
हिंदी ने अंग्रेजी खागी, भरग्या भ्रस्ट ठिकाणे में
नदी नीर ने कचरो खाग्यो, रेत गई रेठाणे में
धरती ने धिंगान्या खाग्या, पुलिस खायरी थाणे में
दिल्ली में झाड़ू सी फिरगी, सार नहीं समझाणे में
ढाणी ने सेठाणी खागी, सहर खायग्यो गांवां ने
मंहगाई सगळां ने खागी, देख्या सुण्या न घावां ने
अहंकार अपणायत खागी, बेटा खाग्या माँ बाप ने
भावुक बन कविताई खागी, 'राज ' थारा भावां ने
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मारवाड़ी समझाइश
मारवाङी गाँवा री
हिँन्दी
1. आँटी मुझे चाय मत
घालना
मेरे पास पहले ही घणी है
2. यार पता नहीँ कल
किसी
ने
मेरी टाट मेँ भाटा मार
दिया
3. आप सभी ऊभे क्यूँ हो
हेठा
बैठ जाओ
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.4 मेने आपको बहुत दया पण आप लादया ही नही
5 जल्दी चलो मुझे मोड़ा हो रहा है
6 आप सीधा जाना एकदम नाक की डांडी पर फिर डावडा हाथ कण मुड़ के थोड़ा डोडा हो जाणा
7 मेरा बस्ता बिस्के मायन पड्या है
धापुडी द्वारा अपने मोट्यार को लिखा गया कागद: --
म्हार हिवडा का हार,
म्हारा सोलहा सिंगार,
म्हारी पप्पूडी का पापा…
थारी चौडी-चौडी राफा.!
हे प्राणनाथ जी,
गोपिया का नाथ जी,
म्हार रूप का दास जी,
त्रिलोकी का नाथ जी…
थाको कोजो घणों साथ जी…..!
हे म्हारी जलती ज्योत,
करवा चौथ,
धान का बोरा,
उन्डोडा औरा…
थाका एक दर्जन छोरी और छोरा..!
भोमिया का स्वामी,
म्हारी जामी सा थाकी,
सत्यानाशी,
कुल विनाशी,
कालिया की मासी,
चरणा की दासी,
थार प्राणा की प्यासी,
थाकी पाताल फोड लाडली,
धापुडी का पगा लागणा मानज्यों…
और हो सक तो आखा-तीज पर घरा पधारज्यों…।।
आगे समाचार एक बाचज्यों कि–
सुसरो जी ने हिडकीयों कुत्तों खायगों…
और चौथियों चौथी मैं चौथी बार फेल आयगों.!
सुसरो जी तो हिडक्यो होर मरग्या…
पण मरता मरता सासू जी न हिडक्या करग्या…..!
सासू जी मरा मौत, कु-मौत, कुत्त की मौत और
सासू जी न मरता देख म्हारो भी मरणा सू मन फाटग्यों है…
जीतियों नाई काल स्वर्ग सिधारगों और
बीको तियो पंडत गरूड्यों करायग्यों है.।
गीतूडी के करमडा में है ना
जुआ पडगी है…
और सीतूडी क काना की एक बाली गमगी है…..!
थाकी काणती काकी काल
छाछ खातर घरा आर लडगी…
और म्हारी बडकी सेठानी
घीनाणी सु पानी ल्याती पडगी…..!
भुवाजी रोजीना ही गुन्द का लाडू खावै…
और नानूडा की लुगाई में
मंगलवार की मंगलवार पीतर जी आवै…।।
पपीयों,गीगो,लाल्यों और
राजिया की लुगाई चलती री,
पण थे तो जाणो ही हो
राम के आगे किको बस चाल है…
और होणी न कुण टाल है…..!
हे म्हारा बारहा टाबरा का बाप…
थानै लागै शीतला माता को श्राप..!
थे आदमी हो या हरजाई…
थे मनै अठै ऐकली छोडगा थान शरम कोनी आई.!
थे आ पूरी पलटन म्हारै वास्तै छोडगा…
एक इंजन मैं बारह डब्बा जोडगा..।
इ बार सर्दी अणहोती पडे है,
ई वास्तै टाबर घणा रोव है…
दो चार दिना सु भूखा ही सोव है…!
थाकि माय न
अब भी थोडी घणी शरम बाकी होव तो
पाछा कदै ही मत आइज्यों…
पर पाँच हजार रूपिया हाथु हाथ भिजाज्यो..
एक बार एक विदेशी राजस्थान आया..
तभी सड़क पर एक लम्बा काला साँप पड़ा दिखाई दिया...
विदेशी चिल्लाया- दिस इस स्नेक, दिस इस स्नेक...
पीछे से किसान आया और विदेशी के सर पर जोर से मार कर कहा.... डफोल
दिस इस नोट स्नेक...
दिस इस गोगा महाराज
चल हाथ जोड
लड़का व्हॉटसअॅप पे अपनी मारवाड़ी गर्लफ्रैंड से गप्पें लडा रहा था ।
लड़का- प्रिये सो रही हो, तो स्वप्न भेजो,
जाग रही हो, तो यादें भेजों,
हँस रही हो, तो खुशी भेजों,
रो रही हो, तो आसुँ भेजो ।
लड़की का रिप्लाय आया....
ठीकरा मांज री हूँ .... भगोलो... भेजूँ कई???
अगर चीन की बार्डर अपने राजस्थान से लगती, तो अपने राजस्थान , की लुगाईया "छाणा" थेपती -थेपती आधा चीन पे कब्जो कर लेती.....
लड़की: मैं तुम्हारे प्यार में लुट गई,
बर्बाद हो गई, बदनाम हो गई।
लड़का: तो डाकण मैं थारा प्यार म kisso कलक्टर बण ग्यो।
राजस्थान की लड़की को अंग्रेजी सीखने का जुनून चढ़ गया। एक बार जब वह ऑटो में बैठी तो बोली- ओ माई गाॅड, अतरी माटी!
ऑटो से उतर कर वह बाजार में जूती लेने लगी तो दुकानदार से बोली- ब्रदर जूती आगे से तो ओके है पण पीछै सूं बटको भरै है।
फिर गोलगप्पे खाने लगी तो गोलगप्पे वाले को बोली- ब्रदर तेरे गोलगप्पे तो नाइस हैं, पण वाटर में थोड़ा लूण कमती है।
नमस्कार को टाटा खाया,नूडल को आटा!! अंग्रेजी के चक्कर मेंहुआ बडा ही घाटा !!!! बोलो धत्त तेरे की !! माताजी को मम्मी खा गयीपिता को खाया डैड!! दादाजी को ग्रैंडपा खा गये,सोचो कितना बैड !!!! बोलो धत्त तेरे की !!गुरुकुल को स्कूल खा गया,गुरु को खाया चेला!! सरस्वती की प्रतिमा परउल्लू मारे ढेला !!!!बोलो धत्त तेरे की !!चौपालों को बियर बार खा गया,रिश्तों को खाया टी.वी.!! देख सीरियल लगा लिपिस्टिकबक-बक करती बीबी !!!! बोलो धत्त तेरे की !!रस्गुल्ले को केक खा गयाऔर दूध पी गया अंडा!! दातून को टूथपेस्ट खा गया,छाछ पी गया ठंढा !!!! बोलो धत्त तेरे की !!परंपरा को कल्चर खा गया,हिंदी को अंग्रेजी!! दूध-दही के बदलेचाय पी कर बने हम लेजी !!!!बोलो धत्त तेरे की||
राजस्थानी छोरी अपने बॉयफ्रेंड से...
छोरी: आज तो मने मेक्ड़ोनल्स लेजा....
छोरो: ले जाऊं पण पेली बिकी
स्पेलिंग बोल के बता..
छोरी: ( दो मिनट सोचणे के बाद) वा रेणदे इयान कर "के.एफ.सी " में ले चाल...
छोरो: ले जाऊं पण पेली बिको फुलफोम बता..
छोरी: रेण दे र मंगता
चाल समोसो खुवा दे..
भासा अपनी प्रेमिका सु- तू कई बात करे गेली तू केवे तो आसमान सु तारा तोड़ ने लियाऊ
प्रेमिका:- तारा तोड़न रे पेली एक काम कर मारी माँ अचार वास्ते 2 किलो कैर लिया है वे चुट दे।
मारवाड़ीयो की आवाज की बुलंदी इतनी हँ
की
अगर वो एक बार कान मे
कानिया
मानिया
कुर्रर्ररररररर
बोल दे तो हवाई जहाज़ की आवाज को भी फैल कर दे
महेंद्र सा नगर ने श्रद्धांजलि
नगर नगीनों नाथ क्यूँ तू म्हांसूं कोसियो
हे हरी थारे हाथ राखे चाही मेट दे
महेंद्र गढ़ मेहरान मान बढायो मोकळो
हुया सुण हैरान बेगो आंथ्यो भान अज
मालानी रो मालको मारवाड़ री आण
महेंद्र मोटो मानवी छोड़ चल्यो कमठाण
साहित जग सूनो हुयो हुई घण अज हाण
महेंद्र बिन सुनो हुयो देखो गढ़ मेहराण
संस्कृति रो सूरमो छायो देश विदेश
अनबेल्या ही चल दियो ठावी लागी ठेश
अवनी पे अंधियार ज्यूँ हो जावे भान बिन
देखु नजर पसार नगर बिन मेहराण हुयो
कुण राखे अब ध्यान मायड़ रो हे महेन्द्रा
जग में हुई पिछाण थारे बल मायड़ तणी
एक नर राजा मान दूजो नर महेन्द्रा
भगती री पहचान जग में कराई जोर की
राजावत श्रवण सी
दो लूगाई आपस मै बात कर रही थी
एक जनी बोली डावङी मारा पती दैवता है।
दूसरी बोली डावङी थारा भाग जोरका है
म्हारा पती तो हाल ही जिवंता है
बातां राजस्थान री।
ई बातां मिनख भूलै कोनी...
आ समझ ल्यो कै , बै बातां ऊँट गै डाम हाळी सी हुवै।
,
मेरो नयो नयो ब्याव हुयो हो ।
दिसंबर के महीना में ! कोई दस दिन बाद मळ लाग ग्या ! दो जनवरी नै मेरी सासु मनै तार भेज्यो ...
अब मैं तो पढ़यो लिख्यो आदमी
तारबांच्यो !! बो तार मेरी सासु भेज्यो हो !"कै कंवर साब मळ् शरू हुग्या थे शनिवार नै आ ज्यायो तेल बाळ स्यां ....गुलगुला बड़ा खा लेया
"मै दूसरे ही दिन एक देसाई बीड़ी गो मंडळ ,एक मर्फी हालो रेडियो लेगे सासरै पुग ग्यो !
बठै मनै तातो पाणी झलायो । मनै थोड़ो रौब झाड़नो हो ,
मैं बोल्यो -"तातो पाणी तो लुगाई पताई पीवै अर का फेर कमजोर मोट्यार .... मैं तो कोरै मटकै को पाणी पीऊँ
"सगळा वाह वाह करी कै जंवाई तो जबर मोट्यार है ।मनै कोरो किंकर सो पाणी झला दियो और में एक सांस में लौटो खाली कर दियो ।
मेरै गळै स्यूं लेगे किडनी फ़ेफ़डा ताईं सपीड उपड़यो ..
.जाणै कणी लट्ठ घसो दियो है....पण में सहन कर ग्यो।
आथण मेरी सासु गुलगुला बड़ा बणाया ...मैं खूब गुल गुला बड़ा खाया और ठंडो पाणी ओज्यु पियो!
फेर थोड़ी देर तक बीड़ी पी और आल इंडिया रेडियो पर ठुमरी दादरी सुणी ।रात नै दस बजे मेरी सासु रजाई और सोड़ीयो झलायो।
मैं पाछो रौब झाड़ दियो -"ना माँजी रीजाई पाछी ले ज्यावो ... मनै तो इस्यो पाळो सुवावै।"मेरी सासु रीजाई पाछी लेके उठगी ।
में भगवान् नै हाथ जोड़के और एक आनंदकर गोळती लेकर सो ग्यो ।
रात नै बारा बजे मेरा हाड कांपण लाग ग्या ....में घणी कोशीश करी, पण दांत कांट किलारी हाळै ज्यूँ कूट कूट कूट कूट करण लॉग ग्या ।
मेरो सब्र जवाब दे ग्यो ... कै आज मोट्यार कल्डो हुगै मरसी ...इयां तो गंडक ही को मरै ।में उठ्यो और रीजाई ल्याण खातर दूसरै कमरै में बड़ग्यो !
गळती स्यूं रसोई में घुस ग्यो ..इनै बीनै हाथ मारया जणा एक लौटे क ठोकर लागगी ।लौटियो गुड ग्यो और मेरी सासु जाग गी ।
मैं शर्मीज ग्यो और पाछो जा क मांचलियै पर पड़ग्यो .. मेरी सासु सोच्यो कै कंवर साब नै प्यास लागी है। बा एक सेर ळो ताँबे को लोटो भरयो और मेरै कनै आ क बोली --ल्यो
अंधेरो हो ... मैं सोच्यो कै सासु माँ रीजाई ल्याई है । मैं बोल्यो ,- ऊपर गेर दयो ।
सासु माँ ठंडो पाणी मेरै ऊपर गेर दियो और जा क सो गी ।
अब भाईडो में कई देर तो फाटेङो किन्नौ (पतंग) करै ज्यूँ थर्रर्रर ...थर्रर्र करयो ....फेर कलडो हुग्यो ..
.तीरकबाण हाळै ज्यूँ ।दिनगै समूचा मेरै कनै भेळा हुग्या । मेरो शरीर तो लट्ठ भर को कलडो हु राख्यो ।
कोई की उपाय बतावै कोई कीउपाय बतावै ।
फेर मेरी साळी बोली कै ...आपणो पाडियो कलडो हुयो जणा आपाँ बिंगे डाम दियो ...
जीजोजी गै भी डाम दयो , नई तो बाई नै धोळो ओढ़णो पड़सी ।
मेरी साळी रसोई में गई और चिंपियो तातो कर क ल्याई
मनै उल्टो करगे और मगरां में रीढ़ हाळी हाडी पर तातो चिंपियो चेप दियो ।
मेरी सर्दी तो जांती रहई पण बो डाम गो मंडाण आज भी है ।
खम्मा घणी सा®
भाईचारो मरतो दीखे,
पईसां (रूपया )लारे गेला
होग्या।
घर सुं भाग गुरुजी बणग्या,
चोर उचक्का चेला होग्या,
चंदो खार कार में घुमे,
भगत मोकळा भेळा होग्या।
कम्प्यूटर को आयो जमानो,
पढ़ लिख ढ़ोलीघोड़ा होग्या,
पढ़ी-लिखी लुगायां(औरते) ल्याया
काम करण रा फोङा होग्या ।
घर-घर गाड़ी-घोड़ा होग्या,
जेब-जेब मोबाईल होग्या।
छोरयां(लङकियो) तो हूंती आई पण
आज पराया छोरा होग्या,
राल्यां (बिस्तर)तो उघड़बा लागी,
न्यारा-न्यारा डोरा होग्या।
इतिहासां में गयो घूंघटो,
पोडर (POWDER)पुतिया मूंडा होग्या,
झरोखां री जाल्यां टूटी,
म्हेल(किला) पुराणां टूंढ़ा(पुराना मकान) होग्या।
भारी-भारी बस्ता होग्या,
टाबर टींगर हळका होग्या,
मोठ बाजरी ने कुण पूछे,
पतळा-पतळा फलका होग्या।
रूंख (पेङ) भाडकर ठूंठ लेयग्या
जंगळ सब मैदान होयग्या,
नाडी नदियां री छाती पर
बंगला आलीशान होयग्या।
मायड़भाषा ने भूल गया,
अंगरेजी का दास होयग्या,
टांग कका की आवे कोनी
ऐमे बी.ए. पास होयग्या।
सत संगत व्यापार होयग्यो,
बिकाऊ भगवान होयग्या,
भगवा भेष ब्याज रो धंधो,
धरम बेच धनवान होयग्या।
ओल्ड बोल्ड मां बाप होयग्या,
सासु सुसरा चौखा होग्या,
सेवा रा सपनां देख्या पण
आंख खुली तो धोखा होग्या।
बिना मूँछ रा मरद होयग्या,
लुगायां रा राज होयग्या,
दूध बेचकर दारू ल्यावे,
बरबादी रा साज होयग्या।
तीजे दिन तलाक होयग्यों,
लाडो लाडी न्यारा होग्या,
कांकण डोरां खुलियां पेली
परण्या बींद कंवारा होग्या।
बिना रूत रा बेंगण होग्या,
सियाळा में आम्बा होग्या,
इंजेक्शन सूं गोळ तरबूज
फूल-फूल कर लम्बा हो गया
दिवलो करे उजास जगत में
खुद रे तळे अंधेरा होग्या।
मन मरजी रा भाव होयग्या,
पंसेरी रा पाव होयग्या,
महंगाई री मार जीणां दोरा
आज होयग्या।
ऐडमिन साहब अपनी ससुराल जाने खातीर तैयार हौ रया था
तो माँ बौली.. उठे टाबरा खातर हरा फल ले जाऐ
ऐडमिन.. एक किलो हरी मिर्च लेगो
ससुराल पहुंच तै ही टाबर चिपटगा.....
मिर्च लेकर एक एक बटका भरया तो सब रौवन लागया
अपना ऐडमिन बोलयो.. ससुरो रोवो
कयू हो! एक- एक और लै लो..
राकेश : पापा मे जीवन मे आगे बढने के लिये क्या करू ?
पापा : भाटो ले और सबु पेली अणि मोबाईल ने परो फोड।
हद हो गई बन्ना लोगों,,,,एक ladki ने हमे देख कर अपनी सहेली से
कहा कि देख इनकी आखें कितनी नशीली हैं तो वा डाकण
बोली अरे थने ध्यान कोनी गैली ए बन्ना सा है आको दिन
पियोडा हि रेवे ................
राजस्थान री एक स्कूल में एक शिक्षक एक
छात्र सुं वीरता रो पर्यायवाची पुछयो
छात्र लिखणो शुरू करयो,
आन लिखयो, अर बान लिखयो,
पन्ना रो बलिदान लिखयो..
चेतक री टापां लिख डाली,
जौहर रो गुणगान लिखयो..
भामाशाह रो दान लिखयो,
मीरा रो विषपान लिखयो..
और अंतिम पन्ना पर काट्यो सब,
और "सगळा शिक्षक राजस्थान"
लिखयो.....
रण पीरा रो पीर है
रणसी गांव रो नाम
रण बंका राठोड झुंझे
भूत बावडी रो काम
पाणी हो पाताळ गयो
टूटो नेह और मान
भांत जाक रा मिनख बसिया
नही उण री पहचान
रण पीरा रो थान अठे
वैभव गणो अपार
खेती पाती नौकरी
और भटटा पर भौपार
सुंदर री है विणती
नैणा मे नेह लगाय
रणसी रे मान पर
जनम सफळ हौ जाय
सार संभाल सबरी करे
नेह गणो अपार
अनयाय जद होवण लागे
संबाडिया रे आान पर करले आर पार
चंपावत जाट रेबारी समरध गणा नाईक भांबी करे होड
धरम नगरी संबाडिया मे
सबरी है ठौर
सुंदर करै विणती
दादू रो परकाश
सतराम मे धयान गणो
जग मे गणो उजास
क्या आपको वो समय याद है
जब मम्मी पापा आपको घडी में टाइम देखने के लिए बोलते थे.....
और आप दौड़ते हुए वापस आते थे और बोलते थे
"मोटो काटो 8 पे है और छोटो काटो 5 पे है "
Excellent gyaan....
दुनिया मे वो कौन सी चीज है
जो सबसे जायदा बार फूलती है
फ़िर भी उसके आकार में कोई परिवर्तन नहीं होता ?????
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लुगाई को थोबड़ो ...
एक बार एक गणित के अध्यापक से उसकी पत्नी ने गणित मे प्यार के दो शब्द कहने को कहा, पति ने पूरी कविता लिख दी : म्हारी गुणनखण्ड सी नार, कालजो मत बाले,
थन समझाऊँ बार हजार, कालजो मत बाले----------------
1. दशमलव सी आँख्या थारी,
न्यून कोण सा कान,
त्रिभुज जेडो नाक, नाक री नथनी ने त्रिज्या जाण,
कालजो मत बाले----------------
2. वक्र रेखा सी पलका थारी,
सरल भिन्न सा दाँत,
समषट्भुज सा मुंडा पे,
थारे मांख्या की बारात,
कालजो मत बाल--------------- 3.रेखाखण्ड सरीखी टांगा,
बेलन जेडा हाथ,
मंझला कोष्ठक सा होंठा पर टप-टप पड रही लार,
कालजो मत बाले----------------- 4.आयत जेडी पूरी काया,
जाणे ना हानि लाभ,
तु ल. स. प. मुं म. स. प.,
चुप कर घन घनाभ, कालजो मत बाले----------------- 5.थारा म्हारा गुणा स्युं. यो फुटया म्हारा भाग |
आरोही -अवरोही हो गयो,
मुंडे आ गिया झाग |
कालजो मत बाले ----------------
म्हारी गुणनखण्ड सी नार कालजो मत बाले ----------------
थन समझाऊँ बार हजार कालजो मत बाले ----------------।
यदि मेट्रो जोधपुर मे शुरू होती हे
तो चेतावनी सुचना इस प्रकार होगी ...
1) धकलो टेशन सोजतीया गेट आवेला,
आडो जीवना हाथ कनी खुलेला, हावल
ऊतरजो सा,
हेठे आगिया तो थाणो कादो निकल जावेला ।
2. टेशन माथे पीली पट्टी रे
लारे ऊबा रईजो,
गेलाइया मत करजो सा ।
3. मेट्रो रो पहलो डब्बो लुगाइयो रो है,
आदमीया लोग डोपा हुवेजु घुस जो मती,
एडो करियो तो पछे होटा पडेला ।
4) मेट्रो मे लुगाया ओर बुढा माईता ने
पहली बैठवा दीजो सा ।
5) मेट्रो मे आवो तो स्मार्ट कार्ड काम मे लिजो,
चार पईसा थाणा ही बचेला ।
6) ओर हेन्गाऊ जरूरी बात..मिराज ओर
गुटखो खाने अटी वटी मत
पिचकारीया मारजो.
थाणा काकोसा केमरा मे हेंग देखे है ।
हमारे दादा बा के समय के सुखी जीवन के सूत्र .......
*घर बनानो छोटो,
कपडो पहननो मोटो !
खानो जवार को रोटो,
तो कभी ना आय टोटो !!
आज की पीढी के नये सूत्र-
घर बनानो मोटो,
कपडो पेननो छोटो !
करजो लेनो मोटो,
खानो होटल को रोटो,
तो हमेशा ही रेवे टोटो!!
कुछ लडकिया कहती है की उन्हें जोधपुर
के लड़के पसंद
नहीं
मैंने भी बोल दिया.....
शेरो के साथ शेरनिया अच्छी लगती है बंदरिया और
बकरिया नही......!
हम बादशाहो के बादशाह है इसलिए गुलामो जैसी हरकते नहीं,
नोटो पर फोटो हमारी भी हो सकती थी पर लोगो की जेब मे रहना हमारी फितरत नहीं..!!
एक लड़की स्वर्ग मे गयी और
यमराज से बोली :
मेरी शादी किसी जोधपुर
लड़के से करवा दो..
यमराज : सब्र कर ले बेटी..
पहले जोधपुर के
किसी लड़के को स्वर्ग मे तो आने दे. आज तक तो कोई आया नहीं.
सुधर जाओ कमीनों,
बात उपर तक पहुच गयी है।